03 जनवरी, शांतिवन- आबू रोड
ब्रह्माकुमारीज् मुख्यालय शांतिवन, आबू रोड में
भारत की माननीय राष्ट्रपति बहन द्रोपदी मुर्मू जी का उद्बोधन
ब्रह्माकुमारीज् संस्थान के विभिन्न सेवाकेन्द्रों पर जो अध्यात्म शक्ति प्राप्त होती है उसका ज्वलंत उदाहरण यह है कि एक समय मैं स्वयं अंधकारमय जीवन की ओर अग्रसर हो गई थीI मेडिटेशन और ध्यान-योग के माध्यम से मुख्य धारा में लौटीI उक्त उद्गार देश की माननीय राष्ट्रपति बहन द्रोपदी मुर्मू ने, ब्रह्माकुमारीज् संस्थान के शांतिवन परिसर में ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ थीम के तहत ‘आध्यात्मिक सशक्तिकरण से स्वर्णिम भारत का उदय’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रकट कियेI
उन्होंने कहा कि विश्व में अनेकों संस्थान कार्यरत हैं लेकिन ब्रह्माकुमारीज् एक ऐसा संस्थान है जो बहनों द्वारा संचालित किया जाता हैI संस्थान में वरिष्ठ भाइयों द्वारा पीछे से सहयोग किया जाता हैI ब्रह्माकुमारीज् संस्थान की सफलता यह सिद्ध करती है कि अवसर मिलने पर महिलाएं, पुरुषों से बेहतर कार्य कर सकती हैंI एक आध्यात्मिक संस्था के रूप में केवल ब्रह्माकुमारीज् ही नहीं ऐसी कई संस्थाएं इस दिशा में आगे बढ़ रही हैंI आज यह संस्थान विश्व के 137 देशों में पांच हजार सेवाकेन्द्रों का संचालन कर रहा हैI इसके संचालन में महिलाओं की अग्रणी भूमिका होती हैI संस्थान महिलाओं द्वारा संचालित विश्व का सबसे बड़ा संस्थान हैI ब्रह्माकुमारीज् महिलाओं के सशक्तिकरण में सक्रिय भूमिका निभा रही हैI ऐसे में उन्हें शक्ति स्वरूप बनकर आगे आना होगाI ब्रह्माकुमारी बहनें-बेटियां लोगों के अंदर सतोगुण जागृत करने के लिए उन्हें जागरूक करने का कार्य करेंI ब्रह्माकुमारी बहनें लोगों में प्रेम, शांति और आत्मीयता को भरने और उनके अंदर विकारों को समाप्त करने का कार्य कर रही हैंI राजयोग से मेरा जीवन अंधकार से दूर हुआI
ब्रह्मा बाबा ने नारी के ऊपर कलश रखा
मुर्मू ने कहा कि युद्ध और कलह के वातावरण में विश्व समुदाय समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा हैI हमें कलियुग की मानसिकता को ख़त्म करना होगा और सतयुग की मानसिकता का आह्रान करना होगाI इसके लिए हम सबको मन में सत्वगुण को अपनाने का प्रयास करना होगाI मैं संस्थान के संस्थापक ब्रह्मा बाबा को नमन करती हूं और धन्यवाद देती हूं कि महिलाओं को पूरे विश्व में शांति और शक्ति प्रदान करने के लिए उनके सिर पर कलश रखा हैI ब्रह्मा बाबा ने जिस तरह महिलाओं को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाई, वैसे अन्य संस्थानों को भी प्रयास करने होंगेI
दया और करुणा भारतवासियों के मूल्यों में है
राष्ट्रपति ने कहा कि दया और करुणा की भावना भारतवासियों के जीवन मूल्यों में हैI माउंट आबू से शुरू हुआ ये अभियान समस्त भारतवासियों को सशक्त बनाने और समाज को सशक्त बनाने में संबल प्रदान करेI बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद मुर्मू का ब्रह्माकुमारीज् में पहला दौरा हैI इसके पूर्व वे झारखंड का राज्यपाल रहते हुए दो बार और माउंट आबू सात बार आ चुकी हैंI
प्रत्येक मनुष्य शांति के लिए प्रयास कर रहा
राष्ट्रपति ने कहा कि इस धरती पर प्रत्येक मनुष्य मानसिक शांति के लिए प्रयास कर रहे हैं चाहे वो किसी देश, जाति, संप्रदाय के होंI शांति भी भोजन की तरह आवश्यक हैI ब्रह्माकुमारीज् शांति और आनंद के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही हैI अध्यात्म ही वो प्रकाशपुंज है जो पूरी मानवता को सही राह दिखा सकता हैI मेरा मानना है कि अमृत काल में 2047 के स्वर्णिम भारत के लिए आगे बढ़ते हुए हमारे देश को विश्वशांति के लिए विज्ञान और अध्यात्म दोनों का उपयोग करना होगाI हमारा लक्ष्य है कि भारत एक नॉलेज सुपर पॉवर बनेI हमारी आकांशा है कि इस नॉलेज का उपयोग सस्टेनेबल डवलपमेंट के लिए हो, महिलाओं और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए हो, युवाओं के विकास, विश्व में स्थाई शांति की स्थापना के लिए होI
भारत शांतिदूत की भूमिका निभा रहा है
उन्होंने कहा कि भारत इस समय जी-21 की अध्यक्षता कर रहा है, जिसकी थीम है वसुधैव कुटुम्बकम् यानि वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचरI अपनी संस्कृति के आधार पर हमारा देश आध्यात्मिकता और नैतिकता के निर्माण के लिए सक्रिय हैI हमारे देश ने कोरोना काल में भी विश्व के अन्य देशों की मदद कीI
भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, आदि-शंकराचार्य, संत कबीर और महात्मा गाँधी जी की शिक्षाओं ने पूरे विश्व को प्रभावित किया हैI अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के साथ-साथ भारत शांति के अग्रदूत की भी भूमिका निभा रहा हैI माउंट आबू से शुरू यह क्रांति देश के लोगों को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाएगीI माउंट आबू से जाकर बहनें, पूरे विश्व में लोगों के अंदर विराजित शक्ति को पहचानने, सशक्त बनाने, ज्ञान देने और जागरूक करने का कार्य कर रही हैI
सिकंदराबाद और इंदौर के रिट्रीट सेंटर का वर्चुअल शुभारंभ किया
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने वर्चुअल रिमोट का बटन दबाकर सिकंदराबाद में नवनिर्मित साइलेंस रिट्रीट सेंटर और मप्र के इंदौर में बन रहे शिवशक्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर के ऑडिटोरियम एवं शिवदर्शन आर्ट गैलरी का भी शुभारंभ कियाI
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