All India Religious Leaders Conference Begins at Mount Abu

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Mount Abu: A 3-Day All India Religious Leaders’ Conference on the theme ” Global Enlightenment for Golden Age”  Inaugurated at Brahma Kumaris, Gyan Sarovar Academy for Better World.

Dadi Janki, Brahma Kumaris’ Chief, Mt Abu, Mahamandaleswar Shri Anand Chaitanya Maharaj Swaraswati, President, Anand Krishna Dham, Mahamandaleswar Shri Harinarayan Shastri, Badri Ashram, Nagaur,  Mahamandaleswar Shri Vishnudas Maharaj, Vrindavan Dham, Noida, Dr Sadhvi Sampragya, Chief Patron, Virayatan, Rajgiri, Bihar, Maha Mandaleshwar Sri 1008 Acharya Mahadevji Maharaj of Usha Mata Mission, Sister BK Manorama, National Coordinator, Religious Wing, B.K. Ramnath, HQ Coordinator, Religious Wing; Sister BK Kunti, National Coordinator, Religious Wing, Sister BK Godavari, Mulund along with religious leaders from India and Nepal expressed their invaluable thoughts and ideas on the occasion.

Dadi Janki, Chief of Brahma Kumaris urged that its the duty of all religions to once again re-establish peace, purity, harmony, happiness and love which are now lost in the world.

Sister BK Manorama, National Coordinator, Religious Wing, Allahabad said, “In this 21st century there is ample wisdom in people but still man is unaware of his own self-Identity. This is the true object of Brahma Kumaris Organisation to enlighten the man to know his original self and inspire him to emerge his intrinsic moral values and divine powers.

The Religious Leaders expressed their common opinion that here they could feel and find our ancient Indian culture existing alive. The message given by Brahma Kumaris of unity and the universal brotherhood will surely take it’s roots and spread all over the world and would transform India as Golden Aged once again.

​Hindi News:​

 

अध्यात्म से समाप्त होंगी सामाजिक विसंगतियां
​​ज्ञान सरोवर में धार्मिक सेवा प्रभाग सम्मेलन आरंभ
माउंट आबू, आनंद कृष्णधाम संस्थापक, अध्यक्ष आचार्य महामण्डलेश्वर आनंद चैतन्य महाराज सरस्वती ने कहा कि मनुष्य के मन पर दैहिकधर्मों का पर्दा पडऩे से नैतिक मूल्यों का उल्लंघन हो रहा है। विश्व के सभी लोग देह के धर्म से ऊपर उठकर अपने निजी स्वधर्म को पहचानकर एकजुट हो जाए तो आध्यात्मिकता के जरिए सामाजिक विसंगतियां समाप्त हो जाएंगी। आधुनिकता के प्रभाव से डगमगाती अध्यात्मिकता को संबल देने का अदभुत उदाहरण ब्रह्माकुमारी संगठन का ८१ वर्षों का इतिहास भटके हुए मानव को विकृतियों से छुड़ाकर सत्य मार्ग दिखाने का रहा है। यह बात उन्होंने शनिवार को ब्रह्माकुमारी संगठन के धार्मिक सेवा प्रभाग की ओर से वैश्विक ज्ञानोदय से स्वणर््िाम युग विषय पर आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते कही।
बद्री आश्रम नागौर महामण्डलेश्वर हरिनारायण शास्त्री ने का कि धर्म-कर्म जीवन के अभिन्न अंग हैं। ब्रह्माकुमारी संगठन स्वयं के जीवन की ज्योति प्रकाशित करने के साथ विश्व स्तर पर जनहित कार्यों को मूर्तरूप देने में समर्थ है। आध्यात्मिक ज्ञान अॢजत करने से मन में असीम सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। समस्त विश्व भारत की ओर से शान्ति मिलने की निगाहों से देख रहा है।
नोएडा वृन्दावनधाम महामण्डेलश्वर विष्णुदास महाराज ने कहा कि विश्व में फैले अनेक धर्मों को एक मंच पर एकत्रित कर परिवार की तरह जोडऩे का ब्रह्माकुमारी संगठन ने जो कार्य किया है वह अद्वितीय है।
दिल्ली से आई बीबी तरविन्द्र कौर खालसा ने कहा कि मानवीय चरित्र निर्माण करना सबसे पुण्य का कार्य है। अनावश्यक संस्कारों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए राजयोग का नियमित अभ्यास बेहतर उपाय है।
विरायतन बिहार मुख्य सरंक्षक डॉ. साध्वी समप्रज्ञा ने कहा कि धर्मगं्रथ मानव को सत्य व अहिंसा की शिक्षा देते है लेकिन उन शिक्षाओं को मन की भूमि पर अंकुरित करने के लिए शिव परमात्मा से संबंध जोडऩा जरूरी है।
डॉ. प्राग्भा विराट ने कहा कि ज्ञान एक प्रकाश है जो मन के सभी प्रकार के अंधकार को समाप्त कर जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है।
राष्ट्रीय संयोजिका बीके मनोरमा बहन ने कहा कि भौतिक साधनों से अल्पकाल का सुख प्राप्त होता है। अविनाशरी सुख, शान्ति के लिए अविनाशी सत्ता अर्थात् आत्मा व परमात्मा की सत्यता को जानना जरूरी है।  राष्ट्रीय संयोजिका बीके कुन्ती बहन, प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके रामनाथ आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
माउंट आबू। धार्मिक सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते अतिथिगण।
माउंट आबू। सम्मेलन में उपस्थित सहभागी।
मूल्यों की स्थापना करना धर्मप्रेमियों का परमकत्र्तव्य – दादी जानकी

ब्रह्माकुमारी संगठन में धर्मप्रेमियों के सम्मेलन का खुला सत्र

माउंट आबू, ब्रह्माकुमारी संगठन की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने कहा कि किसी भी देश व व्यक्ति की पहचान उसकी संस्कृति से होती है। समाज में विलुप्त होती जा रही मानवीय संवेदना, सुख, शांति, प्रेम, पवित्रता, सदभावना आदि मूल्यों को पुनस्र्थापित करना सभी धर्मात्माओं का परम कत्र्तव्य है। इसका एकमात्र विकल्प आध्यात्मिक ज्ञान है। यह बात उन्होंने रविवार को ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में धार्मिक सेवा प्रभाग के तत्वाधान में चल रहे सम्मेलन के खुले सत्र को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि पांच हजार वर्ष पहले इस धरा पर सनातन संस्कृति ही थी। समूचे विश्व में दैवीयुग था, दैवी गुणों से भरपूर मनुष्य अपने आत्मिक भान में रहकर पवित्र जीवन व्यतीत करते थे। उसी संस्कृति की पुनस्र्थापना के लिए परमपिता शिव परमात्मा फिर से अपना कर्तव्य करने में तत्पर हैं। यह कर्तव्य सभी वर्गों के लोगों के शामिल होने से संपन्न होगा।
आनंद कृष्णधाम संस्थापक, अध्यक्ष आचार्य महामण्डलेश्वर आनंद चैतन्य महाराज सरस्वती ने कहा कि अध्यात्म के जरिए जिस गति से ब्रह्माकुमारी संगठन ईश्वरीय कत्र्तव्य को विश्व भर में पहुंचाकर आत्माओं की ज्योति जगा रहा है, निसंदेह ही इस धरा पर वैकुण्ठ आने में देरी नहीं लगेगी। ज्ञान सरोवर में धर्मप्रेमियों का एकत्रित होना इस कार्य को संपन्नता की ओर बढ़ाना सिद्ध करता है।
राष्ट्रीय संयोजिका बीके मनोरमा बहन ने कहा कि आत्मा व परमात्मा के ज्ञान को स्पष्ट रूप से स्वीकार करने के लिए मन, बुद्धि की स्वच्छता आवश्यक है।
नोएडा वृन्दावनधाम महामण्डेलश्वर विष्णुदास महाराज ने कहा कि सत्यज्ञान को आचरण में लाने के लिए अपने सत्य स्वरूप को पहचानने की जरूरत है और इस कार्य में ब्रह्माकुमारी संगठन बिना किसी भेदभाव के बखूबी निर्वहन कर रहा है।
विरायतन बिहार मुख्य सरंक्षक डॉ. साध्वी समप्रज्ञा ने कहा कि आत्मिक संवाद मन को ऊर्जावान बनाता है। इस आध्यात्मिक ऊर्जा को आचरण में लाने से ही संसार की दिशा व दशा सुधेरगी।
राजयोगनी बीके गोदावरी बहन, बीके कुन्ती बहन, मुख्यालय संयोजक बीके. रामनाथ, आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
माउंट आबू। धर्मप्रेमियों को संबोधित करती राजयोगनी दादी जानकी व अन्य।

माउंट आबू। कार्यक्रम में उपस्थित धर्मप्रेमी सहभागी।

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