Brahma Kumaris at the United Nations : “Empowering Women to Advocate for Themselves”

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New York ( USA ):  The Brahma Kumaris at the United Nations invited the conference participants and delegates of the CSW63 to join them in an inclusive dialogue to explore how a spiritual and values-based approach can serve as a mechanism to drive personal change and how women can be empowered to ‘do it for themselves’.

The initial didactic input addressed the theme of gender identity and how this has, on a cultural and social level, contributed significantly towards shaping and inextricably limiting an individual’s overall sense of identity.  The spiritual trajectory was explained: how identity develops awareness, which shapes attitude, which in turn builds vision, that influences decisions, and ultimately is expressed as actions.  Participants were thus encouraged to ‘go beyond gender’.

These underlying dynamics of decision-making were explored as a tool for personal development.  Participants were invited to rotate in pairs and discuss their reflections to the following questions :

  • What intrinsic qualities do you identify in yourself that serve as a foundation in your decision-making process?
    How have those decisions further empowered you?
    Please share a story or an example.
  • How does gender identity play a role in upholding your intrinsic qualities during decision-making?
  • Now that I have tapped into my inner resources, how do I take awareness and bring it into action as I try to bring change into the world?

CSW63 (2019) is the sixty-third session of the Commission on the Status of Women that took place at the United Nations Headquarters in New York.

The BK delegation included BK Sabita from New York, BK Devendre from Africa, BK Tina from Indianapolis, BK Nalisha from Washington, DC, and  BK Kinnari from New Jersey.

News in Hindi :

संयुक्त राष्ट्र में ब्रह्मा कुमारीज महिला सशक्तीकरण पर हुई परिचर्चा

न्यूयॉर्क (यूएसए)। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ वूमन ’ (सीएसडब्ल्यू 2019) के 63 वें सत्र का आयोजन हुआ। इस दौरान आध्यात्मिक एवं मूल्य आधारित दृष्टिकोण को लेकर एक परिचर्चा हुई कि कैसे इन दोनों की सहायता से स्वयं में परिवर्तन लाया जा सकता है। कार्यक्रम में इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे महिलाएं अपने जीवन में आध्यात्मिकता एवं मूल्यों का समावेश कर स्वयं को सशक्त बना सकती हैं। प्रारंभिक उपदेशात्मक संबोधन में जेंडर आइडेंटिटी (लिंग की पहचान) विषय पर विचार रखे गए, जिसमें इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया कि कैसे सांस्कृतिक एवं सामाजिक स्तर पर एक व्यक्ति की पहचान को समग्रता से आकार मिलता है। वहीं, आध्यात्मिक दिशा मिलने से वह पहचान जागरूकता के रूप में परिवर्तित हो जाती है, जिससे एक नजरिया आकार लेता है, एक दृष्टिकोण विकसित होता है, जो निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है और फिर उस अनुरूप ही व्यक्ति की अभिव्यक्ति होती है। इसलिए प्रतिभागियों को लिंग या शरीर से परे जाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों से उनकी निजी विकास के लिए कुछ प्रश्नों पर मंथन करने के लिए कहा गया। उदाहरण के तौर पर, उनसे पूछा गया कि अपने अंदर वे ऐसा कौन-सा गुण देखते हैं, जो निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहायता करता है? उन फैसलों से किस तरह का सशक्तीकरण हुआ…आदि ? परिचर्चा में शामिल ब्रह्मा कुमारीज के प्रतिनिधिमंडल में न्यूयॉर्क की बीके सबिता, अफ्रीका के बीके देवेंद्र, इंडियानापोलिस की बीके टीना, वॉशिंगटन डीसी की बीके नलीशा एवं न्यू जर्सी के बीके किन्नारी शामिल हुए।

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