Maha Shivratri Celebrations at Brahma Kumaris HQ

976

Mount Abu (RJ): The Brahma Kumaris HQ at Mount Abu celebrated Maha Shivaratri (84th Shiv Jayanti) in a grand way at Pandav Bhawan, Om Shanti Bhawan, Gyan Sarovar, Global Hospital & World Spiritual Museum. Many Brahma Kumars and Kumaris from different parts of the globe attended this event.

Rajyogini BK Ishu Dadi, Joint Chief of the Brahma Kumaris; BK Nirwair, Secretary General of the Brahma Kumaris; BK Munni, General Manager of the Brahma Kumaris; BK Karuna, Multi-Media Head of the Brahma Kumaris; BK Mruthyunjaya, Executive Secretary of the Brahma Kumaris; BK Jayanti, Director of the Brahma Kumaris in UK, Europe, and the Middle East; BK Mohini, Director of the Brahma Kumaris in Americas and the Caribbean; Dr. Nirmala, Director of the Brahma Kumaris in Australasia and Gyan Sarovar; BK Sashi from Pandav Bhawan, Dr. Hemlata from Trinidad, BK Gayatri from New York, BK Sheilu from Mt Abu, BK Ken from South America, BK Charlie from Australia, BK Sudha from Russia, BK Pratibha from Mt Abu, Dr. Pratap Midha from GHRC, Mt Abu and BK Maureen from London also shared their greetings on this day of Shiv Jayanti.  They congratulated everyone on this auspicious occasion, and reminded them of the big task at hand of bringing in the Golden Age.  Amongst divine fervor, the flag of the Supreme Soul was raised with great happiness and joy. 

News in Hindi

चेतना का सौंदर्य निखारती है आध्यात्मिकता
पाण्डव भवन, ज्ञान सरोवर, ग्लोबल अस्पताल व आध्यात्मिक संग्राहलय में शिवरात्रि कार्यक्रम
 
माउंट आबू, ज्ञान सरोवर अकादमी निदेशिका डॉ. निर्मला ने कहा कि चेतना का सौंदर्य आध्यात्मिकता से निखरता है। अज्ञानता का तिमिर आत्मा के मूल्यों का सर्वनाश कर देता है। सर्व आत्माओं के पिता शिव परमात्मा से मन, बुद्धि की तार जोडऩे से अंतस मन का अंधकार समाप्त हो जाता है। मन में सत्य ज्ञान की नई रोशनी की किरणों का  प्रकाश जीवन को आलोकित कर देता है। यह बात उन्होंने रविवार को ग्लोबल अस्पताल में शिवरात्रि पखवाड़ा महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही।
अमेरिका न्यूयार्क से आई राजयोगिनी बीके मोहिनी बहन ने शिवरात्रि पर्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पापों को खत्म करने के शिवरात्रि पर्व पर मनुष्य को अपने साथ स्वयं को कमी-कमजोरियों से मुक्त करने की दृढ़ता प्रतिज्ञा करनी चाहिए।
ग्लोबल अस्पताल निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा ने अस्पताल की सेवाओं की जानाकारी देते हुए कहा कि अधिकतर बीमारियां हमारे मन के कमजोर संकल्पों की रचना से ही जन्म लेती हैं। राजयोग से मन की शक्तियां जागृत होती हैं। जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। शक्तिशाली विचारों से भरे मन की शक्ति से बीमारियों से मुक्ति पाना संभव है।
यूरोप सेवाकेंद्रों की निदेशिका राजयोगिनी बीके जयंती बहन ने कहा कि सर्व आत्माओं के कल्याणकारी शिव पिता रहमदिल है। दया, करूणा के सागर परमात्मा के साथ स्वयं को स्पष्ट रखना चाहिए। छल कपट की मानसिकता से आत्मा कलुषित हो जाती है। जिससे मन ही मन सूक्ष्म रूप से दु:खों का बोझ जीवन को भारी कर देता है।
मीडिया प्रभाग प्रमुख बीके करूणा ने कहा कि दिनोंदिन बढ़ती तनावजन्य परिस्थितियों में स्वयं को सशक्त बनाने की जरूरत है। राजयोग एकमात्र ऐसा माध्यम है जिसका नियमित अभ्यास कैसी भी विकटतम परिस्थिति में चित्त की वृत्तियों को शांत रखने में मदद करता है।  
खेल प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके शशि बहन ने कहा कि मन की स्थिरता को कायम रखने के लिए आत्मा रूपी दीपक में ज्ञान और योग का घृत डालना जरूरी है। उच्च कोटि के शुद्ध संकल्पों से ही मन के कोनों में छिपे अज्ञान अंधकार से मुक्ति पाना संभव है।
इस अवसर पर शांतिवन मुख्य अभियंता बीके भरत, मलेशिया से आई बीके मीरा बहन, त्रिनीडाड से डॉ. हेमलता, न्यूजीलैंड से आई बीके भावना बहन, लंदन से आई बीके गोपी बहन, न्यूयार्क से आई बीके गायत्री बहन, बीके शीलू बहन आदि ने भी विचार व्यक्त किये।

राजयोग से मिलती है आत्मा को स्वतंत्रता
आध्यात्मिक संग्राहलय में शिवरात्रि कार्यक्रम
 

माउंट आबू, ब्रह्माकुमारी संगठन के महासचिव बीके निर्वैर ने कहा कि पांच विकारों की जंजीरों में बंधी आत्मा को स्वतंत्रता दिलाने के लिए ही परमपिता परमात्मा शिव निराकार का अवतरण होता है। वही कार्य स्वयं परमात्मा राजयोग के माध्यम से अब कर रहे हैं। आध्यात्मिक मूल्यों से संपन्न प्राचीन भारतीय संस्कृति को फिर से पुनस्र्थापित करने के कार्य में समाज के हर वर्ग को एकजुट होना होगा। यह बात उन्होंने सोमवार को सूर्यास्त दर्शन मार्ग स्थित ब्रह्माकुमारी संगठन के आध्यात्मिक संग्रहालय में शिवरात्रि पखवाड़े के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही।
कोषागार प्रभारी राजयोगिनी दादी पूर्णशांता ने कहा कि परमात्मा ने इस सृष्टि को स्वर्ग बनाया था, जो अब आत्माओं के मूल्यों की गिरावट से नरक बन चुका है। अब धर्म की अत्यंत ग्लानि हो चुकी है, कलियुग का अंतिम समय चल रहा है। परमात्मा फिर से सत्य ज्ञान देकर राजयोग से दुनिया को स्वर्णिम बनाने का कार्य कर रहे हैं।
ज्ञान सरोवर निदेशिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला ने कहा कि परमात्मा अभी कहते हैं कि सभी आत्मायें काम चिता पर बैठ भस्म हो पड़ी हैं। परमात्मा आकर अब ज्ञान चिता पर बिठाकर ज्ञान जल से सबकी सद्गति कर रहे हैं।
शांतिवन महाप्रबंधक बीके मुन्नी बहन ने कहा कि विकृतियों से मुक्ति को शिवरात्रि के पर्व पर की गई प्रतिज्ञा को पूर्ण करने में शिव परमात्मा की असीम कृपा बरसती है।
आध्यात्मिक संग्रहालय प्रभारी बीके प्रतिभा बहन ने कहा कि भारत में अकल्पनीय धन सम्पदा थी। विकारों में गिरने से ही मनुष्यों ने इस सम्पदा को गंवा दिया है।  मीडिया प्रभाग प्रमुख बीके करूणा ने कहा कि ज्ञानसूर्य परमात्मा के साथ योग रखने से पवित्रता का बल जमा होता है। पवित्रता और योगबल से ही आत्मा पापों से मुक्ति प्राप्त कर सकती है।
रशिया से आई बीके सुधा बहन ने कहा कि इस संसार के सुख और दु:ख के खेल की सूक्ष्म गति को समझने से ही जीवन में आने वाली विकटतम चुनौतियों का सहज रूप से सामना किया जा सकता है। 

जापान से आई बीके रजनी बहन ने कहा कि मुक्ति और जीवनमुक्ति का सही रास्ता बताने के लिए स्वयं परमात्मा को आना पड़ता है। अब परमात्मा प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के माध्यम से सत्य ज्ञान देकर दैवी दुनिया की स्थापना कर रहे हैं। 
खेल प्रभाग राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीके शशि बहन ने कहा कि एक भगवान ही है जो कभी भी जन्म-मरण के चक्र में नहीं आता। बाकी सब आत्माओं को कर्मों के अनुसार जन्म मरण के चक्र में आना ही पड़ता है। घर-गृहस्थ में रहकर, कर्मयोगी बनने की कला राजयोग से प्राप्त होती है।
इस अवसर पर शिक्षा प्रभाग अध्यक्ष बीके मृत्युजंय, शांतिवन मुख्य अभियंता बीके भरत, राजयोग प्रशिक्षिका बीके वर्षा बहन, न्यूर्याक सेवाकेंद्र संचालिका राजयोगिनी बीके मोहिनी बहन, यूरोप सेवाकेंद्रों की संचालिका बीके जयंती बहन, बीके शीलू बहन, मीरा बहन मलेशिया, डॉ. हेमलता त्रिनीडाड, भावना बहन न्यूजीलैंड, गोपी बहन लंदन, गायत्री बहन न्यूयार्क, बीके बंसत आदि ने भी विचार व्यक्त किये। 
राजयोग से बढ़ती है ज्ञान की रोशनी 
ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर में शिवरात्रि कार्यक्रम

माउंट आबू, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी निदेशिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला ने कहा है कि मन के भीतरी संसार में मचे कोलाहल से मुक्ति प्राप्त करने को राजयोग का नियमित अभ्यास करना समय और परिस्थितियों की बलवती मांग है। अनेक प्रकार के अनावश्यक बंधनों से ग्रस्ति मन को मुक्ति दिलाने के लिए ईश्वरीय ज्ञान की रोशनी की जरूरत है। धैर्यता, गंभीरता व अंतर्मुखता आदि गुण तप के आधार हैं। वे ब्रह्माकुमारी संगठन के बेहतर विश्व निर्माण के लिए स्थापित ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में शिवरात्रि पखवाड़ा महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं।
न्यूयार्क से आई राजयोगिनी मोहिनी बहन ने कहा कि आध्यात्मिकता ज्ञान आत्मा का भोजन है। सत्य ज्ञान के बिना आत्मा कमजोर हो जाती है। ज्ञान की रोशनी से ही समस्याओं के अंधकार से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। आधुनिक संसाधनों के अनावश्यक उपयोग से मन की एकाग्रता भंग होती है।
यूरोप सेवाकेंद्रों की संचालिका राजयोगिनी बीके जयंती बहन ने कहा कि पाश्चात्य जगत में भी भारतीय संस्कृति के प्राचीन राजयोग को अपनाने की परिपाटी को बल मिला है।
मीडिया प्रभाग प्रमुख बीके करूणा ने कहा कि मन को व्यर्थ संकल्पों से मुक्त रखना ही साधना है। तपस्या से ही मन का अंधकार समाप्त होता है। तप का संबंध केवल शारीरिक बैठक से नहीं है बल्कि मन की संकल्प शक्ति पर पूरा नियंत्रण कर उसे कर्मों में लाना ही साधना व तपस्या है।
समारोह में सुरक्षा प्रभाग अध्यक्ष बीके अशोक गाबा ने कहा कि अशुद्ध संकल्प जहर के समान है। हीन भावनाओं के संकल्पों का त्याग करने से ही मन में वसुधैव कुटुम्बम की भावना जागृत होगी।
त्रिनीदाद सेवाकेंद्र संचालिका राजयोगिनी डॉ. हेमलता बहन ने कहा कि सर्व आत्माओं के कल्याणकारी निराकार परमपिता शिव परमात्मा के सत्य ज्ञान से ही मन का अधंकार दूर होगा।
खेल प्रभाग राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीके शशि बहन ने कहा कि राजयोग के जरिए सर्वशक्तिमान परमात्मा शिव से प्राप्त शक्तियों से ही मन की दुर्बलता समाप्त होगी। मन में समर्थ संकल्पों का भंडार जमा होगा।  
ग्लोबल अस्पताल निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा ने कहा कि राजयोग के जरिए स्वास्थ्य रूपी संपत्ति को संभालने के बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं। अधिकतर व्याधियों का जन्म मन के कमजोर संकल्पों से ही होता है। राजयोग मन को शक्तिशाली बनाता है।
शांतिवन के मुख्य अभियंता बीके भरत, मलेशिया सेवाकेंद्र सचांलिका बीके मीरा बहन, जापान सेवाकेंद्र संचालिका रजनी बहन, रशिया से आई बीके सुधा बहन, न्यूजीलैंड की भावना बहन, वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका शीलू बहन, डॉ. सविता अरोड़ा, फिल्म अभिनेता अमित धवन आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर ज्ञान सरोवर परिसर में बड़ी धूमधाम से शिवध्वजारोहण किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए राजयोगी श्रद्धालूगण मौजूद थे।

Previous articleComedy King Kapil Sharma at Prajapita Brahma Kumari in Malad East | Maha Shivaratri Special
Next articleMaha Shivratri – A Call for Awakening