Mount Abu (RJ): The inaugural session of media conference cum retreat titled ‘ Media, Spirituality and Social Transformation‘ was held at Brahma Kumaris Gyansarovar complex in Mount Abu.
The aim of this initiative was to stimulate introspection amongst media professionals to embrace spirituality as a means for constructive journalism benefitting the society.
It was attended by prominent personalities including BK Karuna, Chairperson of Media Wing of Brahma Kumaris, Prof. Kamal Dixit, Editor of Rajikhushi Magazine, Dr. Sanjeev Bhanawat, Former head of center of mass communication, Rajasthan University, Mr. Shailendra Saxena, Consultant Editor of Dainik Bhaskar, Dehradun, BK Sheilu, Vice Chairperson of Education Wing, BK Atam Prakash, Vice Chairperson of Media Wing , BK Nirmala and media persons from all over India.
BK Karuna, Chairperson of Media Wing of Brahma Kumaris addressed the inaugural session by recalling the guiding principle of Brahma Kumaris – One God, One World and One Family. Devotion to the work of world transformation through self transformation should be the ideal. Brahma Kumaris have been doing this work selflessly for the past eighty three years. Bharat has to become the World Teacher in Spirituality to bring in the Golden Age. Media should perform selfless service in order to be effective.
Keynote speaker, Prof. Kamal Dixit, Editor of Rajikhushi Magazine said that this opportunity should be used for deep introspection as to how to bring personal transformation. Media people should understand that publishing negative news has not led to its redressal in the society. Rather it has increased negativity. Let’s explore the initiative ‘Positive news for happy society’. Let’s pledge to practice positive journalism for a new world.
Dr. Sanjeev Bhanawat, Former Head of Center of Mass Communication, Rajasthan University said that he is constantly in touch with Brahma Kumaris and working for the initiatives given by them. He appreciated the social work being done by the organization. Self transformation must for lasting social change. The definition of ‘news’ itself needs change today. Change will come from such conferences only.
Mr. Shailendra Saxena, Consultant Editor of Dainik Bhaskar, Dehradun said that we must pause to think about the real purpose of our existence. Mere discussion without introspection will not produce results. Spirituality is the road to truth. Following this path will change the work output for the better.
Guest of Honour Mr. Dinesh Tiwari, Assistant Editor of Hindustan Hindi Daily said that the topic today is a torchbearer for the journalistic world. Without inner peace , writing positive content is not possible.
BK Atam Prakash, Vice Chairperson of Media Wing enunciated the aims of Brahma Kumaris. Good karmas(actions) and empowerment is possible only through connection with the Supreme Soul.
BK Dr. Nirmala, Director of Gyansarovar said that our conduct can improve by following the spiritual path.
BK Sheilu, Vice Chairperson of Education Wing in her address said that the commitment to peace should be our first priority. Knowledge of self and Supreme Soul brings lasting peace. She made everyone experience Rajayoga meditation with commentary.
BK Chandrakala , Zonal Co-ordinator of Media Wing did the stage management and BK Shantanu, Head Quarters Co-ordinator of Media Wing gave vote of thanks. The program also saw candle lighting ceremony, beautiful song and dance sequences.
Hindi News:
मीडिया प्रभाग द्वारा ज्ञानसरोवर माउंट आबू में आयोजित 3 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्गाटन
प्रेस रिलीज़ -१
माउंट आबू 13 जून : ब्रह्माकुमारीज के मीडिया प्रभाग द्वारा ज्ञानसरोवर माउंट आबू में आयोजित 5 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधन करते हुए माखन लाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.कमल दीक्षित ने कहा कि पिछले दशक में भौतिक परिवर्तनों के कारण सुख साधन तो बढे लेकिन मनुष्य की संतुष्टिता में कमी आई है। इन परिस्थितियों में पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम के आदर्श प्रेरणास्रोत बन सकते हैं।ेेजिन्होंने मानवता की गरिमा को शिखर तक ले जाने का प्रयास किया था। यह उनके आध्यात्मिकता से जुडे होने के कारण ही संभव हुआ।
प्रो. दीक्षित ने कहा कि अतीत में विकारों व बुराईयों को समाप्त करने की जितनी कोशिश की गई उतना ही उनका अधिक प्रसार हुआ। हमें यह मानना होगा कि आध्यात्मिकता अंतर्मन को शुभ कार्यों के लिये प्रेरित करतीहै। गुरूकुल शिक्षा प्रणाली अपनाते हुए मनुष्य के हृदय में ऐसी भावना जाग्रत करने की आवश्यकता है, जिससे समाज परिवर्तन के लक्ष्य से सभी वर्ग जुड जायें। यह तभी संभव होगा जब मीडिया मनुष्यता व मानवता के लियेअपने सकारात्मक प्रयासों को और अधिक गति प्रदान करेगा। हमें नई आकांक्षाओं एवम संकल्पों के साथ आगे बढना होगा।
मधुरवाणी गु्रप द्वारा स्वागत गान एवम चंडीगढ की कुमारी सिमोनी द्वारा स्वागत नृत्य से प्रारंभ किये गये उदघाटन सत्र में मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष करूणा भाई ने कहा कि मीडिया ने स्वर्णिम भारत की सरंचना मेंबहुमूल्य योगदान दिया है। यदि हम देश को पहले और धर्म को बाद में रखेंगे और अपना मनोबल मजबूत करते हुए जनहित को सर्वोपरि मानेंगे तो पूरा विश्व एक परिवार बने, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी रहेगी।आध्यात्मिक शक्ति हमें संकट से उभारने का माध्यम बनती है। भारत को विश्व गुरू का दर्जा दिलाने के अभियान में हम सनातन संस्कृति को फिर से प्रतिष्ठित करने का प्रयास करें।
दीप जलाकर किये गये विधिवत उदघाटन के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय में दूर संचार विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष संजीव भानावत ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था ने समाज के उत्थान में जो कीर्तिमान स्थापितकिये हैं उन्हें देखकर कहा जा सकता है कि सकारात्मक चिंतन से विश्व परिवर्तन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि जो कार्य सरकार नहीं कर सकती वह इस संस्था नेकर दिखाये हैं। हमें इस बात का गर्व है कि अब भी अनेक पत्रकार सकारात्मक चिंतन के सहारे समाजिक सरोकारों के प्रति वचनबद्धता पर कायम हैं। लोकतंत्र के ढांचे में प्रदूषण व शोषण के विरूद्ध लेखनी अब भी नहीं झुकती।हमारा कर्तव्य है कि विचारवान व सूझवान नागरिक तैयार करें।
शिव अनादि कला साधना केन्द्र इंदौर के कलाकारों द्वारा शुभ दिन आयो रे गीत पर प्रस्तुत शानदार सामूहिक नृत्य से सजे इस कार्यक्रम में देहरादून से आये पत्रकार शैलेन्द्र सक्सेना और दिल्ली से आये दिनेश तिवारी नेकहा कि हमें स्वयं को पहचानना होगा। यदि हम चिंतन व मंथन करेंगे तो निस्संदेह समाजिक रूपांतरण में आध्यात्मिकता के बल पर सफल होंगे। कार्यक्रम को मीडिया प्रभाग के उपाध्यक्ष आत्मप्रकाश भाई व ज्ञान सरोवरनिदेशिका डा. निर्मला ने भी संबोधन किया।
कैप्शन: मीडिया सम्मेलन का दीप जलाकर उदघाटन करते गणमान्य, नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार
प्रेस रिलीज़ -२
आध्यात्मिकता की समानुपाती है श्रेष्ठ आचरण : राजयोगिनी निर्मला दीदी जी।
आबू पर्वत ( ज्ञान सरोवर ), १३ जून २०१९।
आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, ” मीडिया प्रभाग ” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय मीडिया सम्मेलन का आयोजनकिया गया। इस सम्मेलन का विषय था ‘ मीडिया ,अध्यात्म और रूपांतरण ‘. इस सम्मेलन में देश के सैकड़ों मीडिया प्रभारियों और कर्मियों ने भाग लिया। दीप प्रज्वलन के द्वारा सम्मेलन काउद्घाटन सम्पन्न हुआ।
ज्ञान सरोवर अकादमी की निदेशक राजयोगिनी निर्मला दीदी जी ने सम्मेलन का अध्यक्षीय उद्बोधन प्रस्तुत किया।दीदी जी ने कहा कि विज्ञान ने सुख के अनेक साधन दिए हैं। चमत्कार जैसा करदिया है। फिर भी लोग सुख शांति के लिए भटक रहे हैं।
कौन लाएगा सुख और शांति जीवन में? मीडिया के लोग सभी को प्रभावित कर सकते हैं।मीडिया से लोग काफी नकारात्मक बातें तो सीखते हैं। उसी प्रकार सकारात्मकता भी मीडिया के माध्यमसे सिखाई जा सकती है। आध्यात्मिकता हमें मूल्यवान बनाती है। जीवन में नैतिकता लाती है। जितना आध्यात्मिक ज्ञान होगा – आचरण श्रेष्ठ होगा। श्रेष्ठ आचरण से सामाजिक रूपांतरण संभवहो जायेगा।
मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष राजयोगी करुणा जी ने अपना अध्यक्षीय सम्भाषण प्रस्तुत किया।आपने कहा कि पधारे हुए सभी मीडिया कर्मियों के स्वागत के लिए खुद परमात्मा ही प्रस्तुत हो गए हैं।मौसम की पहली बारिश ने आपका स्वागत किया है। माहौल खुशनुमा हो गया है।
हम सभी सबसे पहले देश के लिए हैं। पहले देश है , बाद में कुछ भी है। हमारी संस्था एक लक्ष्य को लेकर चल रही है। हम ‘विश्व एक परिवार’ की अवधारणा पर चलते आ रहे हैं। एक ईश्वर की शिक्षाके आधार पर हम सभी को , मीडिया कर्मियों को , इस विश्व को बेहतर विश्व बनाना है।
आज के हमारे मुख्य वक्ता ,राजी ख़ुशी पत्रिका के सम्पादक प्रोफ कमल दीक्षित ने कहा कि अध्यात्म मनुष्य को भीतर से परिवर्तित करती है। अध्यात्म की इससे बड़ी भूमिका और कुछ भी नहीं है।भीतर से परिवर्तन होना बड़ी बात है। वैसी किसी भी सत्ता को दुनिया की बड़ी से बड़ी हस्ती भी सम्मान देती है। आपने एक – दो उदाहरण दिया और अपनी बात को स्पष्ट किया।
आपने कहा कि हम सभी को इन दो तीन दिनों में अपने भीतर झाँक कर देखना चाहिए और वहाँ की सफाई के लिए कटिबद्ध होना चाहिए। हम सभी को यह बात अच्छी तरह समझना होगा कीभलाई की भावना भी संक्रामक होती है। मीडिया कर्मियों को अपने भीतर परिवर्तन लाकर एक वैसे संसार की स्थापना करनी चाहिए।
राजस्थान विश्वविद्यालय जन संचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ संजीव भाणावत ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में आज अपनी बातें रखीं। आपने कहा कि विश्व रूपांतरण के लिए सबसे पहले स्वरुपान्तरण की जरूरत होती है। मीडिया की भूमिका है की समाज के हर वर्ग के अवमूल्यन को उसे रोकना है। और उसके लिए कहीं न कहीं आध्यात्म को अपनाना , उसकी गहराई को समझना औरखुद के भीतर बदलाव लाकर समाज को बदलना उसका लक्ष्य होना चाहिए। यह हम सभी की जिम्मेवारी है। आपने अच्छे लोगों के एक संगठन के निर्माण की अनिवार्यता पर जोर दिया।
दैनिक भास्कर ,देहरादून के सलाहकार सम्पादक शैलेन्द्र सक्सेना जी ने भी विशिष्ठ अतिथि के रूप से अपनी बातें समेलन के समक्ष रखीं। आपने कहा कि संसार में अनेक चक्र अनवरत जारी हैं।हम सभी उस चक्र में कहीं न कहीं एक यन्त्र की तरह शामिल हैं। मगर क्या हम कभी विचार करते हैं की हमारा अपना वजूद क्या है ? दरअसल खुद को जानना और पहचानना ही आध्यात्म है।आपने बताया कि आध्यात्मिक होकर ,खुद को रूपांतरित करके , समाज को रूपांतरित कर सकेंगे।
आपने आगे कहा कि विगत ४० वर्षों में वे भारत के सभी योग संस्थानों में गए और वहाँ भरपूर समय बिताया। आज से ३ वर्ष पूर्व उनका सम्पर्क ब्रह्माकुमारीज़ से हुआ। आपको दादी जानकी जी काभी सानिध्य प्राप्त हुआ। यहां आपने एक अद्भुत अलौकिकत और सकारात्मकता को गहराई से महसूस किया।
यही महसूसता आतंरिक रूपांतरण का कारण बनी है। अतः सभी मीडिया कर्मियों कोइस सुनहरे अवसर का लाभ लेना चाहिए और एक आतंरिक रुपान्तरण करके यहां से जाना चाहिए तथा समाज में सकारात्मक रूपांतरण कायम करना चाहिए।
ब्रह्माकुमारीज़ शिक्षा प्रभाग की उपाध्यक्षा राजयोगिनी शीलू बहन ने राजयोग पर प्रकाश डाला और उसका अभ्यास भी करवाया। गहन शांति की अनुभूति करवाई।
दैनिक हिंदुस्तान के सहायक सम्पादक भाई दिनेश तिवारी जी ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। कहा कि मीडिया को चेतना देने वाला विषय लिया गया है सम्मेलन में। जब तक हम अपने आपकोपरिमार्जित , परिष्कृत नहीं करेंगे तब तक कुछ नहीं होने वाला है। सामजिक विसंगतियां क्यों हो रही हैं ? सबके मूल में है मन की अशांति। मन की कालिमा। मन की पीड़ा।
जब मन को सुधार लेंगे तो सामाजिक रुपान्तरण होगा। यहाँ ब्रह्माकुमारीज़ में शिव बाबा ने मन के बारे में बताया है।उसको समझ कर राजयोगी बनकर मन को सुधार सकेंगे।
मीडिया प्रभाग के उपाध्यक्ष राजयोगी आत्म प्रकाश जी ने भी अपनी बातें बतायीं। सामाजिक रूपांतरण में मीडिया की महती भूमिका है। समाज में अनेक समस्यायें हैं। उन समस्याओं को समाप्तकरने में मीडिया अपनी शक्ति का प्रयोग करके निजात दिला सकता है।
अपने बताया कि जो जैसा करेगा , वह वैसा पायेगा। कर्म को सुधारने की जरूरत है। कर्म सुधरते हैं जब हम अपनी पहचान एक ऊर्जा के रूप में करते हैं। फिर ईश्वरीय सम्पर्क से पवित्रता आतीरहती है।
मीडिया प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बी के शांतनु भाई ने धन्यवाद प्रदान किया।ब्रह्मा कुमारी चन्द्रकला , मीडिया प्रभाग की क्षेत्रीय संयोजिका , ने मंच का संचालन किया। रपट बी के गिरीश,मीडिया ,ज्ञान सरोवर।