World Yoga Day Celebrated at Red Fort Grounds
‘Promote Yoga as a people’s movement for universal peace, brotherhood and complete well-being ’–Mr Venkaiah Naidu
Rajyoga is supreme yoga – Janab Firoz Bakht Ahmed
New Delhi, June 21: “Yoga is not just for physical health and fitness, but is for holistic health, harmony and complete well-being of an individual and society. It enables us to live in love and harmony with self, others, nature and environment, the foundation for a healthier and happier life and society”
Vice President of India Mr Venkaiah Naidu said this while addressing the World Yoga Day Event jointly organized by the Brahma Kumaris and Ministry of AYUSH, Govt. of India at Lal Quila here today.
Addressing a huge gathering of about fifty thousand yoga lovers clad in whites from all over Delhi-NCR, Mr Naidu said that there is an emergent need to promote yoga as a people’s movement for realizing our cherished goals of universal peace, brotherhood, health, harmony, happiness and complete well-being.
“Sustainability and balance being the new mantra to arrest reckless exploitation of nature and cravings for materialistic pursuits, regular yoga practice worldwide can bring balance in all spheres and thereby can contain climate change”, he stressed.
for promoting the practice of India’s ancient culture and heritage of yoga and meditation as a healthy and virtuous way of life all over India and abroad for last eight decades, the Vice President stressed on the need to propagate and preserve such holistic practice by making it a part of the school curriculum.
Rajyogi B K Brijmohan, Addl. Secretary General of the Brahma Kumaris delineating the true meaning and purpose of yoga said that true yoga is Bhagvad Gita’s raj-yoga which urges Arjuna like human souls in today’s time, to develop divine virtues and to sublimate devilishness and vices in the subtle fire of godly knowledge and raj-yoga meditation as being taught by the Supreme Soul.
Janab Firoz Bakht Ahmed, Chancellor of Maulana Azad National Urdu University, Hyderabad giving his greetings on the occasion said that raj-yoga of Brahma Kumaris as a science and art of healthy living, is supreme yoga which can join broken hearts & broken homes, and can unite all faiths on one platform.
He said that yoga not only promotes health and harmony but also fosters human values and civilized mannerism which exactly had attracted him to practice raj-yoga of Brahma Kumaris.
Dr. A. K. Merchant, National Trustee, Lotus Temple & Baha’i Community of India and Rabbi Ezekiel Isaac Malekar, Priest & Hon. Secretary, Judah Hyam Synagogue, New Delhi Rajyogini B K Asha, Chief Coordinator of the Event; Rajyogini B K Chakradhari, Director of Brahma Kumaris Centers in Russia & CIS countries were prominent among others who shared their views on efficacy of yoga and meditation.
While Yoga Teacher B B Jain conducted yogic exercise as per common protocol, Senior Rajyoga Teacher B K Pushpa conducted raj-yoga mass meditation for the entire congregation.
News in Hindi:
लाल किले से दिया एकता और शांति का संदेश
–अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हुए कार्यक्रम में 40 हजार से अधिक लोग हुए शामिल
–ब्रह्माकुमारी और आयुष मंत्रालय ने किया आयोजन
नई दिल्ली। विश्व को शांति एवं एकता के सूत्र में बांधने के उद्देश्य से ब्रह्माकुमारी संस्था एवं आयुष मंत्रालय ने लाल किले पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक विशाल योग कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें 40 हजार से अधिक लोगों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू रहे जिन्होंने न केवल योग विषय पर चर्चा की बल्कि योग एवं व्यायाम करके उपस्थित लोगों का उत्साह भी बढ़ाया। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग को बढ़ावा देने के प्रयास की प्रशंसा की। उप राष्ट्रपति ने विशेष रूप से युवाओं से योग को उनकी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि योग से पूर्ण मानव व्यक्तित्व पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे जीवन में शांति आती है और ऊर्जा बढ़ती है। यह हमें आंतरिक शांति प्रदान करता है जो वर्तमान में बहुत जरूरी है।
ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्य प्रवक्ता ब्र0कु0ब्रजमोहन ने गीता में वर्णित योग का सार समझाते हुए कहा कि योग की आवश्यकता तब होती जब मनुष्य आहार, विहार, व्यवहार, विचार,आचार में अपनी चर्म सीमा को पार कर अधर्म पर चल पड़ता है, तब परमात्मा आकर योग सिखलाते हैं। गीता अनुसार योग से दैवी सम्पदा अर्थात स्वर्णित दुनिया की स्थापना के साथ-साथ विकारों-काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार जो आत्मा में आसुरी सम्पदा है का नाश होता है। काम से क्रोध की उत्पत्ति होती, क्रोध से बुद्धि का नाश होता है जिससे सर्वनाश हो जाता है। इसलिये यह योग आत्मिक योग है परमात्मा के साथ जो इन विकारों का नाश के साथ नई दुनिया की स्थापना के लिए है।
कार्यक्रम में सभी धर्म के लोगों ने भाग लिया। हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय केकुलपति फिरोज बख्त अहमद ने कहा जहां विज्ञान समाप्त हो जाता है वहां पर योग काम करता है। यह विज्ञान से कहीं आगे है। उन्होंने ओम शब्द की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक शब्द प्रदर्शित करता है कि ईश्वर एक ही है वह किसी धर्म के लिए अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि योग के बल पर धर्म और मजहब के मकड़जाल से छूट समाज एकजुट हो सकता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां अल्लाह का सत्य परिचय पाकर उनका जीवन ही बदल गया। भारत स्थित बहाई सम्प्रदाय एवं लोटस टेम्पल के राष्ट्रीय न्यासी डॉ ए के मर्चेंट ने प्रभु से एकता का वर मांगा। दिल्ली यहूदी सम्प्रदाय सिनागोग के मुख्य पुजारी व सचिव राबी आइजैक ने सभी से राजयोग को जीवन शैली में शामिल करने का अनुरोध किया। बीके ब्रजमोहन ने गीता में वर्णित योग का सार समझाते हुए इसमें लिखे संदेश लोगों को ध्यान दिलाए।
कार्यक्रम में योग के विभिन्न आसन भी लोगों को सिखाए गए। पंडित शिवा नंद मिश्रा ने मंत्रोच्चारण किए। इससे पूर्व बीके चक्रधारी दीदी ने उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए उनको तुलसी का पौधा भेंट किया। बीके आशा ने योग को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयास की प्रशंसा की। कार्यक्रम में बीके पुष्पा,बीके सपना आदि का मुख्य योगदान रहा।