आबू रोड (राजस्थान)। मुंबई के प्रसिद्ध भजन सम्राट पद्यश्री अनूप जलोटा ने तबला, वायलिन और गिटार की धुन पर अपनी मधुर स्वर लहरियों से भक्तिमय संगीत का ऐसा जादू बिखेरा कि सभी आध्यात्म की गंगा में डूब गए। मौका था ब्रह्माकुमारीज संस्थान के आबू रोड स्थित शांतिवन परिसर में चल रहे वैश्विक शिखर सम्मेलन का।
संगीत निशा के शुभारंभ पर जलोटा बोले आबू की पावन धरा पर आकर और ब्रह्माकुमारीज के इस पावन मंच से प्रस्तुति देने का मौका पाकर खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं। सबसे पहले उन्होंने अपने प्रसिद्ध भजन ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन… से आध्यात्म संध्या का आगाज किया। इसके बाद ले लो राम का नाम… से माहौल को आध्यात्म के रंग से रंग दिया। श्याम तेरी बंशी, कन्हैया तेरी बंशी…., रंग दे चुनरिया…. जैसे भजनों को प्रस्तुत कर हर किसी को प्रभु के रंग में रंग दिया।
वहीं साथी गायक कलाकार कोयल त्रिपाठी ने गीता सार क्यों व्यर्थ चिंता करते हो, क्या लेकर आए थे, क्या लेकर जाएंगे…. और ऐ मत कहो खुदा से, मेरी मुश्किलें बढ़ी हैं, इन मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है की प्रस्तुति से सभी को मोटिवेट किया। इस दौरान तबले पर सौरभ, गिटार पर हिमांशु और वायलिन पर राशिद अहमद ने संगत देकर आध्यात्मिक संध्या को चार चांद लगा दिए।
चाइना के कलाकारों ने दी वंदे मातरम् पर प्रस्तुति…
इस दौरान चाइना के कलाकारों ने वंदे मातरम् गीत पर मनमोहक प्रस्तुति देकर सभी को भारतीय संस्कृति की गरिमा और झलक दिखाई। साथ ही कर्नाटक से आए कलाकारों ने भी सुंदर कत्थक नृत्य से समां बांध दिया।
फोटो- आध्यात्मिक संगीत संध्या में प्रस्तुति देते अनूप जलोटा
फोटो- चाइना के कलाकार नृत्य की प्रस्तुति देते हुुए।
फोटो- कर्नाटक के कलाकार कत्थक नृत्य की प्रस्तुति देते।