President of India Inaugurates 2-day National Women Convention at Brahma Kumaris HQ

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Abu Road (RJ): His Excellency Ram Nath Kovind,  the President of India inaugurated the 2-day National Convention on “Empowerment of Women for Social Transformation” at the Brahma Kumaris World Headquarters in Abu Road, Near Mount Abu with a candle lighting. Rajasthan State Governor Kalraj Mishra, Rajasthan State Energy Minister BD Kalla, and First Lady Savita Kovind also graced the occasion.

Honorable President of India in his address said that he is greatly pleased to have come to an organization that is actively involved in transforming humanity for the better. Today, everyone searches for peace and tries to find it from outside things. Spirituality is the highest and best way to peace. Spiritual path leads us to good and moral conduct effortlessly. It is the culmination of all religious paths. He agreed with Dadi Janki’s view that we are all children of that same Supreme Soul.

Mr. President said that the Brahma Kumaris Organization is a stellar example of women empowerment in front of the world. Brahma Baba, the founder of this organization, made jewels out of many women with his spiritual principles. He gave the title of “Jewels” to all Brahma Kumaris sisters. He appreciated Dadi Janki’s service to humanity and also as the Brand Ambassador of Swachh Bharat Abhiyan. He also referred to the efficacy of Rajyoga Meditation, as it has successfully transformed so many people. He also mentioned the appreciable services of BK Sister Shivani.

The Honorable President said that women’s issues are fairly highlighted today by organizations like the Brahma Kumaris, as it is the largest spiritual organization being run by women in the world today. Using spirituality as the means of women empowerment shows the far-sighted approach of this place. Empowering women empowers the whole society. Sensitizing society towards women is everyone’s responsibility. It is highly appreciable that the Brahma Kumaris are working actively to support the Sustainable Development Goals of the United Nations and also for Climate Change awareness. The Brahma Kumaris network is an asset to our society. Their community dining is very efficacious and famous as it brings harmony and equality in society. This organization is an apt example of how to use women’s power constructively.

He further said that the theme of this national conference is very relevant. The Brahma Kumaris is carrying out the empowerment of women for social change in the true sense. He emphasized that a society based on equality and harmony could only be possible by empowering women. He said that women’s safety is a very serious issue. A lot of work has been done on this subject but much remains to be done. The incidents of demonic attacks on girls shake the conscience of the country. It is the responsibility of every parent to instill among boys the feeling of respect for women.

Rajayogini Dadi Janki, Chief of the Brahma Kumaris, while addressing the gathering said, Truth, Cleanliness, and Simplicity are needed.  Honesty in the Heart, Cleanliness in activities gives power. Have courage and you will receive help from the Supreme Father. She underlined who am I – I am a soul, who do I belong to – everyone belongs to the One Supreme Father, and what I have to do – benefit the world with love, peace, and happiness.

Rajayogini BK Chakradhari, Chairperson of the Women’s Wing of the Rajayoga Education and Research Foundation, gave the experience of deep peace and silence through a guided commentary.  

Rajayogi BK Nirwair, Secretary General of the Brahma Kumaris, welcomed all on this special occasion; Rajayogi BK Mruthyunjaya, Executive Secretary of the Brahma Kumaris, felicitated the President; and Rajayogini BK Asha, Director of Om Shanti Retreat center, well-coordinated the whole event.

Rajayogi BK Brij Mohan, Additional  Secretary General of the Brahma Kumaris and Rajayogini BK Sister Shivani, International Motivational Speaker, were also present at this occasion.

News in Hindi:

– राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शांतिवन, आबूरोड में किया दो दिवसीय राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का उद्घाटन
– ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय पहुंचे राष्ट्रपति ने सपत्नीक संस्थान की मुखिया दादी जानकी से की मुलाकात
– राष्ट्रपति बोले- मैं यहां दादी जानकी से मिलने, उनके आशीर्वचन सुनने और उनका आशीर्वाद लेने आया हूं। दादी का संदेश हम सभी एक परमात्मा की संतान हैं ये सभी समझ जाएं तो सारी समस्याएं खत्म हो       जाएंगी
  ब्रह्माकुमार-ब्रह्माकुमारियों को दी रत्न की उपाधि
  पॉस्को एक्ट के तहत होने वाली घटनाओं के दोषियों को दया याचिका के अधिकार से वंचित किया जाए: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद  
– हैलीपेड पर प्रशासनिक अधिकारी व राजस्थान सरकार के मंत्री ने किया स्वागत, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी की शिरकत

फैक्ट फाइल-
12.35 बजे दोपहर में राष्ट्रपति हैलीपेड पर पहुंचे
12.45 बजे शांतिवन में काफिले के साथ हुआ आगमन
06 हजार से अधिक देशभर से वीआईपी हुए शामिल
800 से अधिक सरकारी अधिकारी-कर्मचारी, जवान, सुरक्षा अधिकारी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में जुटे
6 दिसंबर, आबू रोड (राजस्थान)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को ब्रह्माकुमारीज संस्थान में महिला सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि बेटियों पर होने वाले आसुरी प्रहारों की वारदातें देश की अंतर आत्मा को अंदर तक झकझोर कर रख देती हैं। लड़कों में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी हर माता-पिता की है, हर नागरिक की है, मेरी है, आपकी भी है। इसी संदर्भ में कई बातें आ रही हैं। इस प्रकार के जो दोषी होते हैं उनको संविधान में दया याचिका का अधिकार दिया गया है। मैंने कहा कि इस पर आप पुन: विचार करिए। दया याचिका के अधिकार को ऐसे केस में जो पॉस्को एक्ट में घटनाएं होती हैं उनको ऐसे दया याचिका के अधिकार से वंचित कर दिया जाए। उन्हें ऐसे किसी भी प्रकार के अधिकार की जरूरत नहीं है। अब ये सब हमारी संसद पर निर्भर करता है कि उसमें एक संविधान है, संविधान संशोधन हो। लेकिन उस दिशा में हम सबकी सोच आगे बढ़ रही है।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय आबू रोड स्थित शांतिवन परिसर में महिला सशक्तीकरण द्वारा सामाजिक परिवर्तन विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी और ऊर्जा संरक्षण मंत्री बीडी कल्ला ने दीप प्रज्जवलित कर किया। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महिला सुरक्षा बहुत ही गंभीर विषय है जिसका सम्मेलन में उल्लेख भी किया गया है। इस विषय पर बहुत काम हुआ है लेकिन अभी बहुत काम करना बाकी है।

विश्व पटल पर प्रभावी भूमिका निभा रहा है संस्थान

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि लगभग विश्व के 140 देशों में आठ हजार से अधिक सेवाकेंद्र के माध्यम से ब्रह्माकुमारीज संस्थान विश्व पटल पर अपनी प्रभावी भूमिका निभा रहा है। पूरे विश्व में ये सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। संस्थान ने पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया है। महिलाओं के सशक्तीकरण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, स्वच्छता के क्षेत्र में संस्थान सामाजिक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। राष्ट्रपति ने ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन में सहभोज की व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि यहां सभी वर्गों, जाति-धर्म को लोगों को लिए एकसमान सहभोज की व्यवस्था सराहनीय है।बेटियों का हो रहा सशक्तीकरण, बांसवाड़ा बेहतर उदाहरण
राष्ट्रपति ने कहा कि देश में चाइल्ड सेक्स रेशियों में सुधार हो रहा है। महिलाओं का सशक्तीकरण हो रहा है। आज देश में दस लाख से अधिक महिलाएं पंचायती राज में जिम्मेदारी संभाल रही हैैं। देश में पहली बार 78 महिला सांसद निर्वाचित होकर संसद पहुंची हैं। जनधन योजना के तहत खोले गए खातों में 52 फीसदी खाते महिलाओं के हैं। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में प्रति हजार बेटों पर 1005  बेटियां पैदा होना ये सब बातें नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा देती हैं।महिलाओं के विकास से ही समाज का विकास संभव
राष्ट्रपति कोविंद ने जोर दिया कि महिलाओं को आगे बढ़ाने और उनके विकास में ही राष्ट्र का विकास संभव है। शिक्षा सशक्तीकरण का आधार होता है। आज बालिकाओं की शिक्षा को सुविधाजनक बनाया जा रहा है। स्कूलों में शौचालय से लेकर अन्य व्यवस्थाएं होने से छात्राओं को सुविधा मिली है। एक बालिका शिक्षित होती है तो दो परिवारों को लाभ मिलता है। शिक्षित महिला के बच्चे कभी अशिक्षित नहीं होंगे। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने सदा महिलाओं के विकास के लिए कार्य किया है। आज उनका परिनिर्माण दिवस भी है, उन्हें सुबह संसद में श्रद्धांजलि देकर सीधे यहां आया हूं।

हम सभी एक ईश्वर की संतान हैं: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि जब हमें शांति नहीं मिलती है तो भटकते हैं और लगता है कि उपासना पद्धति में शांति मिलेगी। यदि हम हिंदू परंपरा को मानने वाले हैं तो मंदिर जाएंगे, सिख परंपरा को मानने वाले हैं तो गुरुद्वारा जाएंगे, मुस्लिम परंपरा को मानने वाले हैं तो हम मस्जिद जाएंगे और ईसाई परंपरा को मानने वाले हैं तो चर्च में जाएंगे। लेकिन इन सब चीजों के बाद भी हमें शांति नहीं मिलती है, लेकिन ब्रह्माकुमारीज ने आध्यात्म का जो मार्ग खोजा है, उसमें ये उपासना, पूजा पद्धति पहला चरण है। यदि आप इसमें सफल हुए हैं तो इसकी निशानी है नैतिक और मोरल वैल्यूज की धारणा होगी। यदि नैतिकता का अभाव रहता है तो समझ लेना चाहिए कि हमारी पूजा पद्धति में हम कहीं सफल नहीं हैं। अंत में आता है आध्यात्म। आध्यात्म के मार्ग पर चलने की सच्ची कसौटी  दादी जानकी ने बताई कि हम सब एक ईश्वर की संतान हैं। जिस दिन ये भाव हम सबमें आ जाएगा, उस दिन समझना चाहिए कि हमने आध्यात्म के रास्ते पर चलना प्रारंभ कर दिया है।ब्रह्माकुमारियों को राष्ट्रपति ने दी महिला रत्न की उपाधि
राष्ट्रपति ने कहा कि यहां हजारों की संख्या में उपस्थित राजयोगिनी महिलाओं का ये समूह विश्व के लिए एक मिसाल है। लगभग 80 वर्ष पूर्व इस ईश्वरीय संस्था को आरंभ करने वाले दादा लेखराज जो ब्रह्मा बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं। कहा जाता है कि वो हीरे-जवाहरात के व्यापारी थे। ये बात भी सच है कि एक जौहरी जो होता है वह हीरों का सच्चे मायनों में पारखी होता है। बाबा ने अनगढ़ पत्थरों को तराशकर चमकदार हीरों का रूप दिया है। ब्रह्मा बाबा ने आजीवन हीरों को तराशने का काम किया है। आज यहां आप सभी ब्रह्माकुमारियों के रूप में बाबा की सोच से तराशे हुए हजारों महिला रत्न यहां उपस्थित हैं। मैं आपको महिला रत्न की उपाधि देता हूं। राष्ट्रपति ने दादी जानकीजी के उद्बोधन को लेकर कहा कि जीवन में सच्चाई, सफाई और साधारणता होना जरूरी है। वास्तव में दादी के उद्बोधन से हम सभी को यह सीख लेना चाहिए। मैं यहां दादी से मिलने, उनके आशीर्वचन सुनने और उनसे आशीर्वाद लेने आया हूं। दादी का पूरा जीवन ईश्वरीय सेवा के लिए समर्पित है।भारत का हर नागरिक प्रथम नागरिक
प्रथम नागरिक से अभिप्राय बताते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि यदि एक गोलाकार वृत्त बनाया जाए और उसके बीच में मुझे खड़ा किया जाए तो भी 130 करोड़ लोगों में जिस पर आप अंगुली रखेंगे तो वह भी प्रथम नागरिक होगा। आज पूरा विश्व शांति की खोज में है। वास्तव में शांति हमारे अंदर ही है। आज लोगों के पास अच्छे रिश्ते, परिवार, पैसा, नौकरी होने के बाद भी सुखी नहीं हैं क्योंकि शांति बाहर खोज रहे हैं।

मन की भावनाओं का विश्लेषण करने की क्षमता इस बेटी में है

राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे जब भी समय मिलता है तो टीवी पर ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन का अवेकनिंग विथ ब्रह्माकुमारीज कार्यक्रम देखता हूं। मैंने देखा है कि इंसान के सामान्य व्यवहार के दौरान जो मनोभाव पैदा होता है उसका विश्लेषण करने की योग्यता इस बेटी में है। हाल ही मैं मैंने शिवानी बहन को नारी शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया है। संस्थान के लोगों में जो परिवर्तन आया है वह राजयोग की प्रभावी पद्धति का प्रमाण है।हम सबका पिता परमात्मा एक है: दादी जानकी
ब्रह्माकुमारीज की मुखिया 103 वर्षीय दादी जानकी ने कहा कि मैं कौन (आत्मा) और मेरा कौन (परमात्मा) ये दो बातें मैं सदा याद रखती हूं। हम सब एक पिता की संतान हैं। ईश्वर एक है, हम सबका पिता एक है। मैंने अपने जीवन में हर कार्य सच्चाई, सफाई के साथ किया। दिल में सच्चाई-सफाई और कारोबार में सादगी है तो हम कार्य में सफलता मिलना ही है। विश्व में आज शांति, खुशी और शक्ति की जरूरत है। हिम्मत हमारी, मदद भगवान की। मैं सबसे पहले 1974 में लंदन गई तो वहां पूछा कि आपके पति हैं तो मैंने कहा कि मेरा दिलबर परमात्मा है। उन्होंने आह्नान कि जो भी यहां बैठे हैं सभी में विश्व कल्याण की भावना रहे तो कभी लड़ाई-झगड़ा नहीं होगा। दादी ने राष्ट्रपति से कहा कि मेरे लिए कोई सेवा है तो इस पर पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा। ब्रह्माकुमारी•ा संस्थान के महासचिव बीके निर्वैर ने स्वागत भाषण देते हुए देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक नागरिक यह याद रखें कि हम सभी आपस में भाई-भाई और भाई-बहन हैं तो मन में घिनौने विचार पैदा नहीं होंगे।

ये भी रहे उपस्थित…
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, संभागीय आयुक्त बीएल कोठारी, आईजी सचिन मित्तल, जिला कलक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी, पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा, उपखंड अधिकारी डॉक्टर रवींद्र कुमार गोस्वामी, पुलिस उप अधीक्षक प्रवीण कुमार सहित देशभर से आए 6 हजार से अधिक लोग उपस्थित थे। संचालन ओआरसी दिल्ली की निदेशिका बीके आशा ने किया।

राष्ट्पति रामनाथ कोविन्द ने पाक्सो एक्ट के लिए समाप्त हो दया याचिका

राष्ट्रपति ने इन विषयों पर भी दिया जोर….
– दादी जानकी स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसेडर हैं जो यहां दिखता भी है।
– आप में नैतिकता का अभाव है तो समझना चाहिए कि हमारी ऊर्जा पद्धति में कहीं-कहीं कमी है।
– पूरी सृष्टि को ही विश्व विद्यालय कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
– हैलीपेड पर ब्रह्माकुमारी•ा संस्था और प्रशासनिक अधिकारियों ने सम्मान किया।
– शांतिवन परिसर बना छावनी, चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे पुलिसकर्मी
– सभी की मेटर डिटेक्टर से जांच के बाद मिला प्रवेश। 
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने पाक्सो एक्ट के लिए समाप्त हो दया याचिका
 
एंकरः देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि बेटियों पर होने वाले आसुरी प्रहार पूरे देश की आत्म को झकझोर कर रखे देती है। इसी तरह का संविधान में एक एक्ट है। जिसपर पुनर्विचार होना चाहिए। पोक्सो एक्ट के तहत आरोपियो को दया याचिका से वंचित कर देना चाहिए, यह काम संसद का है। माननीय राष्ट्रपति ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
वीओः माननीय राष्टपति ने कहा महिला शिक्षा के स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए आज भी महिलाओं की साक्षरता दर कम है लेकिन बेटियो के शिक्षा के लिए काम हो रहा है। राजस्थान के बांसवाड़ा जैसे आदिवासी जिले में एक हजार बेटों पर 1003 बेटियां पैदा होने की बात से गर्व होता है। उन्होंने जन धन योजना 52 प्रतिशत खाते महिलाओ के खुलने पर हर्ष व्यक्त किया। इस बार संसद में 78 महिलायें संसद का होना गर्व की बात है।
वीओः ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। दो दिवसीय महिलाओं के राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर की महिलायें भाग ले रही है।
बाईटः रामनाथ कोविन्द, राष्ट्रपति भारत,
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