Rohtak Seminar on National Press Day (15 November)

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Rohtak HR:- ब्रह्मा कुमारीज रोहतक, शीला बाईपास सेवा केंद्र पर 15 नवंबर को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस (नेशनल प्रेस डेके उपलक्ष्य में पत्रकारिता में अध्यात्म की भूमिका विषय पर एक मीडिया सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री संजीव सैनी जी (डी .पी. आर. ओ), रोहतकब्रह्माकुमारी संस्थान के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक बीके सुशांतमास्टर देवराज जी (प्रेसिडेंट ऑफ़ पेंशनर  समिति) तथा वरिष्ठ पत्रकार श्री मनमोहन कथुरिया जी उपस्थित रहे ।
मुख्य अतिथि जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी संजीव सैनी ने कहा कि तनाव मुक्ति के लिए मेडिटेशन एक थेरेपी की तरह कार्य करती है। रोजमर्रा के जीवन में मीडियाकर्मी कठिन परिश्रम के साथ-साथ तनाव के दौर से गुजरते हैं। अगर मीडियाकर्मी में नियमित रूप से मेडिटेशन करें तो निश्चित रूप से एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और वह समाज के लिए बेहतर कार्य कर पाएंगे।
ब्रह्माकुमारी संस्थान के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक बीके सुशांत बीके सुशांत ने कहा है कि आध्यात्मिकता को आधार बनाकर उत्तम श्रेणी की पत्रकारिता की जा सकती है। मीडिया को अंतरात्मा से जोड़ने की जरूरत है, क्योंकि अंतरात्मा को गुमराह नहीं किया जा सकता जबकि विश्व में बहुत से तत्व ऐसे हैं जो हमें गुमराह कर सकते हैं। जब व्यक्ति अंतरात्मा से जुड़ जाता है, तो सभी सामग्री विशुद्ध हो जाती है। अंतरात्मा से मिलने वाले संदेश पर जब पत्रकारिता की जाती है तो उसमें आशय और सामग्री दोनों बेहतर होती है। जनहित को ध्यान में रखकर ही प्रेस सामग्री तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अध्यात्म एक ऐसा क्षेत्र है जो अन्य वर्गों के साथ-साथ मीडिया को भी सकारात्मकता के साथ जोड़ता है। आज के दौर में आबादी का 90 प्रतिशत हिस्सा नकारात्मकता से ग्रस्त है और यह तनाव का कारण है। तनाव मुक्ति के लिए इच्छाओं की सीमाओं का निर्धारित करना होगा। जीवन को सुखी बनाने के लिए पांच सिद्धांतों का मूल मंत्र भी दिया।
केंद्र की प्रभारी बी के रक्षा बहन ने बोलते हुए कहा कि समाचार पत्रों में नियमित रूप से श्रेष्ठ विचारों का कालम प्रकाशित किया जाना चाहिए। शब्दों में ईश्वर की शक्ति होती है और कलम तलवार की धार से भी मजबूत होती है। कलम को कमल बनाने का आह्वान मीडिया कर्मियों से किया। उन्होंने कहा कि समाचार को सदाचार, दूरदर्शन को दिव्य दर्शन तथा आकाशवाणी को अमृतवाणी बनाना होगा।
समाजसेवी देवराज नंदन ने कहा कि ओम शांति शब्द का प्रयोग करने से ही सकारात्मकता का संदेश मिलता है। उन्होंने कहा कि ओम का अर्थ भगवान से है जबकि शांति पूरे विश्व को चाहिए और इस दिशा में ब्रह्मा कुमारीज संस्थाएं एक अच्छा कार्य कर रही है। बीके सीमा बहन ने ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय संस्था की पृष्ठभूमि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्था का मुख्य उद्देश्य तनाव मुक्त जीवन व पूरे विश्व में शांति स्थापित करना है। हर जाति वर्ग समाज धर्म में उनकी संस्था अपनी भूमिका निभा रही है। 
मंच संचालन करते हुए बहन कुसुम ने कहा कि समाज में सकारात्मक लाने में मीडिया प्रमुख भूमिका निभा सकता है। बीके मोनिका ने मीडिया कर्मियों को राजयोग का अभ्यास करवाया। बीके वासुदेव ने आए हुए मेहमानों का आभार व्यक्त किया।
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