‘Spiritual Contemplation Increases Will Power’ – Rajasthan Governor
Jaipur: Governor of Rajasthan, Shri Kalraj Mishra has said that trying to know the maximum about the soul is spirituality. When a person thinks of an introvert, then positivity is created and negative thoughts themselves go away. He said that through spiritual contemplation, the willpower of a person increases and he is inclined toward public welfare. Governor Mishra was addressing at the launch of the ‘Spiritualism for Administrative Excellence’ campaign on behalf of Raj Yoga Educational and Research Foundation of Prajapita Brahma Kumaris Ishwariya Vishwavidyalaya at Raj Bhavan here on Friday. He said that following moral values is a sign of religion. One should follow the path of morality and spirituality in work and family life. This not only brings positive energy to his own life but also indirectly inspires others to follow moral values.
The Governor said that the basic spirit of Indian culture is rooted in Vasudhaiva Kutumbakam and in this, not only human beings living on the earth, but all living beings, plants, and plants have also been considered as part of their family. It contains a unique message of natural balance. At the beginning of the program, the Governor made the attendees read about the objectives and fundamental duties of the Constitution.
Rajyogini Brahmakumari Asha Didi, Director, Om Shanti Retreat Center, Gurugram said that administrative officers can give new dimensions to their work by awakening the source of their inner energy through spirituality. He suggested the officers present to practice meditation regularly so that they can discharge their duties with love, compassion, and empathy.
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जयपुर , 20 मई 2022: राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी, प्रशासक सेवा प्रभाग की अध्यक्षा बीके आशा दीदी, जोनल कोऑर्डिनेटर बीके पूनम दीदी एवं हेडक्वार्टर कोऑर्डिनेटर बीके हरीश भाई ने आज राजस्थान के राजभवन जयपुर में प्रशासकों, कार्यपालकों और प्रबंधकों के आध्यात्मिक सेवा के लिए आयोजित अभियान का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर परियोजना के तहत राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के प्रशासक सेवा प्रभाग द्वारा “प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए आध्यात्मिकता” विषय पर आयोजित किया गया।
राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहां कि प्रशासन एवं अध्यात्म में गहरा संबंध है प्रशासन को चलाने के लिए नैतिक मूल्यों को अपनाना और अपने कर्तव्यों का पालन करना अति आवश्यक है साथ ही आत्मा के बारे में अधिक से अधिक जानना यही अध्यात्म है और अध्यात्म से सकारात्मकता का विकास होता है।
ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा की शांति से बढ़कर कोई संपत्ति नहीं और प्रशासन में लव एवं लो का बैलेंस होना जरूरी है और यह बैलेंस रखने में आध्यात्मिकता हमें शक्ति प्रदान करती है अध्यात्म प्रशासन में सही निर्णय शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है और जीवन में दुआओं का खजाना जमा होता है।
इस अवसर पर बीके पूनम दीदी ने कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं अपने उद्बोधन में कहा कि प्रशासन में सेवा भाव , करुणा , क्षमा का गुण अति महत्वपूर्ण है |
इस आयोजन में माउंट आबू से आए हेडक्वार्टर कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमार हरीश भाई एवं कानपुर से आए रिटायर्ड आई.ए.एस सीताराम मीणा आदि ने भी अपने विचार रखे।