Patna (BR): The Brahma Kumaris organized an All India Conference on Bhagvad Gita, at Shri Krishna Memorial Hall here. The theme of the conference was ‘God’s Wisdom For Re-establishing Satyugi Pure World‘.
H.E. Phagu Chauhan, Honorable Governor of Bihar, inaugurated the Conference and said that programs like these benefit the whole society as it is the combined effort of many illumined minds. Bhagvad Gita is relevant for people of all castes, creeds and religions. He congratulated the Brahma Kumaris Organization for holding such a grand program for the benefit of humanity.
Hon. Sushil Modi, Dy. CM of Bihar said that he can’t remember any other organization keeping a program on Bhagvad Gita in all these years. Sharing anomalies in interpretation of Bhagavad Gita, he stressed upon its subtle nature and hence the need for good interpreters. He urged everyone to read Bhagvad Gita and asked the Brahma Kumaris Organization to hold more such programs. He recalled his own association with Bhagvad Gita during emergency days in jail. The relevance of Bhagvad Gita is there in all fields including politics.
BK Brij Mohan, Secretary General of Brahma Kumaris, Delhi said that the real fight in Mahabharat is with the five principal vices of lust, greed, anger, attachment and ego. Rajyoga teaches us how to connect with the Supreme Soul and become pure. This alone can help mankind to overcome its problems.
BK Manorama, Chairperson of Religion Wing of Brahma Kumaris and Allahabad Subzone Incharge, Allahabad deciphered the real meaning of ‘Dharma’ and the concept of One World One Family with Rajyoga Meditation. At a time when the political leadership has fallen in moral standards, the need for spirituality to guide humanity is more then ever.
Dr. Pushpa Pandey, Senior Consultant Gynecologist, Bombay Hospital, Jabalpur, in her speech talked about the real meaning of the various characters of Bhagvad Gita and the cycle of time. No religion teaches violence. Time has come to apply the real principles of Bhagavd Gita to bring in the Golden Age with self transformation.
Shri Gaurishankaracharya from Delhi said that deciphering Bhagvad Gita through the mind and intellect is not possible as it describes the experience of soul consciousness. Brahma Kumaris Organization transforms people, which is the need of the hour.
Mr. Firoz Bakht Ahmed, Chancellor Maulana Azad National Urdu University Hyderabad, said that Truth is One, although religions are many. He recounted his association with the Brahma Kumaris Organization, and said that he tries to assimilate their teachings.
BK Sushant from Delhi gave the vote of thanks.
News in Hindi:
अखिल भारतीय भगवत गीता महासम्मेलन का सुभारम्भ हुआ।‘
भगवत गीता सुखमय जीवन व संसार निर्माण का परमात्म संदेश है’–माननीय राज्यपाल‘
आध्यात्मिकता एवं राजयोग से ही होगी नकारात्मकता और बुराईओं का अंत’–श्री सुशील मोदी
पटना : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आज साम को स्थानीय गांधी मैदान के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में ‘परमात्म श्रीमत द्वारा सतयुगी पावन विश्व की पुनः स्थापना’ विषय पर अखिल भारतिय भगवत गीता महासम्मेलन का भव्य उद्घाटन हुआ।
बिहार के राज्यपाल श्री फागु चौहान जी अपने उद्घाटन उदबोधन मैं कहा की आज की संघर्ष, तनाव और दुख अशांति समय में ऊंच जीवन मूल्य और जीवन दर्शन से परिपूर्ण भगवत गीता बहुत ही प्रासंगिक और आवश्यक है।
उन्होंने समग्र मानवता और विश्व को स्वस्थ और सुखमय दिशा व दशा प्रदान करने वाली भगवत गीता को एक ऊंच कोटि के विज्ञान और कला बताते हुए कहा कि यह कोई एक धर्म या सम्प्रदाय का शास्त्र नही है, अपितु पूरे विश्व को शांति, सदभावना, सहयोग, एकता और भाईचारा का संदेश देने वाली एक सार्वभौम व सार्वजनिक मार्ग दर्शिका है ।
उन्होंने आगे कहा कि, ब्रह्मा कुमारी संस्था द्वारा, भगवत गीता ज्ञान एवं गीता वर्णित राजयोग को जीवन में अपनाने का सहज और सरल विधि, पूरे दुनिया में दी जा रही है। जो कि अति सरहनीय है, किउंकि न केवल यह संस्था भारतीय मूल्यों, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा को विश्व में फेला रही है, साथ साथ वे स्वस्थ-सात्विक जीवन शैली और राजयोगध्यान के सामूहिक प्रक्रिया द्वारा विश्वशांति, वसुधैवकुटुम्बकम एवं स्वच्छ वैशिक वातावरण को बढ़ावा दे रही है।
गीता सम्मेलन के प्रेरणा श्रोत तथा ब्रह्मा कुमारी संस्था के मुख्य प्रवक्ता राजयोगी बी के बृजमोहन जी ने कहा की भगवत गीता सर्व मनुष्य आत्माओं के रूहानी पिता निराकार परमपिता परमात्मा की श्रीमत यानी श्रेष्ठ मत है, जो उनके साकार माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा के द्वारा आज की कलियुग के अंतिम चरण पर, पथ भ्रष्ठ और कर्म भ्रष्ठ मानव एवं प्रदूषित विश्व को परिवर्तन करने और एक शुद्धपूत, पवित्र और सुख शान्ति मय सतयुगी संसार रचने हेतु दी जारही है।
इससे पहले, बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी जी ने विशेष अतिथि के रूप में कहा कि आध्यात्मिकता कोई धर्मसंप्रदाय विशेष के नही है । अपितु सभी धर्मो मैं शिखाएं जाने वाली और जीवन में धारण किए जाने वाले मानवीय मूल्यों की समावेश है। उन्होंने कहा कि, आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की अभ्यास से ही हमारे अंदर की बुराइयों और नकारात्मकता के ऊपर विजय प्राप्त की जा सकती है।
इल्लाहवाद से पधारी, ब्रह्मा कुमारी संस्था के धार्मिक प्रभाग प्रभारी राजयोगिनी मनोरमा जी ने कहा कि परमात्मा द्वारा सृष्टि पर पावन सतयुगी दुनिया बसाने की यही संगम की समय है, जब कलियुग के अन्य और सतयुग का आदि , दोनों युग का संधि काल है, जो अभी चल रहा है ।
दिल्ली से आए, ब्रह्मर्षि गौरीशंकराचार्य जी ने भी आज की समय को ही परमात्मा द्वारा कलियुग परिवर्तन और सतयुग पुनः स्थापना का सन्धि युग यानी आत्मा परमात्मा मिलन का कल्याणकारी संगम युग वताया।
दिल्ली से पधारे उर्दू के विद्वान एवं सर्व धर्म संयोजक डॉ फ़िरोज़ बख्त अहमद ने बताया कि रूहानी चिंतन, दृष्टिकोण और आचरण ही विश्व से नफरत, हिंसा, दुख, अशांति और अस्थिरता का माहौल को बदल सुख शांति, अमन और विश्व वन्धुत्व की परिवेश ला सकता है, जिस दिशा में ब्रह्मा कुमारी संस्था उलेखनीय भूमिका निभा रही है।
जबलपुर से गीता विषारद डॉ पुष्वा पांडे जी ने भगवत गीता में उलेख ईश्वरीय ज्ञान एवं राजयोग ध्यान उपयोगिता की मनोवैज्ञानिज तल पर विश्लेषण किया और कहा कि गीता ज्ञान और राजयोग से ही विश्व के अनेक सामाजिक, व्यावसायिक, राजनैतिक, प्रशाशनिक एवं जलवायु परिपर्तन समश्याओ का समाधान प्राप्त हो सकता है।
सम्मेलन की मुख्य संयोजिका राजयोगिनी बी के संगीता जी ने कहा कि यह सम्मेलन का अगला चरण, भवानी टोला पर कल होगा।