ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश ‘भाईजी’ की 8वीं पुण्यतिथि पर स्मरणान्जलि कार्यक्रम सम्पन्न राजयोग मेडिटेशन मन के आंतरिक भावों को शुद्ध तथा सशक्त बनाता है – ब्रह्माकुमारी सुषमा दीदी, जयपुर इन्दौर,
मध्य प्रदेश:- शुद्ध, सकारात्मक एवं पवित्र विचारों से मन स्वस्थ बनता है। सद्विचार मनुष्य के आंतरिक भावों को समर्थ तथा शक्तिशाली बनाता है। राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास हमें मन के भावों को शुद्ध बनाने, वायुमण्डल में सकारात्मक प्रकम्पन्न फैलाने तथा घोर निराशा, अवसाद व तनाव के नकारात्मक विचारों से उबारने में मदद करता है।
उक्त प्रेरक विचार जयपुर सबज़ोन प्रभारी, ब्रह्माकुमारी संस्थान की मैनेजमेन्ट कमिटी की मुख्य सदस्या राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुषमा दीदी ने इन्दौर ज़ोन के संस्थापक व पूर्व क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश ‘भाईजी’ की 8वीं पुण्यतिथि के अवसर पर ज्ञानशिखर, ओमशान्ति भवन में आयोजित स्मरणान्जलि कार्यक्रम के अन्तर्गत उच्चारे, विषय था ‘आध्यात्मिकता द्वारा चुनौतियों का सामना’।
आगे आपने कहा कि वर्तमान समय युवाशक्ति विभिन्न व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, व्यावसायिक दबावों से प्रभावित हो रही है जिससे निराशा, नफरत तथा अभावों के प्रभाव में आकर आपघात हिंसा जैसे घृणित कार्य कर लेते हैं। यह मन की दुर्बलता का परिणाम है। आध्यात्मिकता द्वारा स्वयं को शक्तिशाली बनाकर किसी भी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
इस अवसर पर इन्दौर ज़ोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाई अपने युवाकाल से ही मेधावी, ओजस्वी छात्र रहे और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होते ही ईश्वरीय सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके सामने भी अनेक चुनौतियां आईं लेकिन अपने दृढ़ संकल्प, अटूट निश्चय और ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से आगे बढ़ते रहे। 1969 में प्रथम बार ब्रह्माबाबा की आज्ञा से अकेले ही इन्दौर आये और अपनी त्याग, तपस्या और अथक परिश्रम से 4 प्रान्तों में 550 सेवाकेन्द्रों की स्थापना के निमित्त बनें।
वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, लंदन के प्रेजिडेंट संतोष शुक्ला ने कहा कि ‘भाईजी’ के साथ उनका बहुत पुराना आत्मिक नाता था। ‘भाईजी’ ने समाज उत्थान के लिए जो कार्य किया वो बेमिसाल है।
कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्व विद्यालय, रायपुर के पूर्व कुलपति डॉ. मानसिंह परमार ने ‘भाईजी’ का स्मरण करते हुए कहा कि ओमप्रकाश ‘भाईजी’ मीडिया विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। वे मूल्यनिष्ठ मीडिया बनाने तथा मीडिया कर्मियों को मूल्यों के प्रति जागरूक करने के लिये सतत् प्रयासरत रहे। ‘भाईजी’ ने न सिर्फ स्वयं का जीवन बनाया अपितु अपने समान अनेक लीडर तैयार कर दिये।
उज्जैन सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी एवं ‘शक्ति निकेतन’ की संचालिका करूणा दीदी ने भी ‘भाईजी’ के ओजस्वी नेतृत्व के अनुभव सुनाये। ‘शक्ति निकेतन’ की कुमारियों ने ‘भाईजी’ के जीवन पर आधारित नृत्य-नाटिका तथा अनेक प्रेरक मनभावन समूह नृत्यों की प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया।
जयपुर से पधारीं वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी चन्द्रकला बहन ने सभी उपस्थित जनसमूह को राजयोग की गहन अनुभूति कराई। कार्यक्रम का संचालन मेडिकल विंग की जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी उषा बहन ने किया। पूर्व महापौर उमाशशी शर्मा, नगर निगम के सिटी इंजीनियर महेश शर्मा, ब्रह्माकुमारी संस्थान के दो हजार सदस्य तथा शहर के गणमान्य नागरिकों सहित दो हजार लोगों ने अपनी भावभीनी श्रद्धान्जलि अर्पित किया।