3-Day University & College Educators’ Conference Inaugurated at Gyan Sarovar Mount Abu.

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Mount Abu: All India ‘University & College Educators’ Conference on ‘Values and Spirituality for Facing the Challenges’ from 17th to 21st May, 2019 was inaugurated at Harmony Hall Auditorium, Brahma Kumaris, Gyan Sarovar Academy, Mount Abu. 

Dr. Himanshu Pandya, Vice Chancellor of the Gujarat University, while inaugurating the conference as the chief guest pointed out the need to choose the right direction for the self to reach the universal truth amongst so many counter narratives present today. One must strive to get self knowledge and attain peace. The lives of Brahma Kumars and Kumaris are exemplary.

Dr. BK Mruthyunjaya, Vice Chairperson of the Education Wing, REF, Brahma Kumaris, Mount Abu said that spirituality is the Supreme power. It can only be achieved with honest striving. The best and lasting way to overcome the many obstacles being faced by today’s world is through purification of the mind by turning spiritual. Rajayoga is a sure method to overcome any obstacle.

Dr. Ganpati Bhaskaran, Vice Chancellor of the Tamil Nadu University as the special guest thanked the organizers for inviting him to such a blessed place. Comparing science with spirituality, he said that the knowledge of materials is nothing in comparison to the knowledge of the self, which makes us fulfilled from within.

Dr. Mohit Gambhir, Director AICTI, Delhi, as guest of honor also shared his views. He said that being an educator means being able to understand the real meaning behind words and imparting that knowledge to the students. Living in the present and making the most of it is the best way to live.

BK Sheilu, Vice-Chairperson of the Education Wing, Mt Abu explained the process of meditation and made everyone experience Rajayoga meditation.

Dr. BK Pandiamani, Head of the Distance Education Program of Brahma Kumaris gave information about the efforts being made by the organization in this direction. About fifteen universities are collaborating with Brahma Kumaris to offer various courses in spiritual education.

More than 400 University Educators’ such as Chancellors, Vice-Chancellors, Education Ministers, Educational Administrators, College Principals, Deans, Registrars, HODs, Professors, Associate and Assistant Professors have attended  this program.

 

Hindi News

सर्वश्रेष्ठ शक्ति है आत्मिक शक्ति : राजयोगी मृत्युंजय
आबू पर्वत ( ज्ञान सरोवर ),१८ मई २०१९।
 
आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, ” शिक्षा प्रभाग ” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय शिक्षाविद सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय था ” चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने के लिए मूल्य और आध्यात्म ” . दीप प्रज्वलन के द्वारा सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ।
ब्रह्माकुमारीज़ शिक्षा प्रभाग के अध्यक्ष राजयोगी मृत्युंजय ने सम्मेलन को अपना आशीर्वचन दिया। आपने कहा की सबसे श्रेष्ठ शक्ति है आत्मिक शक्ति।  यह अनमोल है।  इसको बाज़ार से खरीद नहीं सकते परन्तु साधना के माध्यम से इसको अनुभव में लाकर इसका स्वरुप बन सकते हैं। आज का संसार अनेक प्रकार के प्रदूषणों  से भरपूर है।  हर प्रकार के प्रदूषणों से मुक्ति के लिए मानशिक शुद्धि की अनिवार्यता है।  राजयोग का ध्यान करके मानशिक शुद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
कुलपति डॉक्टर हिंमांशु पांड्या ,गुजरात विश्वविद्यालय ने भी मान्य अतिथि के रूप में अपने विचार रखे। आपने कहा कि जब आप किसी ऐसे व्यक्ति को सुनते हैं जो शांत है – तो आप शांति की महसूसता करते हैं।  क्या मन को शांत रखा जा सकता है ? आज के समाज में क्या यह संभव है ? 
हमारी जीवन शैली जैसी हो गयी है – क्या हम लोगों  को मानव समझते हैं ? अनेक विरोधा भाषों के बीच अपना मार्ग चुनना कठिन है।  हमारे पास ऐसा सूत्र होना चाहिए जो बताये की मूल्य क्यों अनिवार्य है हमारे लिए ? हम सभी को  सर्व प्रथम यह जानना होगा की हम हैं कौन और हमें करना क्या है ? ध्यान सीख कर जीवन को ऊंचा बनाया जा सकता है।  बी के भाई बहनों ने अपना जीवन श्रेष्ठ बनाया है।
डॉक्टर मोहित गंभीर, निदेशक , ए आयी सी टी ई दिल्ली , ने मान्य अतिथि के रूप में अपनी बातें रखीं। आपने कहा की हम सभी यहां ओम शांति का उच्चारण कर रहे हैं।  मगर हम सभी को इसका अर्थ भी समझना चाहिए।  एक शिक्षक के रूप में यह अनिवार्य है।  अन्यथा हम अपने विद्यार्थिओं के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे।  सभी को चाहिए को मूल्यों को ठीक से समझ कर उसको अपने जीवन में धारण करें ,यहीं सर्वोत्तम होगा।
आपने अपने जीवन का लक्ष्य बताया और कहा की मैंने  यही जाना है और अनुभव किया है की यहां जो कुछ भी है मूल्यवान , वह वर्तमान ही है और हर पल को अपने अंतिम पल समझ कर जीना बेहतर है।
ब्रह्माकुमारीज़ शिक्षा प्रभाग की उपाध्यक्ष राजयोगिनी शीलू दीदी ने ध्यान के बारे में प्रकाश डाला और ध्यानाभ्यास भी करवाया। 
तमिल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर गणपति भास्करन ने विशिष्ट अतिथि की हैसियत से  कहा कि इस पवित्र स्थल पर मैं काफी प्रसन्नता की अनुभूति कर रहा हूँ।  मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूँ।  
आध्यात्म और विज्ञान के बीच सम्पर्क होना चाहिए।  दोनों प्रकारांतर से एक ही हैं।  यूनिवर्स की अनेक रहस्यों को आध्यात्म बताता है और विज्ञान भी वैसा ही करता है।   अरस्तू ने कहा है की पदार्थों का ज्ञान आत्मिक ज्ञान के सामने तुच्छ है।  आध्यात्म सभी को  आत्मा का ज्ञान देकर उनको आतंरिक रूप से शक्तिशाली बनाता है।  वही अनिवार्य है।  जीवन में प्रेम और शांति की अनुभूति के लिए यह आवश्यक है।
ब्रह्माकुमारीज़ दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के निदेशक बी के डॉक्टर पंडियामणि ने ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा प्रदत्त मूल्य और आध्यात्म की शिक्षा से सम्बन्धित विवरण प्रस्तुत किया। आपने बताया की यह पाढ़यक्रम आज करीब १५विश्व विद्यालयों में जारी है। विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम पढ़ाये जाते हैं।  
ब्रह्माकुमारीज़ दूरस्थ शिक्षा के मुख्यालय संयोजक बी के डॉक्टर आर पी गुप्ता ने पधारे हुए अतिथियों का स्वागत किया। ब्रह्माकुमार प्रोफ वेद गुलयानी ने धन्यवाद् ज्ञापन किया।  ब्रह्माकुमारी किरण बहन ने मंच संचालन किया।  
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