Media Wing Brahma Kumaris

Global Summit Cum Expo Concludes at Brahma Kumaris HQ

Abu Road: A Valedictory Session was held on the topic ‘God’s Vision and Mission for A Better World’ at Brahma Kumaris Headquarters on Abu Road (Near Mount Abu) on the third day of the Global Summit cum Expo on “Science, Spirituality and Environment”.

BK Divya, Director of Brahma Kumaris, Borivali, in her welcome address said, “All wish to bring a better world, and people from all walks of life are making an effort towards that. God, the Supreme Being, is creating that Golden world again as He did 5,000 years ago.”

Guest of Honour Sri Sri 108 Mahamandleshwar Swamin Hari Om Giri, Mahamandleshwar from New Delhi, said, “I am overwhelmed to see this spiritual place that is dedicated to establishing peace in the world which is actually spreading peace in the entire world.”

Mr. Bhojprasad, MLA, from Nepal, said that “Science is immaterial without spirituality, but without a clean environment both of these shall become futile. Hence, it is required to maintain a balance among the three.”

Distinguished Guest Padmashri Dr. Prakash Amte, Renowned Social Reformer from Nagpur, shared his experiences with Brahma Baba, Founder of the Brahma Kumaris, and how he was inspired to do Social Reform. He also shared his journey over the years in Social Service, how they worked for the Tribals and safety of wildlife. He was overwhelmed to be present in Abu and see the great task of world transformation happening from here.

Ms. Kothai Dhinakaran, MD, Shri Ramalinga Spinners Pvt. Ltd, Aruppukottai, while

sharing her experience said, ‘In addition to getting connected to Social Media, it is time to connect to Spiritual Media too, for which all that is needed is a clean and pure heart, loving thoughts, and faith in God, and thus we can stay connected with the best connection for ever.”

BK Ara from Nigeria shared her experiences of meditation, how her thoughts brought her to India and connected her to the Brahma Kumaris. She called herself to be ‘Shiv Baba’s daughter’. She said our soul has no color or race, all of us belong to one Supreme Father.

BK Golo Pilz, Head of India One Solar Thermal Power Project, Abu Road, Rajasthan, shared the achievements of the Brahma Kumaris Solar project. He shared that the Brahma Kumaris have more than 400 solar systems all over India. The organization is one of the largest solar energy users in the country. It has been recognized by the Solar Research Institution of India. He also clarified that a clean world cannot be created without a clean inner world. Hence, meditation is a very, very important tool for achieving this goal.

BK Santosh, Senior Rajyoga Teacher from St. Petersburg, Russia, took the audience on a journey of the inner space through guided meditation.

Dances were performed by a group from Bali, Indonesia, and later by Dharam Varan.

BK Nalini, Director of the Brahma Kumaris, Ghatkopar, Mumbai, inspired the audience with spiritual wisdom, saying that, “Time has now come, the new happy world has to come soon”.

Sudesh Chandel, Senior Member, Indian Agriculture Research Council, presented the Vote of Greetings and Prof. Ved Guliani, Executive Member of the Education Wing, Hisar, gave a report presentation of the three-day summit.

Prof. Ved Guliani shared a few quotes from various speakers including:

Marla Maples from the USA remarked that the “BK Campus is heaven on earth.
Sindhutai Saptkal, ‘Mother of Orphans’ from Mumbai said, “I feel I have come to my Father’s House.”
Honorable Home Minister Rajnath Singh said, “All political parties have to be invited here to the Brahma Kumaris. I am surprised to see love, peace, and co-operation of all the members of the Brahma Kumaris. Spirituality is not just going to temples and mosques, it comes with the quality of mind.” Peace is attained not just by chanting, but by practicing in life. Physical morality and purity leads to environmental purity, which leads to the purity of the soul, if practiced with the virtues of sacrifice and love. Appreciating the Brahma Kumaris, he said, Out of 80 lakh saplings planted by the BKs, every plant is the seed of morality that will connect with the Supreme.

This summit has successfully highlighted that: “A healthy synthesis of Science and Technology, a sustainable environment with human support and resources of women and youth, and virtues of spiritual love, meditation and divine wisdom, will ensure a caring, compassionate and generous social setup that can be the ideal model for the future of human society.”

Finally Rajyogi BK Mruthyunjaya, Executive Secretary of the Brahma Kumaris and Organising Secretary of the Global Summit-Cum-Expo, thanked everyone for being part of the summit, shared the Resolution and Action Plan, and showered his blessings. “Don’t make your forehead a place of battlefield, but make it a field of yoga and knowledge; free it from jealousy, hatredness, negativity, and you can feel improvement in health; you will stay carefree, and lead a better life, you will lead a peaceful, happy, blissful, enlightened and empowered life. Your every thought, word, and action should be such that it can be a replica, a role model for others, and you will be able to receive all powers, virtues, and inheritance from the Supreme. May you lead a Yogi, Holy and Beautiful life.”

Madhurvani Group sang the Farewell Song. The Master of Ceremony was BK Ravikala, Senior Rajyoga Teacher from Mount Abu.

Later in the evening, there was an amazing Musical Concert by Mr. Rickey Kej and Group, Grammy-Award Winner and Indo-American Composer, Conservationist and Professor from the USA, who enthralled the audience.
Hindi News
वैश्विक शिखर सम्मेलन का समापन…
अपने मन को युद्धस्थल नहीं योगस्थल बनाएं
– सभी विद्वानों ने एक स्वर में कहा- सबसे पहले मानसिक प्रदूषण मिटाना होगा, आध्यात्म में छुपा है सारी समस्याओं का समाधान
–  देश के जाने-माने पर्यावरणविद् व समाजसेवी पद्यश्री डॉ. प्रकाश आमटे बोले जिन्हें लोग खतरनाक जानवर कहते हैं वो मेरे परिवार के सदस्य हैं
– समापन पर पर्यावरणविदें का किया गया सम्मान
 
आबू रोड। सबसे बड़ी विरासत और शक्ति आध्यात्म की शक्ति है। यदि हम आध्यात्मिक व वैचारिक रूप से सशक्त, संपन्न और शक्तिशाली होंगे तो हमारे द्वारा किए गए सभी कर्म प्रकृति और मानव के हित में होंगे। विज्ञान का भी सदुपयोग कर सुख-शांतिमय जीवन में उपयोग करेंगे। इसके लिए सबसे पहले हम सभी को मिलकर पूरे विश्व से मानसिक प्रदूषण (भेदभाव, द्वेष, ईष्र्या, नफरत, हिंसा) को दूर करना होगा। ये आध्यात्म से ही संभव है। जब हमारी अंतर्चेतना जागृत होगी तो मन सकारात्मकता से भर जाएगा और हम विज्ञान का सदुपयोग कर पर्यावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैला सकेंगे। क्योंकि संकल्प से ही सृष्टि बनती है। आज सभी संकल्प लेते हैं कि हम अपने मन को युद्धस्थल नहीं, योगस्थल बनाएंगे।
उक्त निष्कर्ष और एक्शन प्लान के साथ चार दिन से चल रहे वैश्विक शिखर सम्मेलन का समापन मंगलवार को हो गया। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन परिसर में आयोजित सम्मेलन में भारत सहित विश्व के 140 देशों से वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस-आईपीएस, राजनीतिज्ञ, धर्मगुरु, पर्यावरणविद्, समाजसेवी, सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया जगत की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इन विद्वानों ने सम्मेलन के विषय ‘आध्यात्म, विज्ञान और पर्यावरणÓ सुखमय संसार के नवनिर्माण में मानव की भूमिका पर चार दिन में चले आठ मुख्य सत्रों और छह गु्रप डिस्कशन सत्रों के माध्यम से मंथन किया। इसमें एक बात निकलकर सामने आई कि दुनिया को शांति, प्रेम, आध्यात्म और योग के बल से ही स्वर्णिम युग बनाया जा सकता है। इसमें प्रत्येक मानव की भूमिका महत्वपूर्ण है।
समापन सत्र में संबोधित करते हुए महाराष्ट्र से पधारे देश के जाने-माने पर्यावरणविद्, समाजसेवी पद्यश्री डॉ. प्रकाश आम्टे ने कहा कि प्रेम-स्नेह में इतनी शक्ति है कि खूंखार जंगली जानवरों को अपना दोस्त बना सकते हैं। जिन जानवरों को हम खतरनाक कहते हैं वो मेरे घर के सदस्य हैं। कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान मन में आया कि हमें समाज के सबसे पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए कुछ करना है। पढ़ाई के बाद संकल्प लिया और आदिवासियों की सेवा के लिए निकल पड़े। इसमें हमारी धर्मपत्नी मंदाकिनी आम्टे ने पूरा साथ दिया और कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा खड़ी रहीं। सुविधा संपन्न जीवनशैली छोड़कर घास-फूस की रोटी खाकर और तमाम परेशानियों का सामना करते हुए हम पति-पत्नी लोगों की सेवा में जुटे रहे। मन में एक ही संकल्प था कि हमारे इन भाई-बहनों को भी समाज की मुख्य धारा से जोडऩा है। लोगों से ऐसे जुड़े कि कब इनके बीच 45 साल गुजर गए पता ही नहीं चला।
बेटे-बहू भी निभा रहे साथ…
 
पद्यश्री डॉ. आम्टे ने कहा कि आदिवासियों की सेवा में मेरे बेटे-बहू भी पूरा साथ दे रहे हैं। मुझे गर्व होता है कि हमारे परिवार की चौथी पीढ़ी लोगों की सेवा में पूरी तन्मयता के साथ लगी है। बता दें कि आपने आनंदवन की स्थापना की है जहां जंगली जानवरों पशु-पक्षियों को पाला-पोसा जाता है। साथ ही कुष्ठ रोगियों के लिए वर्षों से काम कर रहे हैं। सामाजिक कार्यों के लिए आपको वर्ष 2002 में पद्यश्री अवार्ड और 2014 में मदर टेरेसा अवार्ड से सम्मानित किया गया। आपके जीवन पर फिल्म भी बनाई गई है।
जानवरों से है विशेष प्रेम…
 
पद्यश्रीडॉ. आम्टे ने कहा कि मेरे घर में शेर से लेकर भालू, बंदर, हिरण, कोबरा परिवार के सदस्य की तरह हैं। जानवर भी प्रेम की भाषा समझते हैं। जब आप इन्हें प्रेम करेंगे तो ये भी आपसे प्रेम करेंगे।
यहां से शांति की किरणें पूरे विश्व में फैल रहीं: महामंडलेश्वर
 
नई दिल्ली से पधारे श्री 108 महामंडलेश्वर स्वामी हरिओम गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मा बाबा ने ब्रह्माकुमारी बहनों को तैयार कर विश्व शांति के पावन कार्य में लगाया। बाबा ने ध्यान, योग और ओम शांति के महामंत्र से जो ये पावन धाम बनाया है इसे देखकर मन को बहुत प्रसन्नता हुई। यहां से पूरे विश्व में शांति की किरणें फैल रही हैं। ये ब्रह्माकुमारी बहनें पूरे संसार को शांति प्रदान कर सकती हैं। यहां से जो ऊर्जा उत्पन्न होगी वह पूरे विश्व में शांति फैलाएगी।
दुनिया के लोग आध्यात्म समझने के लिए आ रहे भारत: सुदेश चंदेल
 
इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च काउंसिल के सीनियर मेंबर सुदेश चंदेल ने कहा कि पूरी दुनिया के लोग आध्यात्म और योग को समझने के लिए भारत की ओर रुख करते हैं। ये हमारी भारत की महानता ही है। आध्यात्म हमारी विरासत है। पाश्चात्य के दार्शनिकों ने भी आध्यात्म को समझने के लिए भारत की ओर रुख किया। आज ब्रह्माकुमारी बहनों न केवल भारत बल्कि विश्व के 140 देशों में भारतीय पुरातन संस्कृति आध्यात्मिकता का संदेश पूरी निष्ठा के साथ दे रही हैं। ये बहनें भारत की सोच वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को पूरे विश्व में साकार करने के इस महान कार्य में लगी हैं। संस्था ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जबरजस्त क्रांति लाई है।
हम बदलेंगे, जग बदलेगा…
 
सम्मेलन के बाद एक्शन प्लान प्रस्तुत करने हुए कार्यक्रम संजोजक व संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि सभी यहां से एक मंत्र लेकर जाएं कि आज से अपने मन को युद्धस्थल नहीं योग स्थल बनाएंगे। योग को जीवन का हिस्सा बनाकर खुद का और औरों का परिवर्तन करेंगे। हम बदलेंगे, जग बदलेगा।
इंडोनेशिया के कलाकारों ने किया मंत्रमुग्ध..
 
इंडोनेशिया से आए कलाकारों ने जोरदार प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं पर्यावरण व सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर संस्थान की ओर से पद्यश्री डॉ. प्रकाश आम्टे व उनकी धर्मपत्नी मंदाकिनी आमटे का सम्मान शॉल, प्रशस्ति पत्र और मेडल से किया गया। सौलर ऊर्जा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने पर गोलो पिल्ज का भी सम्मान किया गया। संचालन माउंट आबू की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका रविकला बहन ने किया।
इन्होंने भी व्यक्त किए अपने विचार….
 
– नाइजीरिया से पधारीं सिस्टर आरा रोला ने कहा कि मैं परमात्मा के बुलावे पर ही यहां आई हूं। आत्मा को कोई देश नहीं होता न ही वह किसी सीमा में बंधती है। मुझे यहां आकर ऐसा लगा जैसे में अपने ही घर में आ गई। पहली बार भारत आईं सिस्टर आरा ने हिंदी में गीत गाकर सभी को भाव-विभोर कर दिया।
– अरुपुकोत्ताई की श्रीरामलिंगा स्पिनर्स प्रा.लि. की एमडी ब्रह्माकुमारी सिस्टर कोठाई धीनाकरन ने कहा कि मैं अपने विश्वास और अनुभव से कह सकती हूं कि यदि आपको परमात्मा पर संपूर्ण निश्चय और विश्वास है तो उनकी मदद हमें हर पल महसूस होती है। जब हम परमात्मा को सच्चे दिल से याद करते हैं तो वह हमारे सामने रक्षक बनकर खड़े हो जाते हैं। ईश्वर तो बस भाव का भूखा है वह हमारे भाव को पढ़ लेता है। जीवन में सदा सच्चाई और सफाई रखें।
– नेपाल से पधारे विधायक भोजाप्रसाद श्रेष्ठ ने कहा कि महात्मा बुद्ध का जो शांति स्थापन का कार्य अधूरा रह गया था उसे ये ब्रह्माकुमारी बहनें पूरा कर रही हैं। उसे शिव बाबा, ब्रह्मा बाबा की प्रेरणा से आगे ले जाया जा रहा है। यहां से विश्वा शांति का कार्य और प्रकाश की किरणें पूरे विश्व में फैल रही हैं। कम बोलो, मीठा बोलो, धीरे बोलो ये महावाक्य यहां के प्रत्येक भाई-बहन के जीवन में देखने को मिला।
– सेंट पीटर्सबर्ग रसिया की निदेशिका बीके संतोष दीदी ने कहा कि अपने अंतर्मन में ये शब्द वसा लें कि मैं एक महान आत्मा हूं, सफलता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, मेरा जन्म महान कार्यों के लिए हुआ है, मुझ पर सदा परमात्मा की छत्रछाया है, ईश्वर सदा मेरे साथ हैं तो फिर आपके जीवन में वैसा ही महान और दिव्य बन जाएगा। साथ ही राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से आपने सभी को शांति की गहन अनुभूति कराई।
– घाटकोपर मुंबई क्षेत्र की निदेशिका बीके नलिनी दीदी ने सभी को संकल्प कराया कि अवगुणों का दान करेंगे। अपने अंदर जो भी अवगुण हैं उन्हें यहीं पर छोड़कर जाएंगे। साथ ही अपना एक-एक पल परमात्मा के साथ सफल करने का आह्नान किया।
– ब्रह्माकुमारी•ा के इंडिया वन सोलर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट के डायरेक्टर गोलो पिल्ज ने कहा कि मैं 28 साल पहले भारत आया और यहीं का होकर रह गया। भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्म नेे मुझे खींच लिया। अंतर्मन को बदलने के आध्यात्म सबसे बड़ी शक्ति है। आज सभी को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है।
– मुंबई बोरीवली क्षेत्र की ब्रह्माकुमारी•ा सेवाकेंद्रों की निदेशिका बीके दिव्यप्रभा बहन ने कहा कि इस संसार में जो कुछ भी हो रहा है सब सोच के आधार पर हो रहा है। हमारी सोच हमारा संसार है। हम जो भी कर्म करते हैं वह हमारी सोच पर निर्भर हैं। जब सबकी सोच एक जैसी, सकारात्मक, पवित्र, शुद्ध, श्रेष्ठ और शक्तिशाली हो जाएगी तो इस दुनिया में स्वर्णिम युग आ जाएगा।
– हिसार हरियाणा के एजुकेशन विंग के एक्टीक्यूटिव मेंबर वेद गुलानी ने पूरे सम्मेलन का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हुए इसके निष्कर्ष और आगामी कार्ययोजना पर प्रकाश डाला।
फोटो…..
02 एबीआर 01- शिखर सम्मेलन के समापन पर अतिथियों ने सभी को मानसिक प्रदूषण दूर करने, पर्यावरण की रक्षा करने और जीवन में योग-आध्यात्म को शामिल करने का संकल्प कराया।
02 एबीआर 02- कार्यक्रम में मंचासीन पद्यश्री डॉ. प्रकाश आम्टे व धर्मपत्नी मंदाकिनी आम्टे।
02 एबीआर 03- इंडोनेशिया से पहली बार भारत आईं सिस्टर आरा रोला ने हिंदी में गीत गाकर सभी का दिल जीत लिया।
02 एबीआर 04- संबोधित करते श्री 108 महामंडलेश्वर स्वामी हरिओम गिरी महाराज।
02 एबीआर 05- शिखर सम्मेलन में संबोधित करते पद्यश्री डॉ. प्रकाश आम्टे।
02 एबीआर 06- समापन पर सभी प्रतिभागी संकल्प लेते हुए।
Exit mobile version