International Conference-cum-Cultural Festival Concluded

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Abu Road, 26th Feb: Mr. Sharad Tripathi, Member of Parliament, Lok Sabha, Sant Kabir Nagar, appreciated the Brahma Kumaris campus saying “This place is a spiritual transmission center, from where spirituality is transmitted across the whole world.” at the International Conference-cum-Cultural Festival on the topic “God’s Plan: Rajyoga for World Peace, Health & Happiness” held at Shantivan, Abu Road, Rajasthan.

Prof. Sat Bir Singh Khalsa, Editor-in-chief, International Journal of Yoga Therapy, Assistant Professor of Medicine at Harvard Medical School, Boston, USA, stated that “Yoga is now part of mainstream society,  and there is an increase in yoga research . Based on the study done, people who practice Rajyoga have much lower cholesterol levels and less triglycerides level, than people who don’t practice rajyoga meditation. This is the evidence that practice of Rajyoga meditation can improve the heart health and psychological state of health. Another study/research shows that  long term practitioners of Brahma Kumaris have much higher level of happiness and satisfaction.”

Dr. Narendra Dhakad,Vice Chancellor, Devi Ahilya Vishwavidyalaya, Indore,  Mrs. Inga Koryagina,The Deputy of the Chair of Management on PR and International Relations, Plekhanov Russian University of Economics, Moscow, Russia, Mrs. Mariia Pobedinskaia, Psychologist/Moscow Regional Consultative and Diagnostic Center for Children, Korolev, Russia, Mr. Suresh Chandel, Ex-MP & Member of Governing Body, Indian council for Agriculture Research , Bilaspur, Himachal Pradesh, Dr. Balram Bhatt, Dean Forestry, Agriculture & Forestry University, Nepal, Muhammed Yaqub, Gandhi Peace Foundation, Jammu & Kashmir and other celebrities shared their inspirations.

Rajyogini BK Hemlata Behn, Director, Brahma Kumaris, Trinidad,Rajyogini BK Shashi Behn, Senior Rajyoga Teacher, Mount Abu, BK Mruthyunjaya, Program Manager and Executive Secretary of the Brahma Kumaris and many senior brothers and sisters from abroad shared their words of wisdom.

3D Splash Painting by Mr. Vinay Hegde, Internationally Acclaimed Artist  and cultural programs by eminent artists were applauded by the participants of the conference.

Hindi News  
चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन का गरिमामय समापन….
100 से अधिक देशों के विद्वानों ने मिलकर निकाला निष्कर्ष- आध्यात्मिक सशक्तिकरण से ही बदलेगी दुनिया
– देशभर के दिग्गज मीडिया कंपनी के एडिटर, सीईओ, राजनीतिज्ञ, संत-महात्मा और बॉलीवुड कलाकारों ने लिया भाग
फैक्ट फाइल…
– 100 से अधिक देशों के विदेशी मेहमानों ने की शिरकत
– 10 हजार से अधिक लोगों ने की सहभागिता
– 200 से अधिक देश-विदेश के विद्वानों ने रखे विचार
– 240 से अधिक कलाकारों ने भारत, इंडोनेशिया, रशिया, नेपाल, रुस, जापान, नाइजीरिया की संस्कृति से कराया रूबरू
– 04 दिन चले आठ से अधिक सत्रों में अतिथियों ने किया विश्व शांति के लिए चिंतन
26 फरवरी, आबू रोड (नि. प्र.)। 
भारत से लेकर नेपाल, जापान से लेकर जर्मनी, रूस, इंडोनेशिया और लंदन से लेकर ऑस्ट्रेलिया से पधारे दस हजार से अधिक विद्वान, राजनीतिज्ञ, संत-महात्मा, मीडियाकर्मी व बॉलीवुड के कलाकारों ने विश्व शांति, खुशी और स्वास्थ्य पर चिंतन किया। ब्रह्माकुमारी संस्थान के शांतिवन परिसर में चार दिन तक चले इस अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक महाकुंभ के मंच से सभी ने एक स्वर में कहा- स्वयं के बदलाव, आध्यात्मिक सशक्तिकरण और ईश्वरीय ज्ञान से ही विश्व में शांति, खुशी और स्वास्थ्य आएगा। ब्रह्माकुमारी संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट द्वारा आयोजित परमात्म योजना: विश्व शांति, खुशी और स्वास्थ्य विषय पर महासम्मेलन का समापन हो गया। समापन पर दस हजार से अधिक प्रतिभागियों ने एक स्वर में संकल्प लिया कि आज से हम खुद को बदल विश्व परिवर्तन के कार्य में अपना हाथ बढ़ाएंगे। यहां चार दिन तक जो सीखा और अनुभव किया उसका लाभ दूसरों को भी देंगे। इस पूरे आयोजन में नाइजीरिया से पधारे पूर्व राष्ट्रपति बाबा ओलुसेगुन ओबासन्जो विशेष आकर्षण रहे।
समापन सत्र में संबोधित करते हुए उत्तरप्रदेश से आए लोकसभा सांसद शरद त्रिपाठी ने कहा कि यहां आकर हमें ज्ञान हुआ कि बाहरी बदलाव के लिए पहले आंतरिक बदलाव करना जरूरी है। इस महासम्मेलन में निकले निष्कर्ष को यदि इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी जीवन में अंगीकार कर लें तो विश्व शांति दूर नहीं।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नरेन्द्र धाकड़ ने कहा कि राजयोग अंतर्जगत की यात्रा है। किसी भी क्षेत्र में उन्नति के लिए राजयोग आवश्यक है। मॉस्को रशिया से आए प्लेकनोव रूसी इकॉनोमिक्स विश्वविद्यालय के पीआर अध्यक्ष व अंतरराष्ट्रीय संबंध इंगा कोरिजीनिया ने कहा कि भारत की गौरवशाली संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने में ये संगठन बहुत ही महान कार्य कर रहा है। आध्यात्मिक ज्ञान वास्तव में सभी के लिए जरूरी है।
बच्चों से बचपन से ही बनाएं सामंजस्य: मनोवैज्ञानिक रूस 
कोरोलेव, रूस से आईं विशेष अतिथि मनोवैज्ञानिक और मास्को क्षेत्रीय सलाहकार मारिया पोबदीन्साया ने कहा कि आज बालमन को समझने की जरूरत है। उनकी मन की संवेदनाओं को नजरअंदाज करने से ही तनावजन्य परिस्थितियां पैदा होती हैं, जिससे उनके संस्कारों में सकारात्मक भावनाएं पैदा होने में समस्या आती है। इसलिए अभिभावकों को बचपन से ही बच्चों से सामंजस्य बनाए रखना चाहिए।
वक्तागण ने अपने अनुभव, ज्ञान के आधार पर ये सुझाव दिए…..
– जम्मू कश्मीर से आए गांधी पीस फाउंडेशन के मोहम्मद याकूब बोले- शांति, शक्ति, सद्भावना, श्रद्धा, सम्मान  और स्वच्छता का पाठ हम इस संगठन से सीखकर जा रहे हैं। ये पाठ नफरत के प्रदूषण को समाप्त करेगा।
– बोस्टन से आए इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग थेरेपी के एडिटर इन चीफ प्रो. सतबीर सिंह खालसा बोले- मैंने राजयोग का नियमित अभ्यास करने वाले भाई-बहनों पर अनुसंधान कर पाया है कि अधिकतर बीमारियां राजयोग के माध्यम से समाप्त की जा सकती हैं। राजयोग ब्रेन में सकारात्मक ऊर्जा का सृजन करता है।
– नेपाल के कृषि और वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराम भट्ट बोले- ब्रह्माकुमारी मन के बिखरे संकल्पों की संपदा को एकत्रित करने का राजयोग के माध्यम से एक बेहतर प्रशिक्षण देने का कार्य कर रही है।
– नईदुनिया में मप्र के रीजनल एडिटर प्रमोद कुमार त्रिवेदी बोले- बच्चों को अध्यात्म से जोडऩे अभिभावकों का कर्तव्य बनता है, उन्हें बचपन से ही बेहतर संस्कार के साथ सकारात्मक नजरिया सिखाएं, आध्यात्मिकता से जुडऩे के लिए 60 साल का इंतजार नहीं करें। अपने फायदे के लिए दूसरों को हक नहीं छीनें।
बीबीसी की पूर्व वरिष्ठ पत्रकार ने हिंदी में उद्बोधन देकर सभी को चौंकाया
लंदन में बीबीसी की पूर्व वरिष्ठ पत्रकार रहीं स्प्रीचुअल स्पीकर डेनिस लारेंस ने मंच पर जैसे ही हिंदी में अपना उद्बोधन शुरू किया तो पूरा हॉल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। दस मिनट तक उन्होंने बिना किसी रुकावट के हिंदी में अध्यात्म की गहराई के विभिन्न सूत्र बताए। लारेंस ने कहा राजयोग परमात्मा को प्रेम से याद करने की परिभाषा है। राजयोग से आत्मा, सृष्टि के आदि-मध्य-अंत का ज्ञान, कर्मों की गुहृ गति, समय का ज्ञान और धर्म-कर्म का सत्य ज्ञान प्राप्त होता है।
इन्होंने भी व्यक्त किए विचार….
पूर्व सांसद सुरेश चंदेल, चंडीगढ़ से आए पंजाब प्लस चैनल के प्रबंध निदेशक रिची गर्ग, दक्षिण भारत से आए नक्कू बिटा टीवी के प्रबंध निदेशक एनएन रामाकृष्णन, त्रिनीदाद में ब्रह्माकुमारीका की डायरेक्टर बीके हेमलता बहन, पोलैंड से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके आशा रेकाबिक, खेल प्रभाग की उपाध्यक्ष बीके शशी बहन, न्यायविद् प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका एडवोकेट बीके लता बहन, ज्ञानामृत पत्रिका के संपादक बीके आत्म प्रकाश बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे। इलाहाबाद की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके मनोरमा बहन ने संचालन किया।  बाली इंडोनेशिया से आए कलाकारों ने बाली नृत्य और सूरत बराछा से आए नन्हें कलाकारों ने कोरियन डांस पेश किया।

“God’s Plan : Rajyoga for World Peace, Health & Happiness”

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