National Farmers Day Celebrated in Bilaspur (CG)

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किसान की मुस्कुराहट से ही देश की मुस्कुराहट – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
राश्ट्रीय किसान दिवस पर ‘मुस्कुराए किसान – मुस्कुराए भारत’ थीम पर कार्यक्रम का आयोजन
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में किया गया किसानों का सम्मान

बिलासपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय व भगिनी संस्था राजयोग शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के कृशि एवं ग्राम विकास प्रभाग के संयुक्त तत्वाधान में टिकरापारा सेवाकेन्द्र में ‘मुस्कुराए किसान-मुस्कुराए भारत’ विशय पर किसानों के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सेवाकेन्द्र की बहनों की ओर से किसान भाईयों को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया। उनके सम्मान के लिए पतंजलि के केन्द्रीय प्रभारी व छ.ग. योग आयोग के पूर्व अध्यक्ष भ्राता संजय अग्रवाल जी, बिलासपुर के कृशि सहायक संचालक भ्राता अनिल कौशिक जी व मंजू दीदी जी ने शुभकामना भरे उद्बोधन दिए।
कठिनाईयों का सामना करके भी हमारे लिए अन्न की व्यवस्था करते हैं किसान – संजय अग्रवाल
भ्राता संजय अग्रवाल जी ने इस ऑनलाइन वेबिनार में शुभकामनाएं देते हुए कहा कि  किसान हमारे अन्नदाता नमनयोग्य हैं जो प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए मेहनत करके भी हमारे जीवित रहने के लिए अन्न के साथ अनेक औशधियों की पैदावार करते हैं। आज के विशय के अनुसार हमारे देष के किसान और मेहनत करने वाले मजदूर की मुस्कुराहट के लिए हमें प्रतिदिन की प्रभु वंदना में किसानों की उन्नति, प्रसन्नता व समृद्धि के लिए भी प्रार्थना जरूर करना चाहिए।
नई षासकीय योजनाओं का पूर्णतः लाभ लें किसान…अनिल कौषिक
बिलासपुर के कृशि विभाग के सहायक संचालक भ्राता अनिल कौषिक जी ने किसानों को षुभकामनाएं व बधाई देकर आग्रह करते हुए कहा कि वे षाष्वत यौगिक खेती व जैविक खेती से जुड़ें। शासन द्वारा किसानों के लिए बनाई गई नई-नई नीतियों व योजनाओं की जानकारी लेकर उनका लाभ अवष्य लें। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के प्रथम कृशि मंत्री चौधरी चरण सिंह जी के जन्मदिवस पर किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में किसानों के हित के लिए बहुत कार्य किए, बहुत सी योजनाएं बनाईं।
देष की रीढ़ की हड्डी व त्याग-तपस्या का दूसरा नाम है किसान…ब्र.कु. मंजू दीदी
टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने कहा कि यह वेबिनार व सम्मान समारोह किसानों की महत्ता को उजागर करने व षाष्वत यौगिक खेती की जानकारी देने व उसके लिए प्रेरित करने के लिए आयोजित किया गया। उन्होंने बतलाया कि एक-एक किसान देष की षान है, वह त्याग और तपस्या का दूसरा नाम है। कृशि और ऋशि दोनों ही मिलते-जुलते षब्द हैं। ऋशि पर्वतों पर तपस्या करते हैं और किसान जीवन भर मिट्टी से सोना उत्पन्न करने की तपस्या करते हैं। तपती धूप, कड़ाके की ठण्ड और मूसलाधार बारिष भी उनकी इस साधना को तोड़ नहीं सकती । वह इस देष की रीढ़ की हड्डी है।भारत की आधी से अधिक आबादी गांवों में बसती है जिसमें ज्यादातर किसान होते हैं और कृशि ही उनकी आय का मुख्य साधन है इसलिए हमें अन्न ग्रहण करते समय उस अन्नदाता को याद करते हुए उनका दिल से धन्यवाद कर उन्हें दुआ देना चाहिए और अन्न का सम्मान करते हुए, कभी भी अन्न व्यर्थ न जाए इसका ध्यान रखना चाहिए। यह किसान दिवस एक अवसर है किसानों के सम्मान का अतः पूरे देष में यह धूमधाम से मनाना चाहिए। दीदी ने जय जवान, जय किसान के साथ जय ईमान का नारा देते हुए किसानों को नमन किया।
परमषक्ति परमात्मा को प्रेम का सागर कहते हैं वे इस धरती पर आकर हमें प्रेम की षिक्षा देकर नई सृश्टि का पुनर्निर्माण कर रहे हैं वहां प्यार ही प्यार होगा, नफरत, दुख-अषान्ति का नाम-निषान नहीं होगा। हम सभी उनकी संतान हैं तो हमें भी प्रेम बांटना चाहिए, सबके प्रति सम्मान रखना चाहिए। हमारी सोच का प्रभाव प्रकृति पर पड़ता है इसलिए षाष्वत यौगिक खेती में जैविक खादों का प्रयोग करते हुए सुंदर विचारों के समावेष से फसल उगायी जाती है।
सकारात्मक ऊर्जा दूर करती है थकान…सुरेष साहू
कार्यक्रम में शामिल ग्रामीण कृशि विस्तारक अधिकारी सुरेष साहू ने इस सम्मान के लिए आयोजकों का धन्यवाद किया और कहा कि यहां की सकारात्मक ऊर्जा हम सभी किसानों की थकान को दूर कर देती है और खुषी का अनुभव कराती है। किसानों को अपना मनोबल बढ़ाने के लिए सकारात्मक सोच बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे आध्यात्मिक संस्थान से जुड़कर वह अंदर से भी शक्तिषाली बन सकता है।
अकलतरी ग्राम के किसान दिगम्बर यादव ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मुझे भारत का किसान होने का गर्व महसूस होता है। परमात्मा हमारी रक्षा करते हैं, हम प्रकृति, जीव-जन्तु, माटी से जुड़कर सबका भरण पोशण कर पाते हैं।
तखतपुर के किसान राकेष गुप्ता ने कहा कि आज हम किसान भूमि से जुड़ने के बजाय धन से जुड़ गए हैं जो फसल न उगाकर धन उगाने के लिए अनेक रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं जो कि समस्त मनुश्यों के लिए हानिकारक है। आध्यात्म से जुड़ने से हमारे अंदर श्रेश्ठ कार्य करने की षक्ति आती है। इस कार्यक्रम के लिए उन्होंने भी बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया।
राजयोग शिक्षिका ब्र.कु. गायत्री बहन ने राजयोग से धरती माता को सकाष अर्थात् सकारात्मक प्रकम्पन्न देने की विधि सिखाई और अनुभव भी कराया। गौरी बहन ने किसानों के सम्मान व देषभक्ति की भावना से भरे गीतों पर नृत्य की प्रस्तुति दी। ब्र.कु. षषी बहन ने सभी किसानों से अपनी खेती के कुछ हिस्सों में जैविक व षाष्वत यौगिक खेती को अपनाने के लिए प्रतिज्ञा कराई व एक-एक किसान देष की षान का नारा दिया। अंत में मंजू दीदी व समस्त बहनों ने किसानों को सेवाकेन्द्र की ओर से अंगवस्त्र पहनाकर व पुश्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। इसके पश्चात सभी को ब्रह्माभोजन कराया गया। कार्यक्रम का कुषलतापूर्वक संचालन ब्र.कु. षषी बहन ने किया।

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