Dadi Prakashmani Commemorative Postage Stamp Released by President of India

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New Delhi, August 25: The President of India, Smt Droupadi Murmu released a postage stamp in memory of Dadi Prakashmani, former chief of Brahma Kumaris at Rashtrapati Bhavan Cultural Centre by pressing the remote control button, today. 
This stamp was released under the ‘My Stamp’ initiative of the Department of Posts, Ministry of Communications to mark the 16th death anniversary of Dadi Prakashmani.
Speaking on the occasion, the President said that Dadi Prakashmani spread the Indian values and culture in India and abroad through spirituality. Under her leadership, the Brahma Kumaris became the largest women-led spiritual organization in the world. Like a true leader, she stood by Brahma Kumaris family with faith and courage even in challenging circumstances and always guided them.
The President said that it is the biggest truth of the world that life is temporary and a person is remembered only because of his/her deeds. She added that one should do noble deeds with the sense of public welfare. 
She shared that Dadi ji may not be not physically among us, but the memories of her spiritual and genial personality and her message of human welfare would always be alive among us and will continue to inspire generations to come.
Speaking about the recent success of Chandrayaan-3 mission, the President said that we all have witnessed the unprecedented success of the scientists of India. She added that India has become the first country to reach the South Pole of the Moon. She expressed confidence that through the Chandrayaan-3 mission new information would be obtained from the lunar land which would benefit the whole world.
Mr Devusinh Chauhan, Union Minister of Communications, as Guest of Honour on the occasion, said that like India’s saints, savants and sages down the ages, the former Chief of Brahma Kumaris, Dadi Prakashmani has spread the light of spiritual truth, love, wisdom and brotherhood across the globe, thereby paving the way for India to become Vishwa Guru in near future.
He said that in Azadi ka Amrit Kaal of India, release of commemorative customised My Postage Stamp in her name is a fitting tribute to Dadiji who served the mankind as an epitome of humility, simplicity, selflessness and human excellence. By cultivating of her values, ideals and noble deeds, we can offer true tribute her, Mr Chauhan stressed.
Rajyogi B K Brijmohan, Addl Secretary General of Brahma Kumaris organization sharing his long association with Dadi Prakashmani, said that Dadiji was not only truthful, loveful, honest and transparent to the core, but also she was equally a tireless, egoless and selfless server of human society.
Earlier, welcoming the august gathering, Rajyogini B K Asha, Chief Coordinator of the stamp release event said that Dadiji has championed the cause of inner empowerment, women liberation, character building and holistic development of people and society through women followers of this largest ladies led organization (Brahma Kumaris) in the world.
 

 News in Hindi:


*राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया डाक टिकट का विमोचन*
*दादी प्रकाशमणि जी के स्मृति दिवस के उपलक्ष में हुई customised My Stamp जारी*
*राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में हुआ कार्यक्रम का आयोजन*
*दादीजी के प्रभावशाली नेतृत्व में ब्रह्माकुमारीज एक छोटे से परिवार से विश्व स्तरीय आध्यात्मिक संगठन में हुई परिवर्तित – श्रीमती द्रौपदी मुर्मू
25 अगस्त 2023, नई दिल्ली: 
ब्रह्मा कुमारी संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि जी के स्मृति दिवस के अवसर पर माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने customised My Stamp का विमोचन किया। इस उपलक्ष में, राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में आज आयोजित एक विशेष कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बोलते हुए माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दो दिन पहले ही हम भारत के वैज्ञानिकों की अभूतपूर्व सफलता के साक्षी बने। आज भारत चांद के दुर्गम दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। 
उन्होंने कहा की, चंद्रयान 3 के द्वारा अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल होंगी। जिनका लाभ समस्त विश्व को मिलेगा। ऐसे महानतम कार्यों की सफलता के पीछे अनेक वर्षों की तपस्या होती है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए की गई तपस्या किसी महायज्ञ से कम नहीं है।
*दादी प्रकाशमणि ने ब्रह्माकुमारीज को दुनिया में सबसे बड़े महिला नेतृत्व वाले संगठन के रूप में किया स्थापित -*
श्रीमती मुर्मू ने कहा कि दादी प्रकाशमणि जी का जीवन तपस्या का प्रकाश स्तंभ रहा है। दादी जी ने 4 दशक तक ब्रह्माकुमारीज संस्था के प्रमुख प्रशासिका के रूप में अपनी अनमोल सेवाएं प्रदान की। 70 वर्षों की अथक त्याग, तपस्या और सेवा से उन्होंने विश्व भर में ईश्वरीय प्रेम का संदेश प्रसारित किया। दादीजी के प्रभावशाली नेतृत्व में संस्था एक छोटे से परिवार से विश्व स्तरीय आध्यात्मिक संगठन में परिवर्तित हो गई। दादी प्रकाशमणि जी का जीवन हमें प्रेरणा देता है कि एक महान आत्मा ही प्रेम का संचार कर सकती है। कुछ लोग ऐसे कार्य कर जाते हैं जो लोगों के हृदय में सदा के लिए अमर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि, मनुष्यों को उनकी आत्मिक शक्ति का अनुभव करवाना और दुनिया में प्रेम एवं सौहार्द का विस्तार करना सबसे बड़ा महान कार्य है। दादी प्रकाशमणि जी ने इस महान कार्य की ज्योति जगाई। अनुयायियों के द्वारा इस अध्यात्मिक ज्ञान और रूहानी प्रेम की ज्योति को सारे विश्व में फैलाते हुए, दादीजी ने संस्था को दुनिया की सबसे बड़ी महिला नेतृत्व वाली संगठन के रूप में स्थापित किया।
*कैसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का दादी जी ने आगे बढ़कर किया सामना-*
माननीय राष्ट्रपति ने कहा कि कैसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दादी जी ब्रह्माकुमारीज परिवार के साथ खड़ी रहकर उनका मार्ग दर्शन करती रही। आज दादी जी चाहे शारीरिक रूप से हमारे मध्य नहीं हैं लेकिन उनके आध्यात्मिक एवं प्रसन्नचित व्यक्तित्व की स्मृतियां और उनके मानव कल्याण का संदेश सदा हमारे साथ रहेगा। दादी जी की स्मृति में विमोचित किया गया डाक टिकट अनेक लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनेगा।
माननीय राष्ट्रपति ने भारत सरकार के डाक संचार विभाग का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ बहुत लोगों तक पहुंच रहा है।
भारत सरकार के संचार राज्यमंत्री माननीय देवी सिंह चौहान ने कहा कि भारत शुरू से ही संतों और ऋषियों की भूमि रही है। भारत ने सारे विश्व में ज्ञान का प्रकाश फैलाया है। जिस कारण ही भारत को विश्व गुरु माना जाता है। ब्रह्माकुमारीज महिलाओं द्वारा संचालित विश्व की सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। साथ ही आज विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी भारत के सम्मान के प्रतीक के रूप में उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा बाबा ने माताओं और बहनों को आगे करके एक महान फैसला लिया। दादी जी कभी भी अपने को हेड नहीं समझती थी। वो कहती थी कि हेड समझना अर्थात हेडेक लेना। दादी जी के बताए हुए मार्ग पर चलना दादी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
ब्रह्माकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने दादी जी के साथ के अनुभव साझा करते हुए कहा कि दादी जी भरी सभा में शान से कहती थी कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी झूठ नहीं बोला। उन्होंने कहा कि दादी जी सबका सम्मान करती थी। दादी जी प्रेम और विनम्रता की साक्षात मूर्ति थी। उन्होंने सादा जीवन उच्च विचार, अध्यात्मिक जीवन शैली, विश्व बंधुत्व व वसुधैव कुटुंबकम् आदि भारतीय मूल्य, आदर्श व परंपराओं को पूरे विश्व में प्रसारित किया।
कार्यक्रम के शुरुआत में ब्रह्मा कुमारी संस्था के ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने अपनी स्वागत संबोधन में कहा की प्रकाशमणि दादी ने महिलाओं के द्वारा ही देश विदेश में लोगों की आंतरिक सशक्तिकरण, चारित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त किया। 
कार्यक्रम में दादी जी के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। कार्यक्रम का संचालन बीके रमा ने किया। कार्यक्रम में, भारत की विभिन्न प्रांतों से लगभग 250 आमंत्रित विशेष मेहमानों ने भाग लिया।
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