Mount Abu ( Rajasthan ): The Medical Wing of the Rajayoga Education and Research Foundation in collaboration with the Brahma Kumaris organized an All India Conference on “Mind, Body, Medicine” in Gyansarovar in Mount Abu. Hundreds of doctors from all over the country participated in it. It was inaugurated by the Mangal Pandey, Health and Family Welfare Minister of Bihar.
In his inaugural address, the Honorable Minister Mangal Pandey said that he heartily congratulates the organizers for such a beautiful arrangement. This is a unique experience for him. The trend of using yoga for wellness is gathering momentum in the world these days. To keep the mind healthy, yoga is a must. He urged all physicians to treat patients with full soul force.
Dr. B V Ramani, Founder and Managing Trustee of Shankar Netra Foundation, Coimbatore, also shared his views with the audience. He said that public service, compassion and love should be in-built in doctors. Patience is the hallmark of a good physician.
BK Mruthyunjyaya, Executive Secretary of the Brahma Kumaris, in his remarks said that God is the Supreme Physician. We call him our Father with love. This conference is aimed at making double doctors, that is, making doctors experts in mind as well as the body.
Dr. Mohit Gupta, Professor, Cardiology, GB Pant PGIMS, New Delhi, said that doctors should master the art of giving positive vibrations to the patients, otherwise they can’t treat them well.
Dr. Pratap Midha, Vice President of the Medical Wing of RERF, Director of JW Global Hospital and Research Center, Mout Abu, talked about the need for spirituality in daily life. The Brahma Kumaris Organization teaches people to use spiritual principles for living a happy and healthy life.
Rajyogini BK Yogini, National Coordinator of the Business Wing and Honorary Administrator of BSES MG Hospital Mumbai, said that doctors receive people’s blessings for taking away their pain. We can increase our spiritual power with yoga and perform our professional duties better. She guided everyone in practicing Rajyoga Meditation.
Rajyogini BK Shashi, National Coordinator, Sports Wing of RERF, talked about the power of yoga to make real angels out of doctors.
BK Shivani, Senior Rajyoga Teacher, said that transformation of doctors with spirituality can have a powerful impact on improving our society.
Rajayogi Dr. BK Banarasilal Shah, Secretary of the Medical Wing and Director of Ever Healthy Hospital, Shantivan, gave the welcome address. The program was conducted by Dr. Girish Patel, Vice Chairperson of the Medical Wing.
News in Hindi:
दिमाग के साथ साथ दिल से भी मरीजों की सेवा करें डॉक्टर्स : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय
आबू पर्वत , ज्ञान सरोवर , ०६ सितम्बर २०१९. आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, ” चिकित्सक सेवा प्रभाग ” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय चिकित्सक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय था ‘ माइंड , बॉडी ,मेडिसिन ‘ . इस सम्मेलन में देश के सैकड़ों चिकित्सकों ने भाग लिया। दीप प्रज्वलन के द्वारा इस सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने उद्घाटन भाषण दिया। आपने कहा कि मैं आयोजकों को हार्दिक धन्यवाद देता हूँ क्योंकि आपने काफी सुन्दर आयोजन किया है। पहले भी मैंने चिकित्सकों का अनेक सम्मेलन देखा है और उनमें भाग लिया है। मगर इस प्रकार का सम्मेलन पहली बार देख रहा हूँ। यहां दवा की नहीं बल्कि दुआ की चर्चा हो रही है। आप सभी चिकित्सक पूरे मनोयोग से इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। आप सभी को इस सम्मेलन से अपार सफलता मिलने वाली है।
आज कल पूरे देश में और दुनिया में योग के माध्यम से शरीर को स्वस्थ करने की प्रथा जोर पकड़ती जा रही है। योगाभ्यास काफी कारगर प्रमाणित हो रहा है।
मैंने यहां समझा है कि मन को स्वस्थ रखने के लिए हमें आध्यात्मिकता को अपनाना पड़ेगा। यह अनिवार्य है। यहां हम राजयोग का अभ्यास सीखेंगे और मन को शुद्ध करेंगे। मैं आप सभी चिकित्सकों से अनुरोध करता हूँ की आप दिमाग के साथ साथ दिल से भी मरीजों का इलाज किया करें।
हम सभी अपने जीवन में शांति चाहते हैं और इस परिसर में हर तरफ शांति पसरी हुई है। इस शांति को संभालने की जरूरत है।
शंकर नेत्र फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी पद्मश्री डॉक्टर आर व्ही रमानी ने अपने उदगार प्रकट किये। आपने कहा की जन सेवा का जूनून लेकर हम इस क्षेत्र में आये हैं। इसमें करुणा और और प्रेम को भी आत्म सात करने की जरूरत है।
आपने एक सुन्दर कहानी सुनाई और इस बात पर बल दिया कि डॉक्टर्स को भी पेशेंट ( धैर्यवत ) होने की जरूरत है।
राजयोगी मृत्युंजय जी ने आज के कार्यक्रम का अध्यक्षीय भाषण दिया। आपने कहा की सबसे बड़ा डॉक्टर परमात्मा है। वे हमारे बाबा हैं। बाबा हम उनको प्रेम भाव से कहते हैं।
यह सम्मेलन डॉक्टर्स को डबल डॉक्टर्स बनाने के लक्ष्य से आयोजित क्या गया है। डबल डॉक्टर्स का अर्थ है की आप सभी शरीर के साथ साथ मन की भी बीमारी का इलाज करें। मन की शुद्धि से ही देश और दुनिया की समस्याएं समाप्त होंगी।
डॉक्टर मोहित गुप्ता ने इस सम्मेलन की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। आपने कहा कि यह अति महत्वपूर्ण सम्मेलन चिकित्सकों के मन , शरीर और उनके सुस्वास्थ्य को लेकर आयोजित किया गया है।
चिकित्सकों को यह समझना ही होगा की उन्हें हर प्रकार की पीड़ा से ऊपर उठ कर अपने रोगिओं का इलाज़ करना होगा। रोगी और उनका परिवार सदैव पीड़ा में ही होता है। अगर चिकिसक भी उस प्रभाव में आ गए तो दो नकारात्मक ऊर्जा किसी का भला नहीं कर पायेगा।
हम सभी को , खुद को हर प्रकार की संक्रामकता से बचा कर सभी को स्वास्थ्य प्रदान करना है। यह अनिवार्य है। उम्मीद करता हूँ आने वाले दो दिनों में आप सभी अपना पूरा सकारात्मक रुपान्तरण करके वापस लौटेंगे।
डॉक्टर प्रताप मिड्ढा , ग्लोबल अस्पातल के डायरेक्टर ने चिकित्सक सेवा प्रभाग के लक्ष्य को स्पष्ट किया।
आपने बताया की आध्यात्मिकता का जीवन में व्यावहारिक प्रयोग करना जरूरी है। ब्रह्मा कुमारीस ने इसी लक्ष्य को लेकर ग्लोबल अस्पताल की स्थापना की और जरूरत मंदों की सेवा में लगी हुई है। हम लोगों को शिक्षित करते हैं की वे किस प्रकार से अपनी जीवन शैली के आधार पर अपने जीवन को स्वस्थ और सुखी बना सकते हैं।
ग्लोबल अस्पताल के माध्यम से हम चिकत्स्कों और नर्सेज को प्रशिक्षित करते हैं ताकि वे ना सिर्फ शरीर को बल्कि मन को भी स्वस्थ करने की कला में माहिर हो जाएँ। इसके लिए हम विहासा नामक एक कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित करते आ रहे हैं। योगिनी योगिनी दीदी ने आज के अवसर पर अपना आशीर्वाद सम्मेलन को प्रदान किया। आपने कहा कि गणपति के समान हमारे सभी चिकित्सक भी सुख कर्त्ता और दुःख हर्ता हैं। आपको दुनिया की दुवाएं प्राप्त होती रहती हैं। आज दवा के साथ साथ दुवा भी चाहिए। स्पिरिचुअल पावर को संजो कर हम जरूरत मंदों की हर प्रकार की सेवा कर सकते हैं और दुआ अर्जित कर सकते हैं। ध्यान के अभ्यास से हम अपनी आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं। योगिनी दीदी ने सभी को योगाभ्यास भी करवाया। ।
राजयोगिनी शशि दीदी ने भी आशीर्वचन दिए सम्मेलन को। आपने कहा कि परमात्मा ने आप सभी डॉक्टर्स को काफी सुन्दर भूमिका दी है। आप सभी लोगों का विघ्न हरण करते हो। आप हो विघ्न हर्ता। आप पर ईश्वरीय आशीर्वाद अनवरत बनी ही रहती है। अपने इसी हुनर में पारंगत बनने के लिए आपको फरिश्ता पन की भी अनुभूति करनी होगी। राजयोग का अभ्यास आपको फरिश्ता बना देगा।
ब्रह्मा कुमारी शिवानी बहन जी ने भी अपना आशीर्वचन सम्मेलन को प्रदान किया। शिवानी बहन जी ने कहा कि आपने एक दिन के अंदर फरिश्ता पन की अनुभूति करना प्रारम्भ कर दिया है। वापस लौटते लौटते आप पूरी तरह फरिश्ता बन ही जाएंगे। आपके जीवन का यह परिवर्तन विश्व को परिवर्तित कर ही देगा ।
चिकित्सक सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक राजयोगी बनारसी भाई ने पधारे हुए सभी डॉक्टर्स का हार्दिक स्वागत किया। आपने चिकित्सकों को विश्वास दिलाया कि वे सभी आने वाले तीन दिनों में अवश्य ही ईश्वरीय उपस्थिति की अनुभूति करेंगे।
प्रभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर गिरीश पटेल ने कार्यक्रम का संचालन किया।