Universal Culture Love-Peace-Harmony State Launch Program in ORC

73
– ब्रह्माकुमारीज कर रही है विश्व में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को फैलाने का सराहनीय कार्य – भूपेंद्र यादव
– वैश्विक संस्कृति प्रेम-शांति-सद्भावना अभियान का राज्य स्तरीय शुभारम्भ
– ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ आयोजन
– कार्यक्रम में 1200 से भी अधिक लोगों ने की शिरकत की

23 जून 2024, गुरुग्राम ; ब्रह्माकुमारीज संस्था विश्व में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को फैलाने का सराहनीय कार्य कर रही है। उक्त विचार
भारत सरकार के केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने व्यक्त किए। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में ये बात कही। वैश्विक प्रेम-शांति-सद्भावना अभियान का राज्यस्तरीय शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी बहनें विश्व के हर कोने में प्रेम-शांति-सद्भावना की प्रेरणा दे रही हैं। माननीय मंत्री जी ने कहा कि शांति वास्तव में मन को दुखों से निवृत करने का नाम है। शांति अंतर से आती है, बाहर से नहीं। नैतिक मूल्यों के अनुपालन से ही सच्ची शांति आती है। परनिंदा, हिंसा, लोभ एवं स्वार्थ के त्याग से ही शांति की अनुभूति होती है। माननीय मंत्री जी ने कहा कि प्रेम-शांति-सद्भावना के भावों को कला एवं संस्कृति के माध्यम से सहजता से जगाया जा सकता है। ब्रह्माकुमारीज संस्था ये कार्य बखूबी कर रही है।
करनाल से निफा के अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नू ने कहा कि शांति की शुरुआत मन से होती है। उन्होंने कहा कि शांति का अनुभव करने के लिए अहंकार और व्यर्थ की इच्छाओं को समाप्त करने की जरूरत है। पन्नू ने कहा कि निफा के सदस्य ब्रह्माकुमारीज संस्था के साथ मिलकर सहयोग के लिए तैयार हैं। ताकि बेहतर ढंग से मूल्यों के प्रति समाज के हर व्यक्ति को जागृत किया जाए।

संस्था के कला एवं संस्कृति प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी बीके चंद्रिका दीदी ने अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कहा की अभियान की शुरुआत अलग-अलग राज्य स्तर पर हो रही है। इसका प्रमुख उद्देश्य मानव को उसकी मूल संस्कृति प्रेम, शांति और सद्भावना का अहसास कराना है। 18 फरवरी 2024 को सबसे पहले गुजरात से माननीय राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा अभियान की शुरुआत की गई।

ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने अपने प्रेरदाई संबोधन में कहा कि प्रेम प्रकृति, आत्मा और परमात्मा की वो भाषा है जो इनके बीच में बेहतर सामंजस्य स्थापित करती है। प्रेम का अर्थ है देना। जितना हम देने का लक्ष्य रखते हैं, उतना संबंधों में मधुरता बनी रहती है। एक-दूसरे को स्वीकार करने से ही सम्मान की भावना बनी रहती है। एक-दूसरे के प्रति शुभ भावना रखना ही सद्भावना है। बीके सुनैना ने राजयोग के अभ्यास द्वारा शांति की अनुभूति कराई।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज द्वारा एक गीत की भी लॉन्चिंग की गई। जिसे बीके चांद बजाज ने गाया।

कार्यक्रम में संस्था के कला एवं संस्कृति प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके प्रेम एवं बीके पूनम ने भी अपने विचार रखे। बीके भावना ने अपने शब्दों के द्वारा सबका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा नैतिक मूल्यों पर आधारित सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। जिसमें गीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से प्रेम-शांति-सद्भावना को प्रदर्शित किया गया। बीके विधात्री, बीके रचना एवं बीके भानु ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में 1200 से भी अधिक लोगों ने शिरकत की।

Previous articleNational Media Training Brahma Kumaris, Shantivan, Abu Road
Next articleNational Women Conference Inaugurated at Mount Abu (Raj.)