Raipur( Chhattisgarh ): The Brahma Kumaris of Shanti Sarovar Retreat Center on Vidhan Sabha Road in Raipur, held a Symposium on the topic ‘Solution Based Media For A Prosperous Bharat‘. Sanjay Dwivedi, Director of IIMC New Delhi, was the Chief Guest on this occasion.
Sanjay Dwivedi, Chief Guest, while speaking on this occasion said that today’s journalism is based on western parameters. We have forgotten our own cultural values, which are based on welfare for all. Our journalism too was for public welfare. We need to indiginize our media. We need to take our media and society forward based on Indian culture and spiritual values. Media worked wonders for mass awareness during Covid Pandemic, showing its solution oriented nature. He warned against the trend of fake news on social media and urged people not to forward anything without verification. We need to go back and revive our spiritual principles. He urged media personnel to learn Rajyoga Meditation for good mental health.
Rajesh Badal, Senior Journalist and Filmmaker from New Delhi, said that during our Independence movement, Indian journalism was not divided by religion and caste. It was positive journalism. Today, it has become divided and politicized. We need to improve our media.
BK Manorama from Prayagraj, Co-ordinator of Religious Service Wing of RERF, said that the credit for bringing mental revolution amongst people during freedom struggle, goes to the media. Today negativity reigns supreme in our media. Media should report issues but also suggest solutions to these problems.
Shiv Dube, State Editor of Dainik Bhaskar, said that our society is not ready for a solution oriented media. People do not want to improve themselves. Social cooperation is essential to improve media. Dainik Bhaskar has started a no negative news content on Mondays initiative.
Justice Gautam Chauradia, Head of State Consumer Disputes Redressal Commission, said that good values are needed by the media to serve the society.
BK Kamla, Incharge of Brahma Kumaris in Raipur, Chandrashekhar Sahu, Former Minister, Shahid Ali, Media Department Head of Khushabhau Thakre Mass Communications and Journalism University, also addressed the gathering. Two minutes silent tribute was paid to deceased journalists Ramesh Nayar, Govind Lal Vohra and Kamal Dixit. Media Personnel from surrounding areas and Raipur attended this symposium in large numbers.
News in Hindi:
– वर्तमान मीडिया पश्चिमी मानको पर आधारित… संजय द्विवेदी, महानिदेशक, आईआईएमसी
– राजनीतिक दबाव में आकर पत्रकारिता अब साफ सुथरी नहीं रही… राजेश बादल
– शान्ति सरोवर में मीडिया परिसंवाद सम्पन्न
– ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी की सातवीं पुण्यतिथि पर हुआ आयोजन
रायपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में मीडिया परिसंवाद आयोजित किया गया। विषय था- समाधानपरक मीडिया द्वारा समृद्घ भारत।
परिसंवाद के मुख्य अतिथि भारतीय जनसंचार संस्थान (आई.आई.एम.सी.) नई दिल्ली के महानिदेशक संजय द्विवेदी ने कहा कि आज की पत्रकारिता पश्चिमी मानकों पर टिकी है। हम अपनी परम्परा को भूला बैैठे हैं। हमारी परम्परा लोकमंगल की है। इसलिए हमारी पत्रकारिता भी लोकमंगल के लिए है। अब हमें मीडिया का भारतीयकरण करना होगा। मीडिया को भारतीय परम्परा के अनुरूप और समाज को आध्यात्मिक आधार पर आगे बढ़ाना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि कोविड के दौरान मीडिया ने लोगों को जागृत करने का बहुत ही सराहनीय कार्य किया। उन्होंने समाज को डराया नहीं बल्कि समाधान प्रस्तुत किया। उन्होंने सोशल मीडिया में फेक न्यूज से बढ़ रहे खतरे के प्रति सचेत करते हुए कहा कि बिना सोचे समझे किसी भी जानकारी को आगे फारवर्ड न करें। न लाईक करें, न टाईप करें और न ही शेयर करें।
उन्होंने बतलाया कि ब्रिटेन में तलाक के बढ़ रहे मामलों पर रिसर्च मेें इसके पीछे फेसबुक और सोशल मीडिया का बढ़ रहा प्रयोग ही दोषी पाया गया है। बातचीत बढ़ी है लेकिन संवाद घट गया है। परिवार के लोग एकसाथ भोजन करने बैठे हैं किन्तु हाथ मोबाईल में व्यस्त है। ऐसे समय हमको फिर से आध्यात्मिकता की ओर लौटना होगा। उन्होंने मीडिया कर्मियों को मानसिक शान्ति के लिए राजयोग मेडिटेशन सीखने का सुझाव दिया।
नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्मकार राजेश बादल ने कहा कि पहले पत्रकारिता के क्षेत्र में धर्म, जाति के आधार पर भेद नहीं था। आजादी के समय सकारात्मक पत्रकारिता थी किन्तु आज यह टुकड़ों में बट गई है। राजनीति ऐसी हो गई है कि अब पत्रकारिता साफ सुथरी नहीं रही। यह सोचना ठीक नहीं कि पत्रकार समाज को ठीक नहीं करेगा बल्कि समाज को उसे सुधारना होगा। पश्चिम की बुराइयाँ तो हमने अपना ली किन्तु राजनेताओं और समाज के दबाव में आकर हमने अपनी अच्छाइयों को गंवा दिया।
प्रयागराज से पधारी धार्मिक सेवा प्रभाग की अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने मीडिया के महत्व को बतलाते हुए कहा कि आजादी के आन्दोलन में वैचारिक क्रान्ति लाने का श्रेय मीडिया को रहा है। आज की मीडिया बहुत बदल गया है। उसमें नकारात्मकता घर कर गई है। खासकर जो बातें टेलीविजन के माध्यम से कही जा रही है वह मानसिकता को प्रदूषित कर रहा है। समाज को किसी समस्या के बारे में बतलाना ठीक है किन्तु साथ में मीडिया उसका समाधान भी बतलाए।
दैनिक भास्कर के राज्य सम्पादक शिव दुबे ने कहा कि हमारा समाज समाधान परक पत्रकारिता के लिए तैयार नहीं है। हममें से हरेक व्यक्ति समाज को बदलना चाहता है किन्तु यह भी चाहता है कि उसे सुधारने वाला व्यक्ति पड़ोसी के घर पैदा हो। लोग स्वयं में कोई सुधार करना नहीं चाहते हैं। मीडिया में घोटालों की खबर पढ़कर लोग सड़कों पर नहीं निकलते बल्कि चुप बैठ जाते हैं। राजनीति करने के लिए सिर्फ विपक्ष के लोग सड़कों पर निकलते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से किसी व्यक्ति के बारे में अनर्गल बातें फैलाने की आलोचना करते हुए कहा कि यह गैर जिम्मेदाराना पत्रकारिता है। अब पत्रकारिता बहुत बदल गई है। समाधान परक पत्रकारिता के लिए समाज का साथ होना जरूरी है।
उन्होंने बतलाया कि सप्ताह की शुरूआत सकारात्मक खबरों से हो इसलिए दैनिक भास्कर ने हरेक सप्ताह सोमवार को नो निगेटिव न्यूज की शुरूआत की है।
राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा ने कहा कि समाज की दिशा और दशा को बदलने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। मीडिया समाज का आईना होता है। मीडिया के माध्यम से समाज को जागरूक कर सकते हैं किन्तु अच्छे संस्कार कहां से लाएंगे। अच्छे इन्सान बनाने के लिए बचपन से अच्छे संस्कार देने की जरूरत है।
मीडिया परिसंवाद को क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी, पूर्व मंत्री चन्द्रशेखर साहू और कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष शाहिद अली ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर दिवगंत पत्रकार रमेश नैयर, गोविन्द लाल वोरा, कमल दीक्षित आदि को दो मिनट मौन रहकर श्रद्घाजंलि अर्पित की गई। मीडिया परिसंवाद में राजधानी रायपुर के अलावा जगदलपुर, धमतरी, महासमुन्द, आरंग, अम्बिकापुर, बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग और भिलाई सहित बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने भाग लिया।