Raipur(CG): “Today’s younger generation is rushing towards violence and materialism. In such a situation, for the bright future of India, youth will have to be nurtured with moral values.” said Governor of Chhattisgarh Ms. Anusuiya Uikey while inaugurating a grand spiritual fair ‘Sarva Mangala Adhyatmik Maha Kumbh’ at Indoor Stadium organised by the Brahma Kumaris. Her Excellency said that the spiritual knowledge is panacea to fight depression and stress. Spiritual principles can help build a better society and nation. The work of Brahma Kumaris in removing social evils by teaching the art of yoga to connect with the Supreme Soul is highly appreciable.
Hon. Chief Minister of Chhattisgarh, Shri Bhupesh Baghel said that the Chief of Brahma Kumaris, Dadi Janki working actively for the people at 104 years of age is a miracle. It is a result of the constructive work done by the Brahma Kumaris that Chhatisgarh is so calm and peaceful, amidst violence elsewhere. The organization works tirelessly to make peace prevail in every corner of the state. The Chief Minister felicitated Dadi Janki, Chief of Brahma Kumaris with a shawl.
Rajyogini Dr. Dadi Janki, Chief of the Brahma Kumaris, said that this life is a journey. One should consciously avoid giving and taking pain. Peace, Purity, Patience, Humility and Sweetness are the real nature of human soul. Attention can successfully counter tension. Positive attitude can help get rid of negative thoughts.
Dr. Lokesh Muni, Founder of Ahimsa Vishwa Bharati, Delhi said that Brahma Kumaris organization is effortlessly doing the work which the Government could not do even after spending millions. He put forward the demand of Bharat Ratna, the highest civilian award of the Government of India, for Dadi Janki.
Rajyogi BK Mruthyunjaya, Executive Secretary of Brahma Kumaris, Mount Abu said that this organization is working to create a better world through Spiritual Power. This program is also being held for the same purpose.
Rajyogi BK Atam Prakash, Editor of Gyanamrit magazine, Mount Abu, said that spiritual revolution is the need of the hour. Programs like these help in making a better life for the masses.
Rajyogini BK Manorama, Chairperson of Women Wing, Allahabad said that women power will transform the world. Rajayoga can make a person valuable from inside.
Rajyogini BK Kamla, Director of Brahma Kumaris in Chhatisgarh, Raipur also addressed the gathering.
Thousands of people thronged the stadium to listen to Dadi Janki, who came to Chhatisgarh after 15 years. The Child artists enthralled the audience with their beautiful performances.
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भारत के उज्जवल भविष्य के लिए युवाओं को नैतिक मूल्यों से पोषित करें- राज्यपाल
अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक लोकेश मुनि ने की दादी जानकी को भारत रत्न देने की मांग की
रायपुर। आज की युवा पीढ़ी हिंसा और भौतिकता की तरफ भाग रही है। ऐसे में भारत के उज्जवल भविष्य के लिए युवाओं को नैतिक मूल्यों से पोषित करना पड़ेगा।
उक्त विचार राज्यपाल अनुसुईया उइके ने व्यक्त किये। वे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा इंडोर स्टेडियम में आयोजित सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रही थी।
आगे उन्होंने कहा कि बढ़ते तनाव और निराशा में आध्यात्मिक ज्ञान अमृत के समान है। आध्यात्मिक ज्ञान ना केवल तनाव से दूर करेगा वरन समाज और देश के निर्माण में योगदान करने में उपयोगी होगा। मैने लोगों के दुख दर्द को करीब से देखा है, मैं हर किसी को सुख और आनन्द के लिए प्रेरित करने की कोशिश करती हूं। मैं इस प्रदेश के लिए बहुत कुछ करना चाहती हूं। मुझे ऐसा आशीर्वाद दें कि मैं छत्तीसगढ़ में ना भी रहूं तो लोग मेरे द्वारा किये गये कार्य को याद रखें।
उन्होंने कहा कि आज मनुष्य भौतिकता और विलासिता की ओर भाग रहा है। लेकिन ये सुखी जीवन का आधार नही है। सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के साथ आत्मा से पमात्मा का मिलन कराने में ब्रह्माकुमारीज संस्थान का कार्य सराहनीय हैं।
पूरे देश मे अशांति के बीच भी हमारा प्रदेश शांत: बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी की 104 साल की उम्र में भी सक्रियता किसी चमत्कार से कम नहीं है। छत्तीसगढ़ शांति का टापू है। आज पूरे देश मे आग लगी है लेकिन उसका असर हमारे प्रदेश में नही है। यह ब्रह्माकुमारीज सरीखे संस्थान तथा श्रृषि मुनियों की तपस्या का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि अच्छे लोगों से हमेशा अच्छा समाज बनता है। बह्माकुमारी संस्थान छत्तीसगढ़ के कोने कोने में कार्यक्रम करके शांति फैलाने का कार्य कर रही है। दादीजी की विनम्रता प्रेरणा देने वाली है। दादी सौ साल की उम्र पार चुकी है। इसलिए शतायु की कामना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में दादी जी के लिए अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूॅं ताकि उनका आशीर्वाद सदैव मिलता रहे।
आज से ही जीवन को श्रेष्ठ बनाने का संकल्प लें-दादी जानकी
ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका 104 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी ने कहा कि यह जीवन एक यात्रा है। इसमें ना तो किसी को दुख देना है और न ही दुख लेना। सारे विश्व मे लोगों को शांति चाहिए। शांति, पवित्रता, धैर्यता, नम्रता और मधुरता ये मनुष्य के जीवन के आभूषण हैं। मीठा बोलना चाहिए। कइयों को देखा टेंशन बहुत लेते है जबकि व्यर्थ बातों से अटेंशन रखने की जरूरत है। तनाव से बचने के लिए दादी ने कहा कि सदैव सोचो कि जो हो रहा अच्छा हो रहा, जो होगा अच्छा होगा। इससे व्यर्थ संकल्पों से बचने की शक्ति मिलेगी।
अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक ने डॉ. लोकेश मुनि ने कहा कि लाखों करोड़ों खर्च करके जो कार्य सरकार नहीं कर सकती वह ब्रह्माकुमारीज संस्थान कर रहा है। भारत सरकार से दादी जानकी भारत रत्न देने की मांग करता हूॅ।
माउण्ट आबू से प्रकाशित ज्ञानामृत पत्रिका के प्रधान सम्पादक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश ने कहा कि देश में राजनीतिक क्रांति, औद्योगिक क्रांति समेत कई क्रांतियाँ हुई लेकिन आज आध्यात्मिक क्रान्ति की जरुरत है। ऐसे में यह कार्यक्रम लोगों की जिन्दगी बनाने में मददगार साबित होगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्था के कार्यकारी सचिव ब्रह्माकुमार मृत्युंजय ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान पूरे विश्व में आध्यात्मिक शक्ति के जरिए बेहतर समाज और बेहतर इंसान बनाने का कार्य कर रहा है। यह कार्यक्रम भी उसी कड़ी का हिस्सा है।
ब्रह्माकुमारीज संस्था के महिला विंग के अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी मनोरमा ने कहा कि नारी शक्ति से ही विश्व का परिवर्तन होगा। जहॉ नारी का सम्मान नहीं वहॉं अच्छे समाज की कल्पना कठिन है। राजयोग ध्यान एक ऐसी विधि है जो मनुष्य को अन्दर से मूल्यवान बना देती है। सभा को छत्तीसगढ़ सेवाकेन्द्रों की प्रभारी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी समेत कई लोगों ने सम्बोधित किया।
उमड़े हजारों लोग: 15 वर्षों बाद छत्तीसगढ़ में आयी दादी जानकी को सुनने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड पड़ी। पूरा स्टेडिम लोगों से खचाखच भर गया।
नन्हे मुन्ने कलाकारों की दी प्रस्तुतियां: इस अवसर पर नन्हें बाल कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।