President of Nepal Inaugurated Nagarkot Retreat Centre

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ब्रह्माकुमारीज़ ज्ञानसरोवर अकादमी, नगरकोट  रिट्रीट सेंटर का भव्य उद्घाटन

ब्रह्माकुमारीज़ नेपाल  काठमांडू  जाेन द्वारा नवनिर्मित ज्ञानसरोवर अकादमी एवं रिट्रीट सेंटर का उद्घाटन नेपाल के  महामहिम राष्ट्रपति श्री रामचंद्र पौडेल जी के मुख्य आतिथ्य में अत्यंत सौहार्दपूर्ण वातावरण में एक भव्य समारोह के बीच संपन्न हुआ। उद्घाटन समारोह ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र नेपाल की संचालिका राजयोगिनी डॉ. राज दिदी जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए महामहिम राष्ट्रपति पौडेल ने प्रसन्नता व्यक्त की कि वे इस ऐतिहासिक और पवित्र कार्यक्रम का हिस्सा बन सके। उन्होंने कहा: “यह संस्था पिछले छह दशकों से नेपाल में और 87 वर्षों से विश्व भर में शांति, सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। ज्ञानसरोवर अकादमी और रिट्रीट सेंटर का निर्माण चरित्र और कर्मों के उत्थान के पवित्र उद्देश्य से किया गया है, जो स्थानीय निवासियों और आगंतुकों सहित सभी देशवासियों में सद्गुण और संस्कार को प्रोत्साहित कर सुखी और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना में सहायक होगा।”

राष्ट्रपति ने वर्तमान तनावपूर्ण माहौल में समाज की प्रगति और शांति के लिए आध्यात्मिक चिंतन, मनन और विश्व बंधुत्व की भावना को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अभियान समाज और राष्ट्र को सकारात्मक दिशा प्रदान कर रहा है।

कार्यक्रम में नेपाल के उपप्रधानमंत्री और शहरी विकास मंत्री प्रकाशमान सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उनका पूरा परिवार ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के निस्वार्थ सेवा और दिव्यता से गहराई से प्रभावित है। उन्होंने कहा: “यह संगठन शांति, भाईचारे और एकता का संदेश देकर समृद्ध समाज निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहा है। इसका परोपकारी कार्य सभी के लिए अनुकरणीय है।”

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, ब्रह्माकुमारीज़ ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन के कार्यकारी सचिव राजयोगी डॉ. ब्रह्माकुमार मृत्युंजय ने कहा  “सभी समस्याओं की जड़ प्रकृति और परमात्मा से दूरी है। समाधान केवल ईश्वर और प्रकृति की ओर लौटने में है। ज्ञानसरोवर न केवल ज्ञान की झील है, बल्कि यह योग, प्रेम और शांति की भी झील है।”

महामहिम राष्ट्रपति ने परिसर के मुख्य द्वार पर रिबन काटकर और शिलालेख ज अनावरण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद, राष्ट्रपति, उप प्रधानमंत्री, राजयोगिनी डॉ. राज दिदी  और राजयोगी भ्राता डॉ. मृत्युंजय जी ने संयुक्त रूप से परिसर में स्थित चारधाम का उद्घाटन किया।

ब्रह्माकुमारीज़ नेपाल की निर्देशक राजयोगिनी  राज दिदी जी   ने अपने आशीर्वचन में कहा कि शिवबाबा के दिव्य ज्ञान ने लाखों आत्माओं के जीवन को सकारात्मक रूप से बदल दिया है। उन्होंने इस आयोजन को भव्य, सार्थक और सफल बनाने के लिए सभी गणमान्य अतिथियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने अपनी गायन और नृत्य प्रस्तुतियों से समारोह में रंग भर दिया। केक कटिंग और ईश्वरीय सौगात वितरण ने इस आयोजन को और खास बना दिया।

इस अवसर पर नेपाल सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि, ब्रह्माकुमारीज़ के वरिष्ठ सदस्य, मीडिया कर्मी, शिक्षाविद, धार्मिक विचारक, और नेपाल-भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आए गणमान्य अतिथियों ने हिस्सा लिया।

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