New Delhi, Jan 13: An Inter-faith Meet on universal peace, harmony and brotherhood was organised by the Brahma Kumaris at J L Nehru Stadium’s Weight Lifting Hall here today.
The event was held to observe 50th Ascension Anniversary of Prajapita Brahma, the corporeal founder of the Brahma Kumaris organization who worked for world peace, unity and brotherhood. Some Inter-faith leaders who addressed this event also offered their tributes, greetings and good wishes on the occasion.
Speaking on the occasion as Chief Guest, Mr. Ram Niwas Goel, Speaker, Delhi Legislative Assembly said that peace of mind is the dire need of all people. He said that rajyoga meditation as being taught by the Brahmakumaris is the right way to link the inner self with the Supreme Being and to experience inner peace and power from Him. That will enable the seeker to face, fight and finish stress and challenges in day to day life.
He further said that like physical food for the body, spiritual knowledge serves as subtle food for strengthening mind and intellect. Moral, spiritual education and practice of meditation being provided by the Brahmakumaris are essential for soft skill development and inner empowerment of people and professionals who are going for hard skills development only in today’s time.
Chief Spokesman of the Brahmakumaris, Rajyogi BK Brijmohan said that in scriptures both God and Brahma are depicted to have created a new world order when the world witnesses climax of irreligiousness and unrighteousness. He said that now such situation has arisen which has warranted the divine descent of incorporeal Supreme Soul Shiva in the corporeal medium of Prajapita Brahma through whom He is reestablishing true religion and civilization of deities with the help of His teachings of spiritual wisdom and rajyoga meditation.
Dr A K Merchant, National Trusty of Bahai’s faith in India said that as per teachings of Prajapita Brahma practice of spirituality is must for all round development people and society.
Mr E I Malekar, Head Priest of Judaism in Delhi giving the example of Prajapita Brahma said that practice and promotion of human values and divine virtues was the main aim of Brahmakumaris’ founder for reestablishing a better world of universal peace, health, harmony and happiness.
Dr. Mohit Gupta, Professor of Cardiology at GB Pant Hospital said that this organization has played a role in transformation of lives of the youth and help them in bringing a new direction in their lives. He said that by practicing Raja-yoga meditation, he has been able to overcome challenges and he emphasized that youth has potential of transform their destinies through the power of yoga. He laid the emphasis on value of Simplicity as taught by founder Prajapita Brahma.
Brahma Kumari Asha, Director of Om Shanti Retreat Centre emphasized on the role of youth in solving today’s challenges. She said that this university has a young people which are not addicted to any kind of alcohol or smoking or even free from mobile addiction. She also emphasized on the virtue of Giving. She said in present times it is important that for youth to inculcate values and virtues.
Padamshree D.R.Kartikeyan, Former Director, CBI offering his hearty tribute said that the teaching of Prajapita Brahma is essential today to attain our cherished goal of world peace, unity and universal brotherhood.
Rajyogini BK Chakradhari, Chairperson of Women’s Wing of Brahmakumaris said that Prajapita Brahma through his teachings and training on spirituality, moral values, rajyoga and simple living prepared a band of powerful spiritual brigade mostly of women who spear headed a spiritual revolution in the then conservative and dogmatic male dominating society. Infect, Brahma Baba was properly started a process of real women empowerment which today has created a global impact.
Rajyogini BK Pushpa, Director, Karol Bagh Centre of Brahmakumaris conducting mass meditation enabled the congregation to experience deep inner peace and power. The Brahmakumaris also presented an enlightening skid on the life time values and teachings of Prajapita Brahma.
Hindi News:
विश्व शान्ति-सदभावना पर सार्वजनिक कार्यक्रम हुआ
“समाज में शांति और सदभावना के लिये राजयोग जरुरी”– श्री रामनिवास गोयल
नई दिल्ली 13 जनवरी : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा विश्व शांति, सदभावना एवं भाईचारा विषय पर आज स्थानीय नेहरू स्टेडियम के सभागार में एक सर्व धर्म स्नेह मिलन का आयोजन हुआ।
यह सार्वजनिक कार्यक्रम ब्रह्मा कुमारी संस्था के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा के पचासवें पुण्य तिथि के अवसर पर, उनके द्वारा वैश्विक शांति, अमन और एकता हेतु की गई त्याग, तप और सेवाओं की स्मृति में, आयोजित किया गया था । इस अवसर पर, अलग अलग धर्मों के धर्म गुरू ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष श्री राम निवास गोयल ने कहा लोग शरीर पर तो ध्यान देते है लेकिन इस शरीर को चलाने वाली आत्मा को बलिष्ठ और विकसित करने पर ध्यान नहीं देते। आत्मा को शक्तिशाली करने का उपाय राजयोग ध्यान अभ्यास ही है। उन्होंने कहा कि लोगों को आज शांति की बहुत जरूरत है। ब्रह्माकुमारी संस्था के सभी केंद्र शांति के स्तंभ है जहां राजयोग द्वारा परमात्मा से शांति प्राप्त की जा सकती है।
ब्रह्मा कुमारी संस्था के मुख्य प्रवक्ता राजयोगी बी के बृजमोहन ने कहा ब्रह्मा एवं ईश्वर दोनों को नई दुनिया का रचयिता कहा जाता है। शास्त्रों में गायन है कि अति धर्म ग्लानि के समय निराकार परमात्मा ने ब्रह्मा तन में अवतरित होकर सत्य ज्ञान एवं राजयोग द्वारा नई दुनिया की स्थापना करते हैं। आज वही समय है जब संसार में चारों ओर धर्म की ग्लानि हो रही है और परमात्मा राजयोग के माध्यम से सतयुग का निर्माण कर रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजिका राजयोगिनी बी के आशा ने कहा कि ब्रह्माकुमारी एक मात्र ऐसी संस्था है जिससे जुड़े लाखों भाई-बहन व्यसन मुक्त है। संस्था से जुड़े लोग बड़ी संख्या में ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं। यहां श्रेष्ठ चरित्र और सत्य कर्मों के द्वारा अपने जीवन तथा समाज को बेहतर बनाने की शिक्षा प्रदान की जाती है।
जी.बी.पंत अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहित गुप्ता जो कि 33 सालों से ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़े है उन्होंने कहा कि परमपिता परमात्मा की एक ज्ञान बूंद से जीवन मोती जैसा बन जाता है। ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़े युवा राजयोग के माध्यम से अपनी विनाशकारी प्रवृतियों का परिवर्तन कर विश्व नव निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मन की स्वच्छता और स्थिरता जीवन में सफलता हासिल करने के लिए आवश्यक है जो कि राजयोग के अभ्यास से सम्भव है।
ब्रह्माकुमारी संस्था के महिला प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी बी0के0चक्रधारी ने कहा कि संस्था के साकार संस्थापक ब्रह्मा ने ईश्वरीय ज्ञान और ध्यान के आधार पर मूलतः महिलाओं को सशक्त किया और इस आध्यात्मिक क्रान्ति के अग्रदूत बनाया। आज उन्हीं की शिक्षाओं के आधार पर विश्व भर में लाखों महिलायें लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहीं हैं।
बहाई धर्म के प्रतिनिधि डॉक्टर ए के मर्चेंट ने कहा कि ब्रह्मा बाबा के अनुसार आज आध्यात्मिक शक्ति को पहचानने की जरूरत है जिससे मानव जाति का उत्थान सम्भव है।
यहूदी धर्म के प्रतिनिध ई आई मालेकर ने कहा कि उन्हें ब्रह्मा बाबा की ये बात सदा याद रहती है कि नर ऐसी करनी करें जो नारायण बने और नारी ऐसी करनी करें जो लक्ष्मी बनें।
सी बी आई के पूर्व निर्देशक पदमश्री डी आर कार्तिकेयन ने भी इस अवसर पर अपने श्रधा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि ब्रह्मा बाबा की शिक्षाएं विश्व शांति, धार्मिक सद्भावना एवं विश्व बंधुत्व को स्थापन करने के लिए अति आवश्यक है।
ब्रह्माकुमारी संस्था के करोल बाग सेवाकेन्द्र निदेशिका बी.के.पुष्पा दीदी ने सामूहिक राजयोग अभ्यास कराते हुए श्रोताओं को गहरी आन्तरिक शान्ति और शक्ति की अनुभूति करायी।
इसके पश्चात ब्रह्मा बाबा के जीवन शिक्षाओं के ऊपर ब्रह्माकुमारी बहनों ने आर्कषक नाटिका प्रस्तुत की।