Bharatpur(RJ): The Brahma Kumaris Branch in Bharatpur, Rajasthan observed the 144th Birth Anniversary of Prajapita Brahma Baba, the Founder of Brahma Kumaris, as ‘Spiritual Empowerment Day’.
Dada Lekhraj, known as Prajapita Brahma, was born on 15th December, 1876, in Hyderabad Sind, Pakistan. He was spiritually inclined with a devotional temperament since his childhood. He had a vision of the Supreme Soul at the age of 60, when he was made privy to the secret of establishment of the New World. From then onwards, Dada Lekhraj was known as Brahma Baba. In 1937, with the inspiration of the Supreme Soul, he established The Brahma Kumaris Organization. He gave the prime responsibility of establishing a New World to the women, seeing in them the power of the Divine Feminine. Today, the Organization has eight thousand service centers in 140 countries of the world, run by the Brahma Kumaris sisters.
Mr. Prafulla Chand Chaubisa, Deputy Director Social Court, Bharatpur, paid homage to Prajapita Brahma Baba, along with floral tributes. Rajyogini BK Kavita and BK Praveena, gifted him Godly literature.
Mr. Pooranchand, Superintendent Social Court, Mr. Vishnu Kumar, BLO, Bharatpur, Mr. Prem Chand Pancholi, Election Inspector, Bharatpur, also paid tributes.
The Brahma Kumaris family in Bharatpur, spent the day in spiritual discourse, contemplating the life and values of Prajapita Brahma Baba.
News in Hindi:
‘आध्यात्मिक सशक्तिकरण दिवस ‘ : प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का 144वीं जयंती समारोह
भरतपुर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का 144वां जयंती ‘आध्यात्मिक सशक्तिकरण दिवस’ (Spiritual Empowerment Day) के रूप में मनाया जा रहा है।
दादा लेखराज उर्फ़ प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का जन्म 15 दिसम्बर 1876 को हैदराबाद सिंध में हुआ था। प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के बचपन का नाम दादा लेखराज था। वे बचपन से ही बहुत धर्म परायण तथा भक्ति भाव में लीन रहते थे। 60 वर्ष की आयु में उनके तन में परमात्मा शिव की प्रवेशता हुई और नयी दुनिया की स्थापना का रहस्य समझाया। नयी दुनिया की स्थापना अर्थ परमात्मा शिव ने इनका नाम प्रजापिता ब्रह्मा रखा। सन् 1937 में परमपिता परमात्मा ने प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के द्वारा इस संस्थान की स्थापना की। ब्रह्मा बाबा ने नारी शक्ति के संकल्पों को साकार करते हुए माताओं बहनों के सिर पर ज्ञान का कलश रखा और इस संस्थान का नाम ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय पड़ा। आज पूरे विश्व के 140 देशों में आठ हजार सेवाकेन्द्रों का संचालन बहनों और माताओं द्वारा ही होता है।
ब्रह्मा बाबा का इस 144 वीं जन्म जयंती पर हमारा शत शत नमन l
इस अवसर पर प्रजापिता ब्रह्मा बाबा को मुबारक़ देते हुए भ्राता प्रफुल्ल चंद चौबीसा, उपनिदेशक, सामाजिक न्यायालय अधिकारिता विभाग, भरतपुर, पुष्प गुच्छा भेंट करते हुए l आदरणीय राजयोगिनी कविता दीदी, ब्र. कु. प्रवीणा बहन भ्राता प्रफुल्ल चंद चौबीसा जी को साहित्य भेंट करते हुए l
144वें जन्मदिन पर बाबा को गुलदस्ता भेंट करते हुए भ्राता पूरनचंद, अधीक्षक, सामाजिक न्यायालय, भरतपुर, भ्राता विष्णु कुमार, बी. अल. ओ., भरतपुर, भ्राता प्रेम चंद पंचोली,निरीक्षक चुनाव, भरतपुर साथ मे है ब्र. कु. प्रवीणा बहन, ब्र. कु. पावन, l
सेवाकेंद्र पर उपस्थित सभी ब्रह्माकुमार ब्रह्माकुमारियों द्वारा उमंग उल्लास के साथ दादा जी के गुण विशेषताओ पर मनन चिंतन कर जीवन मे लाने का संकल्प ले जन्मदिन को मनाया गया, सभी भाई बहिनो को दादा जी के जन्मदिन की सात प्रकार की टोली दी गईं l ओमशांति