Inauguration of National Conference Mind-Body-Medicine

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Abu Road: Dr. C Venkateswar Rao, Vice Chancellor, Dr. NTR University of Heath Sciences, Vijaiwada,while addressing  the Conference at Brahma Kumaris HQ,Shantivan, expressed his views that medical science is essential for quick treatment of a person but we are required to associate the life-style and Rajyoga for giving total relief.He said, that during last few years, inclination towards Yoga and life style has been on the increase in the entire medical field in the whole world, therefore, we are required to encourage patients to adopt positive attitude in their daily routine for better results. Rajyoga meditation can play important role in maintaining positive life style.

Rajyogini Dadi Ratan Mohini, Jt. Chief of Brahmakumaris, said that we can always remain in pleasure by adopting positive life style and Rajyoga. God has given us the method to rectify our body through our life style. We can be free from many problems by adopting the principles taught by God.

On this occasion, the Secretary General of Brahmakumaris,BK Nirwair appealed to practice Rajyoga for improving our life style and demonstrated the practical meditation.Vice-President Dr. Pratap Midha, Organising Secretary Dr. Girish Patel also addressed the conference and said that we should find out the ways to solve the challenges faced by the present medical system.
Cardiologist Dr. Bharat Rawat, Medanta Hospital, Indore said that our faulty food habits are mainly responsible for the heart diseases.Dr. Banarsi Lal Shah, Secretary Medical Wing, B K Mratunjay and many others also expressed their views in the conference.

मेडिकल साइंस और राजयोग के जरिये मिल सकता है बेहतर स्वास्थ्य: राव
माइंड बाडी मेडिसीन पर राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे भारत तथा नेपाल के सात हजार चिकित्सक
आबू रोड, 27 जनवरी, निसं। व्यक्ति के त्वरित उपचार के लिए मेडिकल साईस जरूरी है परन्तु यदि स्थायी इलाज के लिए मेडिकल साइंस के साथ जीवन पद्यति और योग को शामिल करना जरूरी है। उक्त उदगार एनटीआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 सी वेंकटेश्वर राव ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में आयेाजित माइंड बाडी मेडिसीन पर राष्ट्रीय सम्मेलन में आये देशभर के चिकित्सकों को सम्बोधितर कर रहे थे। इस सम्मेलन में सात हजार एमडी, एमएस, डीन, विभागाध्यक्ष समेत बड़ी संख्या में चिकित्सक भाग ले रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों में समस्त चिकित्सा विभाग का रूझान मरीजों को योग और जीवन पद्यति के लिए बदला है। पूरी दुनिया में योग और राजयोग के प्रति रूझान बढ़ा है। ऐसे में हमे मरीजों को इसके लिए प्रेरित करना चाहिए कि वे अपनी सकरात्मक दिनचर्या के साथ मेडिकल का उपयोग करें तो उनके जीवन में सकरात्मक परिणाम आ सकते हैं। राजयोग ध्यान इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है। 
ब्रह्माकुमारीज संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि यदि जीवन सकारात्मक और योगयुक्त हो जाये तो जीवन में हमेशा खुशियों का प्रवाह होता रहेगा। परमात्मा ने हमें अपने जीवन से ही सबकुछ ठीक करने का हुनर दिया है। ऐसे में यदि अपने जीवन को ईश्वरीय सिद्धांतों के साथ चलायें तो उसमें कई प्रकार की समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं। 
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने खान पान जीवन दिनचर्या केा संतुलित बनाने की सलाह देते हुए प्रतिदिन राजयोग करने की अपील की। कुछ समय के लिए राजयोग का अभ्यास भी कराया गया। सम्मेलन में मेडिकल प्रभाग के उपाध्यक्ष डा0 प्रताप मिडढा, आयोजक सचिव डॉ गिरिश पटेल ने भी शुभकामनाएं देते हुए तीन दिनों तक चिकित्सा पद्धति में आ रही चुनौतियों का सामना से निपटने पर चर्चा कर समाधान निकालने की सलाह दी। 
इस अवसर पर इंदौर के कार्डियोलाजी मेदान्ता हास्पिटल के सहायक निदेशक डा0 भरत रावत ने दिल की बीमारी के लिए खान की पान और मन की बिमारी को जिम्मेदार बताया। इस कार्यक्रम में मेडिकल विंग के सचिव डॉ बनारसी लाल साह, ब्रह्माकुमारीज संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय समेत कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। 
फोटो, 27एबीआरओपी, 1, 2, 3, 4, सम्मेलन का उदघाटन करते अतिथि, सभा में उपस्थित चिकित्सक
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