Global Summit Begins, Assam Chief Minister Dr. Himanta Bishwa Sharma addressed

128

संविधान से पहले हमारी सनातन संस्कृति और सभ्यता है: मुख्यमंत्री सीएम बोले- संविधान के मूलभूत सिद्धांत भी हमारी पुरातन संस्कृति और सभ्यता से प्रेरित हैं अध्यात्म से लोगोें में आंतरिक परिवर्तन ला रही है ब्रह्माकुमारीज़ वैश्विक शिखर सम्मेलन शुरू, देशभर से पहुंचीं छह हजार से अधिक जानीं-मानीं हस्तियां

आबू रोड (राजस्थान):- ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिश्व शर्मा ने भाग लिया। नए युग के लिए दिव्य ज्ञान विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हमारा देश हजारों वर्षों से आध्यात्मिकता का केंद्र रहा है। भारत में बहुत लोग हैं जो यह मानते हैं कि भारत 15 अगस्त 1947 से शुरू हुआ है और हमारा संविधान ही भारत का मूलभूत है। लेकिन मैं समझता हूं कि भारत की सनातन सभ्यता और संस्कृति पांच हजार साल पुरानी है जो भारत का मूलभूत गौरव है। हमने जो ज्ञान ऋषि-मुनियों से सीखा है वही ज्ञान हमारे संविधान में समाहित किया है। भारत का संविधान हमारे ही देश की शिक्षा, सभ्यता और संस्कार से प्रेरित है, जो कहता है कि हमें संविधान के आधार पर चलना चाहिए। लेकिन मैं कहता हूं कि उससे पहले हम भारत की पुरातन शिक्षा के आधार पर चलें तो अच्छा इंसान बन सकते हैं। सदाचार, सच्चाई, सद्भाव, अहिंसा, दया, प्रेम, करुणा, क्षमा और धैर्य हमारे मूल्य हैं। इनके आधार से ही व्यक्ति के चरित्र का निर्धारण किया जाता रहा है।
कर्म का मूल धर्म होना चाहिए-
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हमें भगवत गीता सिखाती है कि कर्म का मूल धर्म होना चाहिए। भगवत गीता हमें सन्यास लेने के लिए नहीं कहती है। गीता कहती है कि आप कर्म करो और भगवान को अर्पण करो। यही जीवन का मार्ग है। इससे ही जीवन सफल होगा। गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि मानव मात्र निमित्त होता है जो करते हैं भगवान करते हैं। हमारा मूल ज्ञान यही है कि परमात्मा एक हैं और हम सभी आत्माएं हैं। हमारे गलत कर्म हमें परमात्मा से दूर कर देते हैं। लेकिन जब हम परोपकार, पुण्य कर्म करते हैं तो परमात्मा से पुन: मिल सकते हैं। सेवा से आत्मा निर्मल होती है। निर्मल आत्मा, परमात्मा की सबसे प्रिय और पास होती है। ब्रह्माकुमारीज़ में हमें आत्मा को परमात्मा से मिलाने का ज्ञान दिया जाता है। वर्ष 1937 में इस संगठन की शुरुआत की गई थी जो आज विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक संगठन बन चुका है। ये भारत की गौरवगाथा को विश्व में प्रसारित कर रहा है। महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, स्वामी विवेकानंद, आदि शंकराचार्य जैसे संत-महात्मा, ऋषि मानव जाति के लिए अध्यात्म की विरासत छोड़ गए हैं।
आंतरिक बदलाव ला रही है संस्था-
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संगठन लोगों में आंतरिक शांति और बदलाव लाने में जुटी है। यहां के ज्ञान और शिक्षा से लोगों में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है। स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन का यह नारा साकार हो रहा है। लोगों का जीवन बदला है और सुख-शांति आई है। मैं पहली बार ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्यालय आया हूं। यहां आकर लोगों का समर्पण भाव, शांति और पवित्रता देखकर मन पवित्र महसूस कर रहा है।
असम में कई क्षेत्रों में सेवाएं जारीं-
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ की राजयोगिनी बीके शीला दीदी के मार्गदर्शन में असम में सेवाएं की जा रही हैं। गुवाहाटी में ही 25 से अधिक सेवाकेंद्रों से अध्यात्म का संदेश दिया जा रहा है। ब्रह्माकुमारीज़ प्रदेश सहित देश व विश्वभर में यौगिक खेती, नशामुक्ति, स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही है।
हम सभी आत्माएं हैं-
ब्रह्माकुमारीज़ की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि आज विश्व ने सभी क्षेत्रों में बहुत प्रगति की है। लेकिन इस प्रगति के साथ जागृति का बैलेंस नहीं है, नई सोच नहीं है तब तक परिवर्तन नहीं हो सकता है। वर्ष 1937 में ब्रह्मा बाबा काे साक्षात्कार हुए और उन्होंने विश्व परिवर्तन की नींव रखी। उन्होंने सभी काे ज्ञान दिया कि हम सभी आत्माएं हैं। शरीर तो एक वस्त्र है। सतयुग में हम सभी का अनादि स्वरूप होता है।
परमात्मा ने ब्रह्मा बाबा के तन से दिया दिव्य ज्ञान
मीडिया निदेशक बीके करुणा भाई ने कहा कि 1937 में हम सभी को परमात्मा द्वारा प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम से दिव्य ज्ञान मिला। मात्र 87 वर्ष में यह ज्ञान माताओं-बहनों ने पूरे विश्व में पहुंचा दिया। आत्मा की शिक्षा ही यहां का मुख्य आधार है। ईश्वर हम सभी के माता-पिता हैं। इस विद्यालय की सफलता का राज सहज राजयोग मेडिटेशन है। स्वागत भाषण करते हुए कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि आपका अपने घर में, परमात्मा के घर में स्वागत है। बिदर की नुपूर नृत्य अकादमी के कलाकारों ने नृत्य पेश किया। मधुरवाणी ग्रुप के कलाकारों ने गीत प्रस्तुत किया। सम्मेलन में देशभर से 50 से अधिक विधायक, सांसद, राज्यों के कैबिनेट मंत्री, शिक्षाविद और निजी कंपनियों के सीईओ, निदेशक भाग ले रहे हैं।  संचालन डूंगरपुर की बीके विजया दीदी ने किया। आभार गुवाहाटी के निजी कंपनी के चेयरमैन डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने माना।
दादी से लिया आशीर्वाद, गदगद हुए सीएम-
मुख्यमंत्री शर्मा ने मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। दादी का सान्निध्य पाकर सीएम गदगद हो गए। दादी ने सीएम का शॉल पहनाकर और परमात्मा का स्मृति चिंह्न भेंटकर स्वागत किया। कुछ देर उन्होंने ज्ञान चर्चा की और दादी से कुशलक्षेम पूछी।

Previous articleMedia Seminar & Felicitation Ceremony in Indraganj Gwalior MP
Next articleDelhi-PR & Media Conclave in Delhi Om Shanti Retreat Centre