Media Conference on “Role of Media In Establishing The Golden Age” in Nagpur

928

Nagpur (MH): The Media Wing of Rajyoga Education And Research Foundation of Brahma Kumaris, on the occasion of the twenty first anniversary of Om Shanti media, organized a program at Vishwa Shanti Sarovar, Jamtha in Nagpur. The theme of the day was ‘ Role of Media in Establishing the Golden Age‘.

BK Karuna, Chairperson of the Media wing of Brahma Kumaris, BK Anuj, Chief Speaker BK Gangadhar, Journalist and Former editor of Sadhna Path magazine from Delhi and Chief Editor of Om Shanti media Mount Abu, Dr. Baban Gokhale, Chief guest and Head of Department, Mass Communication Department, Dhanwate College, Nagpur, Dr. Ashish Dube, Chief reporter, Lokmat Samachar, Mr. Jagdish Lohia, Edition Head Deshunnati, graced the occasion.

Chief Guest Dr. Gokhale said that it is an amazing feat to keep up the circulation of a newspaper for twenty one years.

BK Karuna shared his pledge to work in a manner befitting to the position of making Bharat as the World Teacher in the coming times. He repeated the words of Narendra Modi, Hon’ble Prime Minister of India verbatim about Brahma Kumaris that it is the only place where God is One is being taught till today since 1936, and has been working for the motto ‘ One God, One World, One Family’. One’s life should be one’s teaching. More than ten lakh families have adopted the way of life shown by the Brahma Kumaris.

The work of taking the message of the Supreme Soul for this age to everyone has to be done by the media. Despite achieving many comforts, mankind today has no control over its mind. If we have the good of humanity at heart, it will show in our writings. Media will have a big role to play in the making of a Golden Bharat. It should always stick to disseminating good values.

BK Rajni, In Charge of the Brahma Kumaris Nagpur thanked everyone for joining. About hundred and twenty five media persons participated. Rajayoga meditation was also practiced during the program.

News in Hindi:

नागपुर: आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के मीडियां प्रभाग के द्वारा ओमशान्ति मीडिया पाक्षिक पत्रिका के 21 वर्ष पूर्ण होने पर नये भारत की स्थापना में मीडिया का योगदान इस विषय के अंतर्गत मीडिया महासम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन ब्रह्माकुमारीज् के जामठा स्थित विश्व शान्ति सरोवर में किया गया।

कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया जिसमें मुख्य रुप से माउण्ट आबू से पधारे मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष राजयोगी बी.के. करुणा भाई जी, चेअरपर्सन, मीडिया विंग, ब्रह्माकुमारीज्, माउण्ट आबू, मुख्य वक्ता के रुप में बी.के. अनुजजी, जर्नलिस्ट, पूर्व संपादक, साधना पथ मैगजीन, दिल्ली, सम्मेलन की विशेष जानकारी देने अर्थ भ्राता बी.के. गंगाधर जी, चीफ एडीटर, ओम शांति मीडिया, माउण्ट आबू, विशेष अतिथी भ्राता डॉ बबनजी नाखले, HOD मास कम्युनिकेशन, धनवटे कॉलेज, नागपुर, भ्राता डॉ. आशिष जी दूबे, चीफ रिपोर्टर, लोकमत समाचार, नागपुर तथा भ्राता जगदीश जी लोहिया, देशोन्नती के एडिशन हेड आदि उपस्थित थे। सभी ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।

सबसे पहले विशेष अतिथी के रुप में आए हुए भ्राता बबन नाखले जी ने कहा की कोई समाचार पत्र 21 वर्ष चलाना बहुत बड़ी बात है। मनुष्य यह वॉकिंग, टॉकिंग आणि लॉफिंग प्राणी आहे, जानवरों में यह कला नहीं रहेती.

अध्यक्षीय भाषण में चेअरपर्सन करुणाजी ने कहा कि मीडिया को कायदे के अंदर ला सकते। आज मै एक संकल्प लेकर आया हूं कि आनेवाले समय को देखते हुये हमे ऐसा कार्य करके दिखाना होगा जो भारत की छवी विश्व के सामने आये भारत विश्व गुरु कैसे है। प्रधानमंत्री मोदीजीने ब्रह्माकुमारीज के बारे कुछ विचार व्यक्त किए उसको वैसे के वैसे दोहराते हुए कहा की यह एक ही संस्था है जो कहती है की ईश्वर एक है। भले ही अलग अलग नाम से संबोधन है पर एक ही ईश्वर है। ऎसे विश्व एक परिवार है यह संकल्पना भी ब्रम्हाकुमारीज् संस्था 1936 से बता रही है।

सायंस के आधार से भी कहते है की बांब वगैरे फट जाए तो सबकुछ खत्म हो जाएगा परंतु ब्रह्माकुमारीज कहती है यह देश अविनाशी खंड है, अनादी है, भारतीय संस्कृती के आधार से कहते है, दुसरे अन्य देशों को ढूंढा गया पर भारत के लिए कहते की भारत था, है,और रहेगा। आज के समय के हिसाब से देखते है धर्म के आधार पर तुकडे तुकडे हुआ है। पर भारत की जीवन पध्दती को देख करके विदेशी लोग प्रभावित हो रहे है वह है भारतीय संस्कृती। प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी विश्व विद्यालय गीता हाथ में लेकर नहीं सुनाती परंतु आपका जीवन ही प्रत्यक्ष किताब होना चाहिए। अब तक तो कहते आए है बाहर वालोंने आकर भारत को खराब कर दिया है। पर उन्होंने एक गुढ बात बताई की ब्रम्हाकुमारीज् परिवार के 10 लाख से अधिक लोग अपने जीवन से भारतीय संस्कृती को दिखा रहे है।

अब भारत को विश्व के आगे लाना है वह काम हमे करना है। इसी देश में भारत में देवी-देवताए थे, मंदीर में आज भी देवी-देवताए की मुर्ती है पर आज शिक्षा पध्दती में मंदीर लायक बनने की शिक्षा कोई नही दे रहा है। मीडिया को चौथे स्तंभ के रुप में उन्होने कहा की मीडीया को देश की रक्षा, देश की शिक्षा का और देश की संस्कृती यही है की हम एक है। ईश्वरीय शक्ती से ही विश्व में स्वर्णिम युग ला सकते है। स्वपरिवर्तन से विश्व परिवर्तन की शिक्षा दि जा रही है। जब यह शिक्षा समझेंगे तब आप विश्व को कह सकते है की भारतीय संस्कृतीही सर्वश्रेष्ठ संस्कृती है।

सम्मेलन की विशेष जानकारी देने अर्थ ओम शांति मीडिया, चीफ एडीटर, भ्राता बी.के. गंगाधर जी अपने वक्तव्य में कहां विषय पर प्रकाश डालते हुये कहा कि पत्रकारीता और आध्यात्मिकता दोनो भी अलग नहीं रहे सकते। आज हमारे पास दुनिया की हर चीज है, सबकुछ है लेकिन मनुष्य दो काम नहीं कर पाये। मन के वृत्ती को कैसे चेंज करना और मन के वैर विरोध के भाव को बदल कैसे शुध्द बना देना। अगर हमारे मन में विश्व कल्याण की भावना होगी तो वह हमारे कलम में भी विश्वकल्याण की ही शक्ति भर देगी।

मुख्य वक्ता भ्राता अनुज भाई ने कहां की नये भारत के निर्माण में मीडिया का बहोत बड़ा योगदान है, उन्होंने कहा की हम कानुन को नहीं बदल सकते लेकिन उसको नैतिकता में बदल सकते है। उन्होंने प्रश्न किया क्या आज कोई सुरक्षित है ? सिर्फ परमात्मा ही है जो सेक्युअर करता है।

नागपुर सेवाकेंद्र की संचालिका राजयोगिनी रजनी दीदी ने अपने आर्शिवचन देकर सबका मन को जीत लिया। । कार्यक्रम में 125 मीडिया कर्मीयोंने इसमें भाग लिया। सभी ने राजयोग का कोर्स करने की इच्छा दर्शायी।

इस कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के. वर्षा बहन तथा बी.के. अनुज भाई ने किया। सबको राजयोग मेडिटेशन के द्वारा शांती की गहन अनुभूती बी.के. मनिषा दीदी ने कराई। आभारप्रदर्शन बी.के. प्रेमप्रकाश भाई जी ने किया।

Previous articleMedia Conference on ‘Role of Media For Bringing The Golden Age‘ in Gwalior
Next articleSocial Leaders Conference Inaugurated at Gyan Sarovar Academy, Mount Abu