National Religious Leaders’ Conference Inaugurated at Mount Abu

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Mount Abu, July 22, 2017: Swami Dr. Amrish Chetan Brahmachari of Brindavan Gita Ashram said, “Religion (Dharma) and action (Karma) are the inseparable parts of life. In addition to enkindling the light of personal life, the B K’s of the Brahma Kumaris organisation are also capable of giving practical and tangible forms to the philanthropic works in international level.” He said this while addressing the participants in the inaugural session of the National Religious conference organised by the Religious Wing, R E R F at the Gyan Sarovar campus of Prajapita Brahma Kumari Ishwariya Vishwa Vidyalaya.

Shree Shree 108 Acharya Arvind Muni, Patiala said,” The religious scriptures teach human beings about inculcation of truth and non-violence. But one has to connect oneself with Supreme Soul Shiva in order to generate these teachings on the soil of the mind.”

Dr. B K Nirmala Director, Gyan Sarovar said, “In order to get eternal peace and happiness one has to know the eternal entity like soul and the Supreme Soul. Only momentary happiness can be achieved from the material objects.”

Dr. Kaushal Kishore, the Peethadhishwar of Bharatpur Siddhapitha, said, “It is the greatest act of virtue to build the human character. Regular practice of Rajyoga is the best remedy for getting rid of unnecessary resolves (Sanskars).”

Bhikhu Vishudanand Bodhi Mahathera, the President of Prahya Prasar Dhamma Sanskar Kendra, Aurangabad, said, “The Brahma Kumaris Organisation is the wonderful example of giving brace and support to the spirituality that is stumbling under the impact of modernity, and its exemplary of work of establishing peace in the world is wide open before all. Ethical values are being violated as the shadow of body-consciousness and physical religion (daihik dharma) is falling on man’s mind. Now the time has come for all religions to identify one’s own self-religion (swadharma) and thereby come together in unison.”

Mr. Raghuvir Singh, the Secretary, Rashtriya Sikh Sangha, said, “The work of the Brahma Kumaris of bringing all religions spread throughout the world together on one stage and integrating them like a family is unique and second to none.”

B K Brij Mohan, the Additional General Secretary of the Brahma Kumaris said, “The material happiness can be achieved with accumulation of wealth, but it is essential to get enlightened about one’s own spiritual entity and identity.”

Brahmavahini Sister Hetal of Bilimora, Gujarat, said, “The practice of Rajyoga polishes the ethical and human values of life and brings excellence in actions as well. The soul becomes purified by coming in connection with the Supreme Soul Shiva through Rajyoga meditation.

Sister BK Manorama, National Coordinator, Religious Wing, said “Knowledge is such a light which generates new energy in life by destroying all sorts of darkness in mind.”

B.K. Ramnath, HQ Coordinator, Religious Wing; Sheetal Maharaj, Faridabad; Sister BK Kunti; Sr. Rajyoga Teacher and BK Narayan along with others also expressed their own thoughts and ideas on the occasion.

Hindi News:

धर्म-कर्म जीवन के अभिन्न अंग  
ज्ञान सरोवर में राष्ट्रीय धार्मिक सम्मेलन का उदघाटन
 
माउंट आबू,२२जुलाई। वृन्दावन गीता आश्रम के स्वामी डॉ. अमरीश चेतन ब्रह्मचारी ने कहा कि धर्म-कर्म जीवन के अभिन्न अंग हैं। ब्रह्माकुमारी संगठन स्वयं के जीवन की ज्योति प्रकाशित करने के साथ विश्व स्तर पर जनहित कार्यों को मूर्तरूप देने में समर्थ है। वे शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर में अकादमी परिसर में धाॢमक सेवा प्रभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
 
पटियाला से आए श्रीश्री १०८आचार्य अरविंद मुनि ने कहा कि धर्मगं्रथ मानव को सत्य व अहिंसा की शिक्षा देते है लेकिन उन शिक्षाओं को मन की भूमि पर अंकुरित करने के लिए शिव परमात्मा से संबंध जोडऩा जरूरी है।
 
ज्ञान सरोवर निदेशिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला ने कहा कि अविनाशरी सुख, शान्ति के लिए अविनाशी सत्ता अर्थात् आत्मा व परमात्मा की सत्यता को जानना जरूरी है। भौतिक साधनों से अल्पकाल का सुख प्राप्त होता है। 
 
भरतपुर सिद्वपीठ पीठाधीश्वर डॉ. कौशल किशोर महाराज ने कहा कि मानवीय चरित्र निर्माण करना सबसे पुण्य का कार्य है। अनावश्यक संस्कारों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए राजयोग का नियमित अभ्यास बेहतर उपाय है।
 
औरंगाबाद प्रज्ञा प्रसार धम्म संस्कार केंद्र अध्यक्ष भिक्खू विशूदानंद बोधी महाथेरा ने कहा कि आधुनिकता के प्रभाव से डगमगाती अध्यात्मिकता को संबल देने का अदभुत उदाहरण ब्रह्माकुमारी संगठन की ओर से विश्व में शान्ति स्थापन करने का कार्य सबके समक्ष है। मनुष्य के मन पर दैहिकधर्मों का पर्दा पडऩे से नैतिक मूल्यों का उल्लंघन हो रहा है। अब समय आ गया है कि विश्व के सभी धर्म अपने निजी स्वधर्म को पहचानकर एकजुट हो जाएं। 
 
राष्ट्रीय सिक्ख संघ सचिव रघुवीर सिंह ने कहा कि विश्व में फैले अनेक धर्मों को एक मंच पर एकत्रित कर परिवार की तरह जोडऩे का ब्रह्माकुमारी संगठन ने जो कार्य किया है वह अद्वितीय है।
 
ब्रह्मकुमारी संगठन अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि धनसंग्रह से भौतिक सुख प्राप्त हो सकता है लेकिन स्थाई सुख शांति के लिए स्वयं के असितत्व का प्रकाश होना चाहिए।
गुजरात बिलीमोरा से आई ब्रह्मवाहिनी सुश्री हेतल दीदी ने कहा कि राजयोग का अभ्यास जीवन मूल्यों में निखार लाने के साथ कर्मों को श्रेष्ठ बनाता है। शिव परमात्मा से योग लगाने से ही आत्मा पावन बनती है। 
 
प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके मनोरमा बहन ने कहा किज्ञान एक प्रकाश है जो मन के सभी प्रकार के अंधकार को समाप्त कर जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है।
 
धार्मिक सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके रामनाथ, फरीदाबाद से आए शीतल महाराज, राजयोग प्रशिक्षिका बीके कुन्ती बहन, बीके नारायण भाई आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
 
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माउंट आबू। राष्ट्रीय धार्मिक सम्मेलन का दीप प्रज्जवलित कर उदघाटन करते अतिथिगण।
माउंट आबू। धार्मिक प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते अतिथिगण।
माउंट आबू। राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित सहभागी। 

 

 

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