Online Media Webinar in Raipur

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Raipur(CG): The Brahma Kumaris of Raipur held an online Media Webinar ‘Media, Society and Values‘, on the 5th Remembrance Day of Rajayogi BK Om Prakash,  Former Media Wing Head of RERF and Former Regional Director of Indore Zone of Brahma Kumaris.

Prof. Baldev Sharma, Vice Chancellor of Kushabhau Thakre University of Journalism and Mass Communications, while speaking on this occasion said that the purpose of Media cannot be fulfilled without values.  Profit from newspapers can be made, but not at the cost of values. Making this world a better place and bringing a smile on the face of the sad, should be the aim of media. Otherwise,  it will cease to be a medium of mass awareness,  philanthropy and the investigation of truth.

N. K. Singh, Senior Journalist and Analyst from New Delhi, said that children are unable to get life values from parents these days.  Making such children physically,  morally and spiritually healthy, should be a top priority. There is a need to impart Value Education at the Primary School level. The Brahma Kumaris Organization is doing appreciable work in giving Value Education to parents and teachers.  Value Education should be made part of the school curriculum.

Himanshu Dwivedi, Chief Editor of Haribhoomi, said that the effect of technology has altered the field of journalism.  Values are changing,  with morals being left behind.  Earlier newspapers were the main disseminators of news, with AIR and Doordarshan confining themselves to popularizing government policies.  Today, because of the Media Revolution,  everyone is a journalist via social media.  Authenticity is a casuality in this scenario.  It is the responsibility of every citizen to verify every news before forwarding it.

Shiv Dube, Editor of Dainik Bhasker, said that Media, Society and Values,  all three complement each other.  The society is based on values.  Today, we live in a society that is cruel to women and children,  and disowns its elderly.  Media is a reflection of society.  There is a need to regulate the social media space.

Rajesh Lahoti, State Editor of Patrika,  said that Media is that pillar of Indian Democracy,  which has discharged its responsibility of making the people aware fully. Both before and after the Independence,  it kept the people united. These days, some elements with questionable intentions, try to create disturbance through the social media.  This brings the value system of Media down.

BK Atam Prakash, Editor of Gyanamrit from Mount Abu,  said that we all reap what we sow. If we wish to remain happy, we must improve our deeds.

Prof. Kamal Dixit, Senior Journalist and Editor of Raiikhushi Magazine,  said that it will not be an overstatement to say that today’s society is valueless.  Media too has become market oriented and power hungry.

BK Kamla, Incharge of Brahma Kumaris in Raipur,  while welcoming all the Media Persons, said that Media is a reflection of the society.  It is not possible to have peace and happiness in life without human values.  Spirituality ensures good human values in the society.

BK Manju, former member of Yoga Ayoga, made everyone experience Rajyoga Meditation.  This media webinar was coordinated by BK Aditi.

News in Hindi:

ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश की पांचवी पुण्यतिथि पर आयोजित वेबीनार-

मानवीय मूल्यों के बिना मीडिया का उद्देश्य अधूरा… प्रो. बलदेव भाई शर्मा, कुलपति

रायपुर: कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि मूल्यों के बिना मीडिया का उददेश्य पूरा नहीं हो सकता। अखबार से लाभ कमाएं परन्तु मीडिया के मूल्यों की कीमत पर नहीं। मडिया कर्मी तो ऋषि परम्परा का वंशज है। जग को सुखी बनाना, दु:खी व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना यह पत्रकार का काम होना चाहिए। अन्यथा मीडिया लोकोपकार, जन जागरण और सत्यान्वेषण का माध्यम नहीं रह पाएगा।

प्रो. बलदेव भाई शर्मा आज प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मीडिया प्रभाग द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आयोजित मीडिया वेबीनार में बोल रहे थे। इसका आयोजन मीडिया प्रभाग के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाई जी की पांचवी पुण्य तिथि के अवसर पर किया गया था। विषय था -मीडिया, समाज और मूल्य। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया सिर्फ समाचार सकंलन करने का माध्यम नहीं है। बल्कि मीडिया का कार्य जन चेतना जागृत करना है जो कि मानवीय मूल्यों के बिना सम्भव नहीं है।

नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार एवं विश्लेषक एन. के. सिंह ने कहा कि आज बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा माता-पिता से नहीं मिल पा रही है। ऐसे बच्चों को शारीरिक, नैतिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाना सबसे बड़ी चिन्ता का विषय होना चाहिए। प्राथमिक स्कूलों में मूल्यनिष्ठ शिक्षा देने की आवश्यकता है। माता-पिता और शिक्षकों को वेल्यू एजुकेशन देने का कार्य ब्रह्माकुमारी संस्थान अच्छे से कर सकता है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा को स्कूली पाठ््यकम में शामिल करना चाहिए।

हरिभूमि के प्रधान सम्पादक हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में तकनीक का प्रभाव बहुत तेजी से बढ़ रहा है। तकनीक के साथ मूल्यों में भी बदलाव आ रहा है। जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है नैतिक मूल्य पीछे छूटते जा रहे हैं। पहले पत्रकारिता के नाम पर सिर्फ अखबार ही मुख्य हुआ करते थे। आकाशवाणी या दूरदर्शन तो सिर्फ सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार तक ही सीमित होते थे। अखबार ही तमाम युगान्तरकारी घटनाओं का आधार बने रहे। किन्तु वर्तमान सूचना क्रान्ति के दौर में हममें से हर दूसरा या तीसरा आदमी पत्रकार बना हुआ है और सोशल मीडिया के द्वारा सूचनाओं का प्रसार कर रहा है। किन्तु इसके साथ विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है। यह बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि पहले खबरों की अपने स्तर पर पुष्टि करें फिर दूसरों को भेजें। हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी।

दैनिक भास्कर के राज्य संपादक शिव दुबे ने कहा कि मीडिया, समाज और मूल्य तीनों एक दूसरे के पूरक हैं। हमारा समाज मूल्यों से बनता है। आज हम ऐसे समाज में रह रहे हैं जहाँ पर बच्चों और महिलाओं पर अत्याचार होता है। बुजुर्गों को वृद्घाश्रम में रहना पड़ता है। मीडिया समाज से अलग नहीं है। यह सोचने का विषय है कि मीडिया में मूल्यों की कमी क्यों हो रही है? कोविड के कारण मीडिया हाउस स्वतंत्र होकर पूरी तेजी से काम नहीं कर पा रहा है। सोशल मीडिया के कारण नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है। सोशल मीडिया की खबरों पर रोक लगाने की जरूरत है। इसमें गलत एवं अपुष्ट खबरें प्रसारित होने के कारण कई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं।

पत्रिका के राज्य सम्पादक राजेश लाहोटी ने कहा कि मीडिया ही इस देश का ऐसा स्तम्भ रहा है जिसने समाज को जागरूक करने में अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई है। आजादी के पहले और बाद में लोगों को जोडऩे में मीडिया की अहम भूमिका रही है। महामारी के समय भी इसने लोगों को जागरूक किया है। उद्योग, स्वास्थ्य या कृषि जैसे हर क्षेत्र मेें इसने अपना योगदान दिया है। साथ ही जनता की आवाज को मीडिया ने सशक्त रूप से उठाकर लोकतंत्र को स्थापित करने में भी सहयोग दिया है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया को हथियार बनाकर कुछ शरारती तत्वों ने अफवाह फैलाकर मीडिया के मूल्यों को नीचे गिराने का कार्य किया है। यह चिन्ता का विषय है।

माउण्ट आबू से प्रकाशित ज्ञानामृत के सम्पादक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश भाई ने कहा कि कर्म का सिद्घान्त है कि जैसा कर्म करेंगे वैसा फल मिलेगा। इसलिए सुखी रहना है तो हमें अपने कर्मों को सुधारना होगा।

वरिष्ठ पत्रकार एवं राजीखुशी के सम्पादक प्रो. कमल दीक्षित ने कहा कि समाज इस समय मूल्यहीन है यह कहना गलत नहीं होगा। मीडिया भी अब समाज सरोकारी नहीं रह गया है। मीडिया सत्ता, समर्थ और बाजार केन्द्रीत हो गया है। इसका कारण यह है कि मीडिया अब व्यवसाय बन गया है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने सभी मीडिया कर्मियों का स्वागत करते हुए कहा कि मीडिया समाज का दर्पण है। मानवीय मूल्यों के बिना जीवन में सुख और शान्ति सम्भव नहीं है। आध्यात्मिकता से ही जीवन में मानवीय मूल्यों का संचार होगा।

कार्यक्रम के बीच में योग आयोग की पूर्व सदस्य ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने राजयोग मेडीटेशन का अभ्यास कराया। मीडिया वेबीनार का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिती दीदी ने किया।

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