Media Seminar on ‘Solution Based Journalism’ in Betul (MP)

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ब्रह्माकुमारीज़ में समाधान परक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर विषय पर मीडिया संगोष्टी का आयोजन
भाग्य विधाता के भवन मे पत्रकारिता पर गंभीर मंथन
Betul (MP) : मौजूदा हालतों में समाज का दर्पण कहलाने वाला लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अपनी रिपोर्टिंग को लेकर हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। मीडिया से गायब होते ज्वलंत मुद्दे, सामाजिक मूल्यों का पतन ही आज मीडिया पर सवाल खड़े कर रहा है। ऐसे में पत्रकारिता के जरिये हम किस तरह समृद्ध भारत की नई तस्वीर बना सकते है। इस विषय पर गम्भीर चिंतन भी अति आवश्यक हो चुका है। यही वजह है कि, ईश्वरीय सेवाओं के सहभागी, एवम अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा बडोरा स्तिथ अपने नवीन भवन भाग्य विधाता भवन में  अखिल भारतीय मीडिया संगोष्ठी का आयोजन किया गया । ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मीडिया प्रभाग द्वारा आयोजित सम्मेलन में पत्रकारों “समाधान परक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर विषय पर अपने अपने विचारों का आदान प्रदान किया, पत्रकारिता के जरिये हम कैसे समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते है इस पर सुझाव भी आपस मे साझा किए गए ।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के निदेशक संजय द्विवेदी ने काफी बेबाकी से अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि, आज लोकतंत्र सामान्य लोगों तक पहुंचना बेहद जरूरी है । तभी लोकतंत्र की सार्थकता सिद्ध होगी। अतीत के कुछ पन्ने पलटते हुए उन्होंने बताया कि, वर्ष 1991 के बाद हमारे देश मे अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिला है। आज का भारत पहले के भारत से काफी अलग है। मैं देश की प्रगति के खिलाफ नहीं हूँ लेकिन आने वाला समृद्ध भारत संस्कार वान होगा कि नही ये चिंता का विषय है। उन्होंने पुराने समय के संस्कार और मौजूदा दौर में हावी पाश्चात्य संस्कृति का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए इसके कई उदाहरण भी स्थानीय पत्रकारों के सामने रखे।
श्री संजय द्विवेदी ने आगे कहा कि, पत्रकारिता समाज के उत्थान के लिए होती है। हमारी पत्रकारिता से यदि समाज का भला होता है तो यही हमारी पत्रकारिता और समृद्ध भारत का समाधान है। श्री द्विवेदी ने आजादी की लड़ाई के समय अपने कर्तव्यों का सफल निर्वहन करने वाले साहित्यकारों और पत्रकारों की भूमिका की भी मंच से सराहना करते हुए कहा कि, समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए गम्भीरता और ईमानदारी से काम करने की जरूरत है । उन्होंने इस विषय पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि समाज का कोई भी ऐसा अंग नहीं है जो पूरी सुचिता के साथ काम कर रहा हो । समाज की उन्नति के लिए काम एक अकेला पत्रकार नही कर सकता इसके लिए पूरे समाज मे आज परिवर्तन की आवश्यकता महसूस की जा रही है ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे देश के जाने माने पत्रकार राजेश बादल ने पूरी निष्ठा के साथ अपनी बात रखते हुए बताया कि, वर्तमान समय मे  पत्रकारिता काफी कठिन और मुश्किल काम  हो चुका है । जिस तरह से आये दिन मीडिया पर सवाल खड़े हो रहे है ऐसे में समाधान कारक पत्रकारिता की उम्मीद कैसे की जा सकती है। कैसे समृद्ध भारत का सपना साकार किया जा सकता है। ये सबसे बड़ा सवाल है जिस पर चिंतन के साथ साथ आत्म मंथन की भी बेहद आवश्यकता है । हमने अपने पूर्वजों से जो संस्कार पाए है क्या आज हम अपने बच्चों को वो संस्कार दे पा रहे है। तो जवाब होगा नही ।हमारे मौजूदा क्रिया कलाप हमारे बच्चों पर भी गलत असर डाल रहे है । समाधान पत्रकारिता के जरिये यदि हम समृद्ध भारत बनाना चाहते है तो इसके लिए आंदोलन की तरह प्रयास किये जाने की जरूरत है । यदि फिर भी समाधान पत्रकारिता में कोई कमी रह जाये तो हमे इस आंदोलन को और तेज करना पड़ेगा । क्योंकि हम पत्रकार भी इसी समाज का एक हिस्सा है ।
कर सलाहकार एवं लेखक राजीव खंडेलवाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पिछले कुछ अंतराल से मीडिया की हालत बदल चुकी है। मीडिया जगत आज इतना प्रभावशील हो चुका है कि, जनता से जुड़े मुद्दे कब हवा हो जाएं इसकी कोई ग्यारंटी नही है। इसमें सुधार की ज्यादा आवश्यकता है। उन्होंने टीवी चैनलों पर चलने वाले डिबेट्स पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि , चैनलों में आये दिन सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक, विषयों पर बहस की जाती है । इन डिबेट्स पर प्रतिबंध की आवश्यकता है । क्योंकि ये बहस अलगाववादी सोच की प्रतीक जैसी साबित हो रही है । ऐसे में समृद्ध भारत की परिकल्पना बेमानी है ।
समाधान पत्रकारिता के जरिये समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिये, माउंट आबू से पीआरओ कोमल भाई ने सबसे पहले इस उद्देश्य की परख करने पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने कहा कि समृद्ध भारत का निर्माण करना आज असम्भव नहीं है। लेकिन इसकी शुरुवात कहाँ से की जाये ये सबसे बड़ा सवाल है। एक छोटी सी शुरुवात कल की बड़ी शुरुवात हो सकती है । हमारा यह तटस्थ प्रयास देश के कोने कोने में पहुंच सकता है । आज हकीकत की कोई बात नही करता। देश का विकास तभी होगा जब समृद्ध भारत निर्माण के ईमानदार प्रयास होंगे तभी आम नागरिकों का भी विकास होगा । ये होगी हमारे समृद्ध भारत की तस्वीर ।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए ब्रह्माकुमारीज़  बैतूल प्रमुख मंजू दीदी ने उपस्थित महानुभवों और स्थानीय मीडिया के साथ 5 मिनट मौन धारण कर ईश्वरीय प्रार्थना की, उन्होंने कहा कि, मौजूदा हालात में मीडिया का ध्यान सामाजिक मूल्यों के उद्देश्य और स्वर्णिम भारत की तरफ होने की जरूरत है ।
भोपाल से पधारी बीके डॉ. रीना ने अपने उद्बोधन के बीच मानव के खुशहाल जीवन के लिए मेडिटेशन को उपयुक्त बताया इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद मीडिया कर्मियों को मेडिटेशन कराते हुए इसकी प्रक्रिया से भी अवगत कराया । भोपाल से पधारे बीके रावेंद्र भाई ने मीडियाकर्मियों को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान ब्रह्मकुमारी आश्रम के सदस्यों ने आमंत्रित अतिथियों और समस्त मीडिया कर्मियों को तिलक और बेच लगाकर उनका सम्मान किया, इस दौरान अतिथियों ने दीप प्रज्वलन भी किया । कार्यक्रम का सफल संचालन  बीके नंदू ने किया। अंत मे बी के सविता ने सभी का आभार व्यक्त किया ।
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