National Scientists & Engineers’ Conference on “Personal Effectiveness” at Mount Abu

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Mount Abu : The Brahma Kumaris in association with its Scientist and Engineering Wing of  Rajayoga Education and Research Foundation organized an All India Conference on  ‘Enhancing Personal Effectiveness’ at Gyan Sarovar Academy for Better World here. Hundreds of participants from all over the country came for this event.

Dr. Dadi Janki, Head of the Brahma Kumaris organization, addressed this gathering through a video message. She said that science is doing good progress today. But the power of silence is no less. Keeping the reasoning aside, only faith in the message of the Supreme Soul is needed. Sending positive vibrations to all is the need of the hour.

Mr. Mahendra K Singhi, MD and CEO of Dalmia Cement, was the chief guest on this occasion. He thanked the organizers for this invitation and said that visit to Madhuban increases personal effectiveness. One should always aim high and think positive.

BK Mohan Singhal, Chairperson of the Scientist and Engineer Wing, also shared his views.He said that spirituality is the basis of Indian Culture. The quality of giving increases the shine of a person’s character. Rajyoga is an effective way to increase personal effectiveness.

Rajyogini BK Godavari, Subzone incharge Mulund Mumbai, while addressing the gathering said that effective personalities need not speak much.Their power is felt by all.Brahma Baba, founder of Brahma Kumaris, was one such personality. One should continuously strive for improvement in one’s personality in a constructive manner.

BK Jawahar Mehta, National co ordinator of the Scientist and Engineer Wing, in his address talked about the effect of will power. For persons with strong will power, nothing is impossible. Walking on the spiritual path increases personal effectiveness.

The message of BK Nirwair, secretary general of Brahma Kumaris, was also read to all.

BK Bharat Bhushan, National coordinator of the Scientist and Engineer Wing, also expressed his good wishes for this initiative.

News in Hindi :
Press Release -1 

माउंट आबू (ज्ञान सरोवर), २७ जुलाई २०१९। आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, “वैज्ञानिक और अभियंता प्रभाग” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय था ‘व्यक्तिगत प्रभावशीलता’। इस सम्मेलन में देश के सैकड़ों प्रतिनिधिओं ने भाग लिया। दीप प्रज्वलन के द्वारा सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ। 

ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी ने वीडियो संदेश के माध्यम से सम्मेलन में पधारे प्रतिनिधिओं को अपना संदेश सुनाया। आपने कहा “साइंस अपना काम अच्छा कर रहा है। मगर साइलेंस भी कम नहीं। ना कुछ बोलना है और ना ही कुछ सोचना है। परमात्मा की याद में रह कर पूरी दुनिया को  परमात्मा का प्रकाश  पहुँचाना  है। पॉजिटिव वाइब्स पहुँचाना है।”
 
डालमिया सीमेंट, दिल्ली के एम्. डी. तथा सी... महेंद्र के सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में अपना व्याख्यान रखा। आपने कहा कि मैं आज गौरवान्वित हूँ यहां आकर। जो कोई भी यहाँ आ गया है उनकी प्रभावशीलता में तो वृद्धि आ ही गयी है। यह इतना उत्तम स्थान है। मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूँ और उनके सामने नतमस्तक हूँ। हम सभी अपना कार्य बेहतर से बेहतर करना चाहते हैं। सकारात्मक सोच से हमारी प्रभावशीलता बढ़ जायेगी। मैंने विचार किया कि मुझे डालमिया सीमेंट को प्रथम ५ में लाना है और मुझे वैसा करने में सफलता मिली। अगर मैं प्रथम ३ में आने के बारे में विचार करता तो शायद वह भी हो जाता। अर्थात अपना लक्ष्य भी ऊंचा रखें तो अच्छी सफलता मिलेगी। अब पर्यावरण शुद्धि की दिशा में हम आगे जा रहे हैं और हमें सभी का सहयोग भी मिल रहा है। और समय के पूर्व हम वैसा कर पाएंगे।
 
वैज्ञानिक और अभियंता प्रभाग के अध्यक्ष राजयोगी मोहन सिंघल ने आज के विषय पर प्रकाश डाला। कहा – हमारी संस्कृति का आधार ही आध्यात्म है। इस संस्कृति के अनुसार यह संसार पुरुष और प्रकृति का खेल है। अर्थात आत्मा और शरीर का खेल है। आत्मा ही पुरुष है। वैसे तो लोग इस दुनिया में सब कुछ छोड़ कर जाते हैं। मगर पुरुष, अर्थात आत्मा अपने साथ जीवन मूल्यों को लेकर जा सकती है। देना एक सर्वश्रेष्ठ मूल्य है। देते-देते आत्मा प्रभावशील बन जाती है। हमारी प्रभावशीलता बढ़ती जाती है। मन को जीतना भी बड़ी बात है। मगर राजयोग के अभ्यास से यह काफी आसान है।
 
वैज्ञानिक और अभियंता प्रभाग, दिल्ली के राष्ट्रीय संयोजक बी के जवाहर मेहता ने सम्मेलन को शुभ कामनाएं इन शब्दों में दीं, कहा जहां चाह – वहाँ राह. एक व्यक्ति क्या नहीं कर सकता। इस संस्थान के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के जीवन का अध्ययन जब आप करेंगे तो आपको बल मिलेगा। आज लाखों लोग उनके अनुयायी बनकर आध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर हो चुके हैं। यह उन एक वयक्ति के जीवन मूल्यों का ही प्रभाव है। अतः हम सभी को पहले अपनी प्रभावशीलता का विकास करना होगा। ऐसा विकास तभी होगा जब हम आध्यात्म का सहारा लेंगे। खुद को जानेंगे और शुरुआत वही से करेंगे।
वैज्ञानिक और अभियंता प्रभाग, मुंबई के क्षेत्रीय संयोजक राजयोगिनी गोदावरी दीदी ने सम्मेलन को अपना आशीर्वचन दिया। “हीरा मुख से ना कहे -लाख टका मेरा मोल” – ब्रह्मा बाबा की प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिये ऐसा कहा जा सकता है। प्रभावशीलता की यह एक बड़ी सी पहचान है। मुख से कुछ भी कहने की जरूरत नहीं पड़ती। बस अपना निर्माण करना होता है। हमेशा अपना परिवर्तन करते रहो। एक्टिव बनो – अलर्ट बनो। परिवर्तन सकारात्मक होना चाहिए। लोगों को भला करते चलो। प्रभावशीलता में वृद्धि होती जायेगी।
 

वैज्ञानिक और अभियंता प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बी के भारत भूषण ने सम्मेलन को अपनी शुभकामनाएं दीं। वैज्ञानिक और अभियंता प्रभाग, दिल्ली के क्षेत्रीय संयोजक बी के पियूष ने संस्थान के महासचिव राजयोगी निर्वैर जी का भी संदेश पढ़ कर सुनाया गया। वैज्ञानिक और अभियंता प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बी के भरत ने पधारे हुए अतिथियों का स्वागत किया। बी के माधुरी ने मंच का संचालन किया।

Press Release 2

विज्ञान का अनुचित उपयोग मानव के लिए घातक
ब्रह्माकुमारी संगठन में विज्ञान व तकनीकी प्रभाग का सम्मेलन आरंभ
 
माउंट आबू: डालमिया सीमेंट प्रबंधक, निदेशक महेंद्र के. सिंघी ने कहा कि विज्ञान का अनुचित उपयोग करने से उसके घातक परिणामस्वरूप मानव जीवन खतरे में पड़ गया है। भौतिक संसाधनों के रेडियेशन से  मानव, जीव-जन्तु वनस्पतियां दुष्प्रभाव का शिकार हो रही हैं। अनावश्यक अपेक्षाओं को पूर्ण करने की परिपाटी से पर्यावरण संतुलन लडख़ड़ा रहा है। अध्यात्म के मनोविज्ञान में जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान समाया हुआ है। अध्यात्मिक सशक्तिकरण से मानव मूल्यनिष्ठ बनेगा जिससे उसके कर्म सुखदायी होने से पर्यावरणीय विज्ञान वरदान साबित होगा। आध्यात्मिक, वैचारिक रूप से सशक्त होने से कर्म प्रकृति व मानवहित में होंगे। यह बात उन्होंने शनिवार को ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में विज्ञान व तकनीकी प्रभाग की ओर से प्रभावशाली व्यक्तित्व विषय पर आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही।
महाराष्ट्र जोन मुलुंड प्रभारी राजयोगिनी बीके गोदावरी बहन ने कहा कि विज्ञान व अध्यात्म मानव जीवन का हिस्सा बन चुका है। अपने आंतरिक मूल्यों के अनुसरण से ही लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है। मंजिल तक पहुंचने के लिए जीवन में सदैव सीखने की ललक बनी रहनी चाहिए।
प्रभाग अध्यक्ष बीके मोहन सिंघल ने कहा कि आध्यात्मिक पर आधारित भारतीय संस्कृति के सिद्धांतों को अनुसरण करने की जरूरत है। पुरुष व प्रकृति के समन्वय से संसार के इस खेल में स्वयं को साक्षी रखने का अभ्यास करने से ही भौतिकता व आध्यात्मिकता संतुलन रखा जा सकता है। संकल्पों में, बोल में, कर्मों में पारदर्शिता होने से हर कार्य में सफलता मिलती है।
राष्ट्रीय संयोजक जवाहर मेहता ने कहा कि दैहिक और आत्मिक ज्ञान का अंतर जानने से जीवन की वास्तविकता को समझा जा सकता है। सही अर्थों में मन, वचन, कर्म की पवित्रता मनुष्य के संस्कारों में समाई हुई है।
राष्ट्रीय संयोजक भारत भूषण ने कहा कि धर्म के बिना विज्ञान अन्धा है और विज्ञान के बिना धर्म लगंड़ा। विज्ञान व धर्म दोनों को गहराई से समझने की जरूरत है। अन्तरात्मा के ज्ञान बिना विज्ञान का उपयोग विनाश के कगार पर ले जायेगा।
मुख्यालय संयोजक बीके भरत ने कहा कि मानसिक प्रदृषण को दूर करने से ही विज्ञान का सदुपयोग किया जा सकता है। अंतर्चेतना जागृत होने से मन सकारात्मकता से भरेगा व पर्यावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा फैला सकेंगे।
इस अवसर पर दिल्ली क्षेत्रीय संयोजक बीके पीयूष, राजयोग प्रशिक्षिका बीके माधुरी बहन ने भी विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व नन्हें-मुन्हें कलाकरों ने गीत व नृत्य के माध्यम से कार्यक्रम की शुरुआत की।
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