Brahma Kumaris Rajyogis Meditate at Red Fort in the Largest Gathering Marking the 4th Int’l Yoga Day in Delhi

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Yoga is India’s precious gift to the world: UNIC Director Derk Segaar

Yoga should be adopted for both healthy mind and body: Union Minister of State for Tribal Affairs 

Yoga means connection with the one Supreme: Dadi Janki

New Delhi: A grand gathering of 50,000 people, including practitioners of Rajyoga meditation from the Brahma Kumaris and nearly 2,000 women personnel from Indian paramilitary forces, thronged the historic Red Fort on Thursday, June 21, to mark the fourth International Day of Yoga.

Stating that yoga was India’s precious gift to the world, Derk Segaar, Director, United Nations Information Centre, said: “The International Day of Yoga was adopted in the United Nations General Assembly in 2014, and was probably the most widely supported resolutions in the history of the United Nations. In its first year itself, it was celebrated by every single country around the world. This illustrates how deeply the ancient Indian practice of yoga resonates with everyone all around the world.”

He said that the two qualities of yoga that stood out for the United Nations were that it is a holistic way to wellbeing, combining physical, mental and spiritual elements. It is also very inclusive, and can be practised by anyone irrespective of age, gender, religion or nationality. “Yoga provides an opportunity to disconnect from the busy world today, and connect with things that truly matter, and that is why this ancient practice is so relevant today,” he said.

Sudarshan Bhagat, Union Minister of State for Tribal Affairs, said that it was a matter of great pride that the Indian culture of yoga was being promoted around the world through the efforts of Prime Minister Narendra Modi. He said that yoga is a way to keep both the mind and body healthy, to be free of stress and disease. He also lauded the Brahma Kumaris for its grand initiative on yoga day.

BK Asha, Director, Om Shanti Retreat Centre, Gurugram, said that through the practice of ancient yoga of India, one could get both a healthy mind and body, create harmony between mind and intellect, and gain victory over one’s mind and senses and the five elements of nature. This is the yoga, she said, through which one could make the impossible possible.

She said that Dadi Janki, the 102-year-old chief of the Brahma Kumaris, was a living proof of the miracles of Rajyoga.

Dadi Janki said that yoga means ‘connection’ or ‘relation’ with the one Supreme Soul, our father, teacher and guide. She said that those practising Rajyoga regularly become strong and unshakeable, and are instrumental in spreading peace, love and power to the world.

Dadi termed Rajyoga “easy yoga”, one that could be practised effortlessly anywhere. Its attainments included perennial happiness, mental stability and experience of peace and love. She also encouraged everyone to follow the mantra of caring, sharing and inspiring.

Congratulating all participants for being part of a historic moment at a historic location, BK Brij Mohan, chief spokesperson of the Brahma Kumaris, said: The Red Fort symbolises the union of all religions. In this very vicinity lie the Digambar Jain Mandir, Gauri Shankar temple, Jama Masjid, Gurdwara Sis Ganj Sahib, Fatehpuri Shahi Masjid, and a church. This reminds us that God is one, and it is significant that we are celebrating the International Day of Yoga here.”

Among the other esteemed guests and speakers on the occasion were Dr. A.K. Merchant, National Trustee of Bahai Community of India; Janab Firoz Bakht Ahmad, Chancellor of Maulana Azad National Urdu University; Ven. Lama Lobzang, Secretary General of International Buddhist Federation; and Ven. Ezekiel Isaac Malekar, Priest and Honourable Secretary of Judah Hyam Synagogue

During the programme, the audience listened to Prime Minister Narendra Modi’s address, which was telecast live from Dehradun. They also performed several exercises and hath yoga kriyas.

​Hindi News:

प्रैस विज्ञप्ति

ब्रह्माकुमारी द्वारा लाल किला मैदान पर दिल्ली के सबसे विशाल संगठित योग का हुआ आयोजन

’’योग भारत का विश्व को अमूल्य उपहार ’’- निदेशक UNIC

’’रोगमुक्त और स्वस्थ जीवन के लिए योग आवश्यक ’’- सुदर्शन भगत

’’सर्व प्राप्तियों का आधार है राजयोग’’- दादी जानकी

नई दिल्ली, 21 जूनः चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयुष मंत्रालय द्वारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय को स्थानीय लाल किला मैदान में संगठित रूप से योग के आयोजन के कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्था के सदस्यों, आयुष मंत्रालय के कर्मचारियों एवं अधिकारियों तथा अर्द्धसैनिक बल की लगभग 2000 महिला कर्मियों के साथ-साथ लगभग पचास हजार लोगों ने भाग लिया।

इस अवसर पर देहरादून में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दिये गये उद्धबोधन का सीधा प्रसारण किया गया जिसको यहां उपस्थित जनसमूह से सुना एवं प्रसन्न हुए।

योग कार्यक्रम में जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने प्रधानमंत्री जी को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का धन्यवाद करते हुए कहा कि शरीर के साथ मन को स्वस्थ रखने हेतु योग महत्वपूर्ण है और यह वर्तमान समय की सभी की आवश्यकता है। इसी से तन और मन का रोग मुक्त और स्वस्थ रखा जा सकता है।

ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका एवं विश्व की सबसे एकाग्रचित महिला के रूप मे विख्यात राजयोगिनी दादी जानकी जी ने इस अवसर पर अपने आर्शीवचन में कहा कि सर्व प्राप्तियों का आधार है राजयोग। योग माना हम आत्माओं का परमात्मा से कनेक्शन, सम्बन्ध जोड़ना और जब हम परमात्मा से सर्व सम्बन्ध जोड़ते हैं तो हमारे में परमात्मा के गुण सुख, शान्ति, प्रेम, आनन्द, पवित्रता, दया और शक्तियां स्वतः आ जाती है, हमें ज्ञान रूपी लाईट मिलती और हम लाईट अर्थात हल्के हो जाते है।

उन्होंने कहा कि योग से हमारे जीवन में व्यवहारिक शुद्धता आती है, विकृत संस्कार समाप्त हो जाते है और न केवल हम अपने तन को बल्कि प्रकृति को भी प्रभावित कर सकते है और शुद्ध बना सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र सूचना केन्द्र के निदेशक डर्क सेगार ने इस अवसर पर कहा कि योग भारत का विश्व को अमूल्य उपहार है जिसने पूरे विश्व को एकता के सूत्र में बांधा है। उन्होंने कहा कि योग की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है इसमें भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिकता समायी है जिससे यह तन, मन और आत्मा तीनों को समग्र रूप से स्वस्थ बनाता है। योग सभी के लिए है, प्रत्येक के लिए है और पूरे विश्व के सभी देशों एवं सभी धर्मां के लिए है। यही वजह है जिसके कारण अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ में सबसे जल्दी एवं सबसे ज्यादा मतो से पारित हो गया।

उन्होंने कहा कि विश्व में भौतिकवाद, घृणा बढ़ती जा रही है और हम प्रकृति से, अन्य लोगों से और साथ ही स्वयं से भी कटते जा रहे है। यह राजयोग ही हमें इसने जोड़ने में मदद करेगा जो कि वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्य प्रवक्ता ब्र0कु0ब्रजमोहन ने बताया कि यह अवसर योग शक्ति के अभ्यास को बढ़ा कर शान्ति और शक्ति के वायब्रेशन फैलाने का है जिससे लोगों के मन में अस्वच्छता, वातावरण में जो अपवित्रता आ गयी है उसे योग बल से समाप्त किया जा सके।

ब्रह्माकुमारी संस्था की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्र0कु0 आशा ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि परमात्मा द्वारा सिखाये जा रहे राजयोग से ही हम अपने तन और मन को स्वस्थ; मन, बुद्धि, कर्म को सन्तुलित एवं समन्वयी, मन को एकाग्र कर असम्भव को सम्भव व प्रकृतिजीन, कर्मेन्द्रियजीत व जगतजीत बन सकते है, जिसका जीता जागता उदाहरण है 102 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी।

इस योग के कार्यक्रम में यहूदी समाज के 0आई0मालेकर, बहाई धर्म के नेशनल ट्रस्टी डॉ0ए0के0मर्चेन्ट, बौद्धी धर्म के लामा लोबजंग, मुस्लिम धर्म के फिरोज अहमद बख्त ने भी भाग लिया एवं अपने विचार रखे।

इस अवसर पर मैक्स मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पीटल द्वारा आपातकालीन स्थिति हेतु अपनी सेवायें प्रदान की गयी।

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