– महाराष्ट्र के वित्त, निर्माण और वन मंत्री सुधीर मुंगातीवर ने भी रखे विचार
– यूएसए से पधारीं सीनियर जर्नलिस्ट व टीवी एंकर रोलांडा वाट बोलीं यहां से वन गॉड, वन फैमिली का दिया जा रहा संदेश
– वैश्विक शिखर सम्मेलन….
– आध्यात्म, विज्ञान और पर्यावरण विषय पर आयोजित सम्मेलन
30 सितंबर, आबू रोड।
ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन में चल रहे वैश्विक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को देश-विदेश से पधारीं अपने क्षेत्र की शख्सियतों ने आध्यात्म, विज्ञान, पर्यावरण के साथ जीवन मूल्य, मानव जीवन का लक्ष्य, शांति, प्रेम और पवित्रता पर जोर दिया। पहला सत्र 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चला। अंत में देशभर से आए पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ताओं का स्वागत किया गया।
उप्र की महिला, परिवार व बाल कल्याण एवं टूरिज्म मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि लीडर वही होता है जो अपनी विधा में कीर्तिमान स्थापित करे। ब्रह्मा बाबा ने ऐसे समय में बेटियों को आगे बढ़ाया जब भारत की लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने की अनुमति नहीं थी। ब्रह्मा बाबा द्वारा लगाया गया एक छोटा सा पौधा आज वटवृक्ष का रूप ले चुका है। हमने दुनिया को अनेक धर्म और फिलॉसफी दी है। ब्रह्माकुमारी बहनें एकता का सिद्धांत विश्वभर में दे रही हैं। बहनों द्वारा जो शांति, पवित्रता, भाईचारा, प्रेम का संदेश दिया जा रहा है यदि इनमें से हम एक बात ही ग्रहण कर लें तो जीवन सुधर जाएगा। ब्रह्माकुमारी बहनें विश्वभर में शांति का संदेश फैला रही हैं। यहां से जुड़े लोगों को ईश्वर ने दूत बनाकर भेजा है।
यहां सभी धर्म-जाति के लोग, ये आध्यात्म का कमाल..
मंत्री बहुगुणा ने कहा यहां हर धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग हैं ये हमारे देश की महानता और आध्यात्म का ही कमाल है। अपनी चेतना और वजूद को समझना ही आध्यात्म है। आध्यात्म का अर्थ वैराग्य लेना नहीं है। आध्यात्मिक शक्ति का ही कमाल है जो स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपने उद्बोधन से विश्वभर में आध्यात्मिक संदेश दिया था। आज गंगा में स्नान करना मुश्किल..
मंत्री बहुगुणा ने कहा जिस दिन हम मान लेंगे कि जल ही जीवन है तो प्रदूषण नहीं करेंगे। गंदे नालों और सीवरेज का पानी गंगा में छोडऩे से हालत ये हो गई कि आज इसमें स्नान करना मुश्किल है। प्रदूषण रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होंगे। प्रधानमंत्री संदेश दे रहे हैं कि स्वच्छता ही सेवा है, जिस दिन हम इसे धारण कर लेंगे तो गंदगी नहीं रहेगी।
लीडरशिप की सोच बदलना होगी: मंत्री सुधीर
महाराष्ट्र के वित्त, निर्माण और वन मंत्री सुधीर मुंगातीवर ने कहा कि आज इस देश के लीडरशिप में इस सोच को भरना होगा कि हम गलत कामों से, गलत कृति से, गलत विचारों से देश को आगे नहीं चलाएंगे। तो हमारा देश उस नेतृत्व में चलेगा कि विज्ञान कितना भी आगे बढ़े, रामराज्य की सोच कायम रहेगी। देश आर्थिक दृष्टि से कितना भी संपन्न रहे। हमारा देश भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम, बुद्ध, महावीर का है। इस देश का आध्यात्म नहीं बदलेगा। आध्यात्म हमें सिखाता है कि ज्योत से ज्योत जलाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो।
मंत्री मुंगातीवर ने कहा कि रोजाना एक व्यक्ति 21,999 बार सांस लेता है। यदि मार्केट रेट के हिसाब से लगाएं तो 2100 रुपए का ऑक्सीजन पेड़ हमें रोज देते हंै। इस हिसाब से 80 वर्ष में एक पेड़ से हमें 6,13,20000 रुपए की प्राणवायु मिलती है। हमने कहा वन से धन तक और जंगल से मंगल तक जाना है। इसे लेकर ही हमने पेड़ लगाओ अभियान शुरू किया है। इसमें लक्ष्य से ज्यादा पौधरोपण किया। वृक्ष बचाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होंगे। पर्यावरण बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। आज संयुक्त राष्ट्र संघ भी जीडीपी की जगह प्रति व्यक्ति की खुशी पर बात करता है।
इन शख्सियतों ने भी रखे अपने विचार….
– यूएसए से पधारीं सीनियर जर्नलिस्ट व टीवी एंकर रोलांडा वाट ने कहा कि मैं कर्मों की पारदर्शिता पर विश्वास करती हूं। हम सभी में प्रेम और शांति होना चाहिए। ईश्वर के बिना जीवन अंधकारमय हो जाता है। यहां एक साथ सात हजार लोग देखकर अभिभूत हूं। विदेश में तो एकसाथ 300 लोग भी इक्कट्ठे नहीं होते हैं। क्योंकि यहां गॉड से लव करने की शिक्षा दी जा रही है। साथ ही वन गॉड, वन फैमिली का संदेश दिया जा रहा है। मैं यहां ईश्वरीय शक्ति का अनुभव कर रही हूं।
– मुंबई से पधारे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के डिप्टी डायरेक्टर पद्यश्री प्रो. रामाकृष्णा वी होसुर ने कहा कि ईमानदारी, सत्यता, दृढ़ता, नम्रता वैज्ञानिक पद्धति से विकसित नहीं होगी, इसके लिए आध्यात्म जरूरी है। अंतचेतना में ही झांकने से परमात्मा की अनुभूति होगी। भगवत गीता के ज्ञान को आत्मसात करने की जरूरत है। परमात्मा से रिश्ता जोडऩे के लिए गीता ज्ञान के अनुसार स्वयं का जीवन मर्यादा पुरुषोत्तम बनाना होगा। आध्यात्मिकता से ही सुख-शांति, पवित्रता, नि:स्वार्थ प्यार और एकता आ सकती है।
– कर्नाटक के विधानसभा उपाध्यक्ष एम. कृष्णा रेड्डी ने कहा कि इस संस्था की पहचान शांति और पवित्रता से है। 103 वर्षीय दादी जानकी हमारे सामने आदर्श हैं। समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। सामाजिक, प्राकृतिक, भौतिकता और आध्यात्मिकता का समन्वय यहां सुचारू रूप से देखने को मिलता है। यहां से विश्व में आध्यात्म और मूल्यों से जोडऩे का कार्य किया जा रहा है।
– नेपाल से पधारीं विधायक अनीता देवकोटा ने कहा कि यहां से वसुधैव कुटुम्बकम और सकारात्मक सोच का संदेश दिया जा रहा है। भौतिक विज्ञान से जीवन सार्थक नहीं होगा। इसके लिए आध्यात्म- विज्ञान को अपनाना होगा।
– बॉलीवुड व टीवी एक्ट्रेस सुषमा सेठ ने कहा कि यहां आकर सभी का व्यवहार देखकर आनंद आया। संस्था ने विश्वभर में जो बदलाव लाया है। आज विश्वभर के लोग हमारा आध्यात्म और योग सीख रहे हैं।
– सोशल सर्विस विंग के अध्यक्ष बीके अमीरचंद, मीडिया विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्म प्रकाश, ब्रह्माकुमारीज इंडोनेशिया बाली की डायरेक्टर बीके जानकी, मेडिकल विंग के अध्यक्ष और मुंबई बीएसईएस हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. अशोक मेहता ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शशी बहन ने किया। आभार मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बनारसीलाल ने माना।
फोटो- ३० एबीआर 01- यूएसए से पधारीं सीनियर जर्नलिस्ट व टीवी एंकर रोलांडा वाट संबोधित करते हुए।
फोटो- ३० एबीआर 02-उप्र की महिला, परिवार व बाल कल्याण एवं टूरिज्म मंत्री रीता बहुगुणा जोशी संबोधित करते हुए।फोटो- ३० एबीआर 03-महाराष्ट्र के वित्त, निर्माण और वन मंत्री सुधीर मुंगातीवर संबोधित करते हुए।
फोटो- ३० एबीआर 04- वैश्विक शिखर सम्मेलन में उपस्थित देश-विदेश से पधारे छह हजार से अधिक लोग।