New Delhi, 10 Feb: The Brahma Kumaris Ishwariya Vishwa Vidyalaya, in collaboration with the Union Ministry of Science and Technology, organised a day-long Global Summit on Science, Spirituality, Education and Environment at Talkatora Stadium here today.
Inaugurating the summit, Hon’ble Minister of State for Water Resources and Parliamentary Affairs Arjun Ram Meghwal said he could tell by experience that spirituality was a science that was capable of making things happen. To reach others through the power of vibrations was definitely science, he said.
Dr. Harshvardhan, Union Minister for Science and Technology, Earth Sciences, Environment, Forest and Climate Change, said that India had made great progress in all spheres of science and technology.
To develop environmental-friendly values, both science and spirituality work together. We must do small greed good deeds, and adopt green good behavior and green good social practices, he said. He also said that India’s original sanskar is selfless karma yoga, and humanity is the true religion. The five eternal powers of truth, honesty, love and compassion, good karma, and God’s power lead us towards success.
Padmashri Dr. Sharad Kale, former Head of Technology Transfer and Collaboration at Bhabha Atomic Research Centre, Mumbai, said that spirituality is a science of interplay between the spirit and matter. The world is a family, he said, and so we need to keep it clean by first achieving cleanliness at our homes, and for that the practice of spirituality was imperative. He urged the gathering to adopt a sustainable and environment-friendly lifestyle, stop using plastics, plant trees, avoid wasting food, and aim for zero waste per household.
Mr. Haribhai Parthibhai Chaudhary, Union Minister of State for Coal and Mines, said that despite a spurt in spiritual channels, there was no decline in crime rate and corruption because little attempt was made to implement the words of wisdom in practical life.
Mr. Ernesto Castellanos, Business Analyst & Economist from Mexico, said that to fight corruption the world over, there was need for ethical leadership that practised values and led by example. “We don’t need books on values. We need living examples,” he said.
Vice Admiral Satish Ghormade, DG, Indian Naval Operations, said that as a person working in the field of defence he felt it was important to first secure our own mind, and to be at peace. He said Rajyoga meditation taught by the Brahma Kumaris was a good blend of science and spirituality. It created a treasure of values for use in everyday life.
Rajyogi BK Mruthyunjaya, Chairperson of the Brahma Kumaris’ Education Wing, said that there was a need to create the right balance between science as a tool and spirituality as its master. This could be achieved by practising core values and meditation. To be free of waste thoughts is one of the key teachings at the Brahma Kumaris, he said.
Addressing the mid-day Open Session of the Summit, Professor E.V. Swaminathan, Corporate Trainer and Counsellor, said that many researches presented at the United Nations have pointed out that the consumption of non-vegetarian diet has created more pollution on the planet than the combined pollution from industrial and vehicular emissions. He urged the gathering to adopt a vegetarian, simple and positive lifestyle that was in alliance with nature.
Brother Golo J. Pilz, Head of ‘India One’ Solar Thermal Power Project of the Brahma Kumaris, said that the BK organisation is one of the most experienced users of solar cooking systems. Today 35,000 meals are prepared every day at its Mount Abu headquarters using the power of sun. He said that though science was very clear about stating the upcoming disasters of climate change, people and governments were unwilling to change their lifestyle. “Any change we make has to come from an inner change. We must respect life, walk our talk and eat well,” he said.
Dr. Mohit Gupta, Cardiologist, GB Pant Hospital, New Delhi, said that merely holding conferences and summits was not enough to create a positive change in the world. Unless we elevate our thoughts and put those in practice, our talks would remain hollow. To achieve a green world, we must sow greed good thoughts, he said.
Rajyogini BK Shukla, chief coordinator of the event, said that without purity of mind, honesty of heart and cleanliness of intention, there could be no peace, progress, health, harmony and happiness at human, societal and environmental spheres.
Grammy Award Winner and environment activist Mr. Ricky Kez and his band presented a colourful and touching concert that brought together both music and nature. Violinist Ms. Ayako Ichimaru from Japan also enthralled the audience with uplifting music. Rajyogini BK Pushpa led the gathering into a meditation experience.
Hindi News:
विज्ञान, आध्यात्म, शिक्षा और पर्यावरण विषय पर वैश्विक शिखर सम्मेलन संम्पन
“अध्यात्म और विज्ञान आपस में परिपूरक है, विरोधी नही”- डॉ0 हर्षवर्धन
“अध्यात्म ही हमारे शरीर, मन, बुद्धि और संस्कारो को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाता है”– श्री अर्जुनराम मेघवाल
नई दिल्ली 10 फरवरी : जो सूक्ष्म शरीर आत्मा और भौतिक शरीर में समन्वय स्थापित कर लेता है वह प्रकृति से जुड़ जाता है। क्योंकि यह शरीर भी उन पाँच तत्वों से बना है जो प्रकृति के तत्व है। आध्यात्मिकता यानी आत्मा की शक्ति जो कि संकल्प तरंगे है वह किसी दूसरे तक पहुँचना विज्ञान है। यह बात जल संसाधन एवं पार्लियमेंट्री अफेयर्स केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल मुख्य अतिथि के रूप में ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा वन एवं पर्यावरण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर आयोजित विज्ञान, आध्यात्म, शिक्षा और पर्यावरण विषय पर वैश्विक शिखर सम्मेलन में आज स्थानीय तालकटोरा सभागार में कही।
मैक्सिको के अर्थशात्री एरनेस्टो कैस्टलनोस ने कहा कि भ्रष्टाचार चारों ओर फैल रहा है इसके लिए अपने अन्दर परिवर्तन की शक्ति लानी होगी जिससे समाज में परिवर्तन कर सके। हम मूल्यों के बारे में पढ़ते है लेकिन उन्हें अपने जीवन में लाकर उदाहरण रूप बनना होगा। हमें विज्ञान, आध्यात्म, शिक्षा और पर्यावरण सभी में ऐसे ही नेतृत्व की आवश्यकता है जिनकी सोचने, बोलने और करने में समानता हो।
कोयला व खान मंत्रालय के केन्द्रीय राज्यमंत्री हरिभाई चौधरी ने भारत सरकार की ओर से ब्रह्माकुमारी संस्था को स्वच्छता, योगा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं जैसे कार्यां में सरकार की मदद करने हेतु धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे सेमिनार व्यक्ति व समाज में शिक्षा देते है और शिक्षा से उन्नति होती है।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बी.के.अनसुईया ने कहा कि बाहर के धुंये को, प्रदुषण को नियंत्रण करने के लिए तो कानून बनते है लेकिन मानव के अन्दर की नकारात्मकता और काम, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार विकारों रूपी धुंये और प्रदुषण को आध्यात्मिकता और राजयोग से ही नियंत्रित किया जा सकता है। डॉन्ट ड्रिन्क एण्ड ड्राईव होता है लेकिन ड्रिन्क ही न करें यह जरूरी है।
वाईस एडमिरल सतीश एन घोरमेड ने कहा कि राजयोग जो भगवान सिखाते है वह दिनोंदिन जरूरी होता जा रहा है क्योंकि राजयोग ही विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच सम्बन्ध जोड़ता है। ब्रह्माकुमारी के राजयोग और मूल्य शिक्षा से मन को शान्त व सुरक्षित कर समाज, देश व पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सकता है।
ब्रह्माकुमारीज व वैश्विक सम्मेलन के विशेष सचिव मृत्युन्जय भाई ने कहा भारत में स्वच्छता होगी तो विश्व भी स्वच्छ बन जायेगा। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता में ताकत है आतंकवाद को समाप्त करने की लेकिन इसके लिए विज्ञान को जुड़ना होगा।
ब्रह्माकुमारी ओ.आर.सी. एवं हरिनगर सेवाकेन्द्र निदेशिका शुक्ला दीदी ने इस अवसर पर कहा कि एक अच्छे राष्ट्र के निर्माण एवं मूल्यनिष्ठ बनने के लिए आध्यात्मिकता जरूरी है। अनेक प्रकार की बुराईयों व भौतिकतावाद से मानसिक, समाजिक,वातावरण व प्रकृति प्रदूषित हो गयी है। अब आवश्यकता है सत्यता, प्रेम, करूणा, अहिंसा जैसे नैतिक मूल्यों को अपनाकर अपनी वृति, वातावरण, समाज और समूचे विश्व को स्वच्छ बनाने की।
पदमश्री डॉ0 शरद पी. काले ने विभिन्न समस्याओं का जिक्र करते हुए घर का कूढ़ा बाहर नहीं फैंकने, 3 पेड़ लगाने व प्लास्टिक थैली के प्रयोग बन्द करने की प्रतिज्ञा सभी से करायी।
ब्रह्माकुमारी संस्था के करोल बाग सेवाकेन्द्र निदेशिका बी.के.पुष्पा दीदी ने शुभ संकल्पों द्वारा परमात्मा से संबन्ध जोड़कर प्रकृति और पर्यावरण को शुद्ध बनाने का राजयोग अभ्यास कराया।
दोपहर में विश्व ग्रैमी पुरस्कार विजेता तथा मशहूर पर्यावरण एक्टिविस्ट रिकि केज एवं विश्व ग्रैमी पुरस्कार विजेता पदमभूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट ने म्यूजिक कन्सर्ट कर उपस्थित जन समूह को न केवल प्रकृति के साथ जोड़ा बल्कि मंत्रमुग्ध भी कर दिया।
केंद्रीय विज्ञान और पर्यावरण मंत्री डॉ0 हर्षवर्धन ने अपने समापन वक्तव्य में कहा कि मानवता की कल्याण हेतु विज्ञान और अध्यात्मिकता साथ साथ काम करे । अध्यात्म और विज्ञानं आपस में परिपूरक है, विरोधी नही है । पर्यावरण सरंक्षण हेतु,स्वच्छ्ता, सादगी, सहभागिता, स्वस्थ एवं इकोफ़्रेंडली जीवन प्रणाली अपनाना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि इस देश का मूल संस्कार निष्काम कर्मयोग है और मानवता ही सच्चा धर्म है उसी के लिए कार्य करना है। सत्यता, ईमानदारी, प्रेम तथा करूणा, कर्म और ईश्वरीय शक्ति हमें सफलता की चर्म सीमा पर ले जाती है। इतनी सामाजिक बीमारियों के बीच आप लोग डटे हुए है इसलिए कि अन्तिम विजय सत्य की होगी। आप ईमानदारी, गहराई और प्रमाणिकता के साथ प्रेम की शक्ति लोगों में जागृत करने का कार्य कर रहे है।
अलावा सांसद सौम्य रंजन, साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन के मेयर नरेन्द्र चावला आदि ने अपने विचार रखे।