Mount Abu: The Chief of Brahma Kumaris Rajyogini BK Dadi Janki sent her deep note of respectful condolences from London and advised all the brothers and sisters of Brahma Kumaris Organisation to do Yoga for the noble soul, Honorable Former Prime Minister of India, Mr. Atal Bihari Vajpayee, to rest in peace. She mentioned that India has lost a great Soul. Former prime minister Atal Bihari Vajpayee has passed away at the age of 93 at the All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) in Delhi after prolonged illness.
Brahma Kumaris at Mount Abu cherishes his memories. He had special liking for 3 tourists places, Manali, Almora and Mt. Abu. First time he, as External Affairs Minister of India visited Mt. Abu to attend a conference on Global Co-operation for a Better World. In his powerful oration he said that man has been successful in creating a world of material comforts by the help of Science and Technology but have no peace and happiness. He said happiness is not in material achievement, for that man has to look inside his own Self. Money can buy medicines but not the health. It can provide fame and weapons of destruction. As long as there is agony in mind, restlessness within and no joy in the family, entire wealth of Lord Kuber (Deity of wealth) cannot get the happiness in man’s life.
He further said that man has successfully landed on moon but could not learn how to live on earth. He could fly in the air like birds, could live in water like fish but did not learn to live as a human being on land. Now the question is how to make use of Science in life. Fire can cook food at the same time it can burn to ashes our houses. He said that our intellect must be constructive but never destructive. This knowledge is available only at Brahma Kumaris at Mount Abu.
His second visit was on 30/4/95 to take part in Brahma Kumaris program at newly constructed Gyansarovar. He was then the Opposition Leader. In his speech, he said “The Brahma Kumaris Organization is like an open book.
You (Brahma Kumaris) have created this Harmony Hall, and you are running centres to inspire positivism in people. You have been providing training of various types; even foreigners are taking a share from that. Here they understand that it is the first step on the ladder of human welfare. It is a matter of great pleasure that our culture is being praised in other countries also. The organisations engaged in this noble task should be honoured, they should be provided co-operation.
“He, as a Prime Minister of India commenced the United Nations Peace Year observation at Prime Minister Residence in New Delhi. During that program Brahma Kumaris could collect maximum signatures for World Peace Campaign. The then Chief of Brahma Kumaris, Rajyogini BK Dadi Prakash Mani was felicitated with an Award by him.
Hindi News:
अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर ब्रह्माकुमारीज ने दी श्रद्धांजलि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पंसदीदा स्थान था माउण्ट आबू, तीन बार हुआ था आना संस्था प्रमुख राजयोगिनी दादी ने लंदन से भेजा शोक संदेश
11 फरवरी 1989 में माउंट आबू में पहली बार अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन को किया था सम्बोधित
आबू रोड, 16 अगस्त। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी निधन पर ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने लंदन से शोक संदेश भेजा है। जिसमें उन्होंने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश ने एक महान नेता को खो दिया है। उनकी आत्म शांति के लिए संस्थान के लोगों से ध्यान साधना करने का अपील की।
माउण्ट आबू से जुड़ी यादें: पूर्व प्रधानमंत्री की यादें माउंट आबू से भी जुड़ीं हैं। उन्हें तीन पर्यटन स्थल ज्यादा प्रिय थे जिसमें मनाली, अल्मोड़ा तथा माउण्ट आबू था। वह अपने राजनीतिज्ञ जीवन काल में तीन बार माउण्ट आबू आये थे। पहली बार वे भारत के विदेश मंत्री के हैसियत से ब्रह्माकुमारीज के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ग्लोबल कोआपरेशन फार बेटर वल्र्ड में भाग लेने के लिए आए थे। अपने ओजस्वी भाषण में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी की सहायता से मनुष्य ने भौतिक सुख-सुविधाओं से युक्त संसार का निर्माण करने में सफलता पाई है। लेकिन भौतिक समृद्धि में सुख नहीं है। सुख की खोज अपने भीतर करना होगी। पैसे से दवा खरीदी जा सकती है लेकिन स्वास्थ्य नहीं खरीदा जा सकता है। पूंजी से वैभव और विनाश के साधन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। लेकिन यदि मन में पीड़ा है, अंतर्मन में बैचेनी है, परिवार में सुख नहीं है तो मनुष्य को कुबेर की संपत्ति भी सुख प्रदान नहीं कर सकती है।
उन्होंने कहा था कि मनुष्य चंद्रमा तक पहुंच गया है लेकिन यह नहीं सीख पाया है कि धरती पर किस तरह रहना है। हम पक्षी की तरह आसमान में उड़ सकते हैं, मछली की तरह पानी में चल सकते हैं लेकिन इंसान धरती पर रहना नहीं सीख पाया है। प्रश्न है कि विज्ञान का उपयोग कैसे हो। आग में खाना भी पकाया जा सकता है तो आग से घर को भी जलाया जा सकता है। हमारी निर्माण की बुद्धि हो, विनाश की नहीं, ये शिक्षा माउंट आबू से ही मिलेगी।
इसके बाद वे 30 अप्रैल 1995 में भी माउण्ट आबू आये थे। तब वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के ज्ञान सरोवर एकेडेमी में कार्यक्रम में भाग लिया था। तब वे नेता प्रतिपक्ष थे। उन्होंने उस दौरान कहा था कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक खुली किताब की तरह है। इसके बाद एक बार और उनका आना हुआ था।
प्रधानमंत्री रहते किया था सम्मानित: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तब यूनाईटेड नेशन शांति की संस्कृति वर्ष चलाया था। जिसमें सबसे ज्यादा हस्ताक्षर ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने एकत्र किया था। उस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि को नयी दिल्ली स्थित प्रधानमत्री निवास स्थान पर सम्मानित किया था। उनके निधन पर ब्रह्माकुमारीज संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी तथा महासचिव बीके निर्वेर ने भी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए ध्यान साधना करने की अपील की है।
पूर्व प्रधानमंत्री को हजारों लोगों ने दी श्रद्धांजलि, ध्यान प्रार्थना का दौर जारी
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के निधन पर ब्रह्माकुमारीज संस्था के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन के कान्फ्रेन्स हॉल में हजारों लोगों ने ध्यान साधना कर श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही दिनभर ध्यान साधना का दौर जारी रहा। मेडिटेशन कक्ष में भी लोगों पूर्व प्रधानमंत्री बाजपेयी की आत्म शांति के लिए राजयोग मेडिटेशन होता रहा। इसके साथ ही शांतिवन से संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय तथा वरिष्ठ बहनों ने दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री को पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
शांतिवन सभागार हजारों लोगों ने कुछ मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इस अवस पर ब्रह्माकुमारीज संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव बीके निर्वेर, सूचना निदेशक बीके करूणा, शांतिवन प्रबन्धक बीके भूपाल, सोशल एक्टिीवीटी ग्रुप के अध्यक्ष बीके भरत, मेडिकल प्रभाग के सचिव बीके बनारसी लाल शाह, ज्ञानामृत के प्रधान सम्पादक आत्म प्रकाश समेत कई लोग उपस्थित थे।