Conference on Women Empowerment Begins at Mount Abu​

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Mount Abu, July 7 : A 4-day All India Conference on “Women as Torch Bearers of a Value-Based Society” convened by the Women Wing of Brahma Kumaris Organization was inaugurated at its Gyan Sarovar Academy,  here today.

Over six hundred women delegates and dignitaries representing different professions, sections and segments of society from all over India and Nepal have assembled at Brahma Kumaris Academy for a Better World here.

Smt. Kalyani Sharan, Chairperson, Jharkhand Women Commission addressing the inaugural session as Chief Guest said that there is an urgent need for spiritual empowerment of women to enable them not only to revive and restore their inner powers and potentialities of peace, patience, love, tolerance, sacrifice and selfless service, but also to become the torch bearers for making their children, family and society value based.

Stressing on the need to stop exploitation of women especially from tribal and backward states like Jharkhand, she urged the congregation to be a part of campaign for maximum moral and spiritual education and training of women at grass root level, apart from best possible material education.

Highlighting her day to day visit to the door steps of all aggrieved women in 24 districts of Jharkhand in last one year, she pledged to save the simple and innocent females of Jharkhand from domestic violence, superstitious blind faith and sexual exploitation, by sending the affected women and girls to Brahma Kumaris Centres and Hqrs. for spiritual empowerment training.

Rajyogini B.K. Chakradhari, Chairperson of Brahma Kumaris Women Wing, delivering the key note address said that womanhood has always been glorified by motherhood. Citing examples of women as mothers have remained the source of inspiration for great heroes like Pandavas, Shivaji and Gandhi, she urged the gathering to become role models of values, character and spiritual culture enabling for their children, family and society to become value based and developed.  For this, as well as for keeping the family, people and society together, women need more of moral and soft skill development education than worldly education.

Dr. (Mrs.) Shweta Dagar, Mrs. World 1st Runner Up winner in 2017 as a guest speaker said that while a weaker person seeks to change the outside world, stronger person seeks to change the self first.  She said that women needed to have more of inner strength and power through the practice of spirituality and mediation so that they can better balance and sustain their cultural tradition along with modern lifestyle.

Rajyogi BK Nirwair, Secretary General of the Brahma Kumaris in his video message in the conference said that in today’s atmosphere of fear and insecurity for women, there is an urgent need to value our core moral and spiritual values which can make their life truly peaceful, powerful, safe, fearless and beautiful.

Mrs. Anita Makhijani, Advisor, Union Ministry of Women & Child Development said that science and technology had made utmost outward development but had rendered our inner world vacuum without values of peace, love, harmony and happiness which spiritual education alone can provide.

Rajyogini B.K. Sharda, National Coordinator of Women wing said that women being endowed by nature with greater inner powers, rights and values than those of men, need awaken and restore those powers and values in self and others in society, by connecting their inner being with Supreme Soul, God through Rajyoga Mediation.

Rajogini Dr. Nirmala, Director, Gyan Sarovar Academy in her presidential address urged the participants to receive God’s powers to revive their inner values and powers through practice of spirituality and meditation that would enable them, not only to end their own stress and suffering but would also to end problems, pain and suffering of others in society.

While Senior Rajyoga Teacher B.K. Sheela, from Navi Mumbai conducted Rajyoga Meditation enabling the audience to experience deep inner peace and power;  Dr. B.K. Savita Behn, Hqrs. Coordinator of Women Wing conducted the inaugural session smoothly and effectively as Stage Coordinator.

​Hindi News: 

Press Release -1

आबू पर्वत ( ज्ञान सरोवर ) ०७ जुलाई २०१८. आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, ” महिला प्रभाग ” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय महिला सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मलेन का मुख्य विषय था – “महिला मूल्य निष्ठ समाज की पथ प्रदर्शक” . इस सम्मलेन में नेपाल सहित भारत वर्ष के विभिन्न प्रदेशों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधिओं ने भाग लिया। दीप प्रज्वलित करके सम्मेलन का उदघाटन सम्पन्न हुआ।

ज्ञान सरोवर की निदेशक राजयोगिनी डॉक्टर निर्मला दीदी जी ने इस सम्मेलन का अध्यक्षीय प्रवचन दिया। आपने कहा कि भारत की संस्कृति में आरम्भ से मातृ शक्ति का खास महत्व है। माताओं बहनो में मूल्य है , स्नेहा है ,प्रेम है और त्याग है। वह अपने जीवन को भी अपने बच्चों के लिए न्योछाबर कर देती है। हमारे अंदर की गुप्त शक्तियों को परमात्मा ने पहचाना और माताओं और बहनों को आगे रखा। यह एक विशेषता है यहां की।

माता ही प्रथम गुरु होती है और उसी बीज से बच्चें का संस्कार फलीभूत होता है। हम महिलाओं को अपने घर वालों का उद्धार तो करना ही है मगर अपने समाज और विश्व का भी उद्धार करना है। यह बड़ी भूमिका है हमारी। इस बात को समझ कर और फिर ईश्वर से शक्ति लेकर हम विश्व का कल्याण कर पाएंगे।

तब हम भी सुखी और विश्व भी सुखी। चैरिटी बेगिंस at होम। इस आधार पर घर परिवार का पहले कल्याण करिये। फिर विश्व की ओर। भारत की मातायें जागें और विश्व को जगा दें।

ब्रह्मा कुमारीस महिला प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी चक्रधारी दीदी ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने उदगार प्रकट किये। आपने कहा कि जिन पुरुषों ने कीर्तिमान स्थापित किये , उन सभी के पीछे नारियों का बलिदान रहा है। अर्थात महिलाओं ने गुप्त रहकर अनेक महान कार्य किये हैं। मगर अफ़सोस यह है की आज तक भी महिलाओं ने मिलकर मूल्यवान संसार का निर्माण नहीं किया है। कहीं न कहीं कुछ कमी भी रह गयी है।

नैतिकता सुन्दर शिक्षाओं को प्रदान करने से नहीं आएगी । माँ अथवा नारियां अपने नैसर्गिक गुणों के कारण मूल्यों को स्थापित कर सकती हैं। लोग घर बार छोड़ कर जंगलों में चले जाते हैं। मगर उससे क्या होगा ?? माँ तो घर में रह कर ही अपने बच्चों को मूल्यवान बना पाती हैं। बच्चे मात्र पुष्ट रहें यह काफी नहीं है बल्कि उसके विचार भी मूल्यवान रहें – यह अनिवार्य है। त्यागमूर्त माँ अपने आचरण से अपने बच्चों को महान बना सकती हैं।

ब्रह्मा कुमारीस महिला प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका राजयोगिनी शारदा दीदी ने आज के अवसर पर अपनी बातें कहीं। आपने कहा नारी शक्ति का दूसरा नाम माँ है। माँ , जैसे संस्कार बच्चों में डालना चाहे – डाल सकती हैं। नारियों में अपार शक्तियां हैं। जरूरत है उसको उभारने की। नारी ने हर क्षेत्र में नाम कमाया है। कोई शक नहीं है।

मगर आज नारियों का शोषण बड़े पैमाने पर जारी है। क्यों ??

आपने पूछा कि आज हर प्रकार के सहूलियतों के बावजूद भी क्या जीवन में सुख शांति है ?? नहीं है। क्योंकि नारियों को अपने जीवन में मूल्यों को जागृत करने की जरूरत है। पवित्रता ,शांति ,प्रेम और शक्तियों के जागरण से वह समाज के साथ साथ विश्व को दिशा दे सकती है।

कल्याणी शरण , अध्यक्षा , महिला आयोग झारखण्ड ने आज मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार प्रकट किये। आपने कहा – मैंने देश के हर राज्य का दौरा किया है। मगर इतना सुन्दर आयोजन यहां ज्ञान सरोवर में ही उपलब्ध हुआ है। नारियों को पथ प्रदर्शक बनाने में ये कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बच्चों को माताएं ही जन्म दे सकती हैं। पुरुष यह कार्य नहीं कर सकते। जब बेटा या बेटी नाम रौशन करता है तो माता का सर गर्व से ऊंचा हो जाता है। जीवन में सब कुछ है मगर शान्ति नहीं है तो जीवन व्यर्थ है। वह शांति यहां से प्राप्त हो रही है। यह अनमोल है। इसको हर कीमत पर प्राप्त कर लेना चाहिए।

अनीता माखीजानी , भारत सरकार में उप निदेशक , महिला और बाल विकास ने भी अपने विचार प्रकट किये। आपने कहा कि महिलाएं चाहती हैं की हर नर नारायण हो और नारी लक्ष्मी हो तथा बच्चा कान्हा हो। मगर प्रश्न है की ऐसा कैसे होगा ?? आज हर साधन है अपने पास। मगर ऐसी दुनिया अभी बनी नहीं है। कहाँ कमी रह गयी है ?? हमारे जीवन से हर दिन मूल्य दूर होता चला गया है और लगातार होता जा रहा है। अगर हम आध्यात्म को साथ लेकर चलेंगे तो मूल्यवान समाज बन जाएगा। मूल्य तो सभी को चाहिए। सभी महिला चाहती है कि उसका बच्चा मूलयवान हो -गुण सम्पन्न हो।

सबसे पहले मुझे खुद को रोले मॉडल बनना होगा। मैं मूल्यवान बनूंगी तो परिवार भी वैसा हो जाएगा।

श्वेता डागर , अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मान प्राप्त डेंटल सर्जन ने आज के अवसर पर अपनी बातें रखीं। आपने कहा कि मैं आज गौरवान्वित हो रही हूँ इस सभागार में आपको सम्बोधित करते हुए। परमात्मा का शुक्रिया करना चाहती हूँ। आपने बताया की माँ के विचारों से बच्चों का निर्माण होता है। महिलाओं के लिए विज्ञान को अपनाना बढ़िया है मगर आध्यात्म की समझ अगर साथ हो जाये तो वह बज़्र सामान बन जाती है। आध्यात्म से निर्भयता आती है जीवन में और वह महिलाओं के लिए अनिवार्य है।

ब्रह्मा कुमारी शीला बहन, नवी मुंबई ने राजयोग का अभ्यास करवाया।

कार्यक्रम के मध्य में संस्थान के महासचिव राजयोगी निर्वैर भाई का सन्देश भी सुनाया गया।

ब्रह्मा कुमारी डॉक्टर सविता ने मंच का संचालन किया। (रपट : बी के गिरीश , मीडिया ,ज्ञान सरोवर। )

Press Release – 2

समाज के लिए सक्षम पथ प्रदर्शक है मातृशक्ति 
ज्ञान सरोवर में राष्ट्रीय महिला सम्मेलन आरंभ
 
माउंट आबू, ७ जुलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में शनिवार को समाज की पथ प्रदर्शक महिला विषय पर तीन दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन झारखण्ड राज्य महिला आयोग अध्यक्ष श्रीमती कल्याणी शरण के मुख्य आतिथ्य में आरंभ हुआ।
श्रीमती कल्याणी शरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मातृशक्ति समाज के लिए सक्षम पथ प्रदर्शक है। महिला जीवन में आने वाली हर परिस्थिति को पार करने में सक्षम है। उसे अपनी आंतरिक शक्तियों का अहसास होना चाहिए। घरेलू ङ्क्षहसा, पारिवारिक व सामाजिक भेदवाव को मिटाने में आध्यात्मिकता केवल एकमात्र मार्ग है। बच्चों को मां से मिले संस्कार राष्ट्रहित के लिए प्रेरित करते हैं। महिलायें आध्यात्मिक शक्ति को अपनाने से समाज को बेहतर बनाने में अहम भूमिका अदा कर सकती हैं।
ज्ञान सरोवर निदेशिका डॉ. बीके निर्मला ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मां को सदा ही ऊंचा दर्जा दिया गया है। परमात्मा शिव ने महिला शक्ति के माध्यम से समाज को नया बनाने का कार्य आरंभ किया है। मां कई बातों का त्याग कर बच्चों के पालन पोषण में तत्पर रहती है ऐसे ही महिलाओं को जगतमाता बन विश्व का पालनपोषण करने में अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
महिला व बाल विकास मंत्रालय दिल्ली में सहायक तकनीकी सलाहकार अनिता मखिजानी ने कहा कि विज्ञान आधुनिक सुविधायें देने में सक्षम है लेकिन इस भागमदौड़ की जिंदगी में मानव अपने आंतरिक मूल्यों से दूर होता जा रहा है। ब्रह्माकुमारी संगठन की ओर से समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य ही पारिवारिक व सामाजिक समस्याओं से मुक्ति दिला सकता है। महिलाओं को छोटी-छोटी बातों में अपना समय गंवाने की बजाय समाज को कुछ देने में लगना चाहिए।
वियतनाम में हुई मिसेज इंडिया वल्र्ड वाइड प्रतियोगिता की उपविजेता, दंत चिकित्सक डॉ. श्वेता डागर ने कहा कि अध्यात्म जीवन को स्थिरता प्रदान करता है। समाज निर्माण में महिला शक्ति को आगे आने की जरूरत है इसके लिए ब्रह्माकुमारी संगठन का इतिहास समाज के आगे आईना है।
महिला प्रभाग अध्यक्षा बीके चक्रधारी ने कहा कि बिना मूल्य के दी जाने वाली शिक्षा से चरित्र की गरीबी बढ़ती ही जा रही है। बच्चों को बुराईयों से बचाकर उन्हें अच्छे संस्कार देना मां का उत्तरदायित्व बनता है। पौधा लगाना आसान होता हे लेकिन उसकी देखरेख करने का कार्य महत्वपूर्ण होता है।
प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके शारदा ने कहा कि मां का स्वाभिमान, आत्म सम्मान पुन: जागृत करने की आवश्यकता है। नारी शक्ति को समाज का पथ प्रदर्शक बनकर विश्व का परिवर्तन करना चाहिए। नैतिकता के मूल्यों के लिए सजग रहना है।
मुख्यालय संयोजिका बीके डॉ. सविता ने कहा कि परिवार व समाज को नई दिशा देने के लिए सर्वशक्तिमान परमात्मा से जुडऩे की आवश्यकता है।
माउंट आबू। महिला सम्मेलन का उदघाटन करते अतिथिगण।
माउंट आबू। महिला सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते वक्तागण।
माउंट आबू। सम्मेलन में उपस्थित महिला सहभागी।
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